नई दिल्ली। देश की सबसे पुरानी पार्टी की भविष्य की रणनीति को चाक-चौबंद करने के लिए ‘चिंतन शिविर’ से पहले कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाने के लिए पूरी तरह तैयार है। हालांकि पिछली सीडब्ल्यूसी बैठक में, पार्टी द्वारा पांच राज्यों में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद हार की समीक्षा कर सुधार के लिए रणनीति तैयार करने के लिए ‘चिंतन शिविर’ बुलाने का निर्णय लिया गया था।
केवल दो राज्यों में बची कांग्रेस
पार्टी अब केवल दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता में है और महाराष्ट्र और झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी ‘चिंतन शिविर’ के मुद्दों और तारीखों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं। चिंतन शिविर की तैयारी को लेकर पहले भी कई बैठकें हो चुकी हैं। कांग्रेस वार रूम में मंगलवार को हुई बैठक में वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी, जयराम रमेश, मुकुल वासनिक और पार्टी महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल चिंतन शिविर की तैयारियों पर विचार विमर्श किया।
गुजरात या हिमाचल में हो लग सकता है शिविर
पार्टी के एक शीर्ष सूत्र के अनुसार, दो-तीन दिनों के भीतर ‘चिंतन शिविर’ के अंतिम प्रस्ताव जैसे एजेंडा, तारीख और स्थल पर काम किया जाएगा और सीडब्ल्यूसी द्वारा अंतिम मंजूरी दी जाएगी। सूत्र ने कहा कि सबसे पुरानी पार्टी गंभीरता से विचार कर रही है कि यह स्थल गुजरात या हिमाचल प्रदेश जैसे चुनावी राज्यों में होना चाहिए जहां साल के अंत में चुनाव होने हैं।
पिछले महीने हुई थी सीडब्यूसी की बैठक
बता दें कि इससे पहले पार्टी ने पांच राज्यों में चुनाव में हार के बाद 13 मार्च को सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि हार का आकलन करने और भविष्य के रोड मैप को तैयार करने के लिए एक ‘चिंतन शिविर’ आयोजित किया जाएगा।