चीन-पाक को झटका, रूस ने पेश की दोस्ती की मिसाल, पीओके और अक्साई चीन को बताया भारत का हिस्सा,
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की विदेश नीति को एक बड़ी सफलता मिली है। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत ने जिस तरह अपने पुराने दोस्त रूस का साथ दिया है, उससे प्रभावित होकर रूस ने भी दोस्ती की मिसाल पेश की है। इसकी झलक रूसी सरकार द्वारा जारी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के नक्शे में देखने को मिली है। पाकिस्तान और चीन भी एससीओ के सदस्य हैं, उनकी परवाह किए बिना रूस ने यह नक्शा जारी किया है। इससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत और रूस की दोस्ती कितनी मजबूत हुई है।
रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक द्वारा जारी एक नक्शे में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और अक्साई चीन के साथ अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा बताया गया है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर और लद्धाख को भी भारत का अभिन्न हिस्सा दर्शाया गया है। रूस द्वारा जारी इस नक्शे से विश्व मंच व शंघाई सहयोग संगठन के बीच भारत की स्थिति और मजबूत हुई है। भारत के सरकारी सूत्रों ने कहा है कि एससीओ के संस्थापक सदस्यों में होने के नाते रूस ने नक्शे का सही ढंग से चित्रण कर रिकॉर्ड स्थापित किया है।
इस मानचित्र ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और एससीओ के भीतर जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर भारत पक्ष को और मजबूत किया है। अक्साई चीन और पीओके को एक साथ भारत के हिस्से के रूप में दिखाना राजनीतिक रूप से स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक अभूतपूर्व घटना बताया जा रहा है। पाकिस्तान आजादी के बाद से ही पीओके को हासिल करने के लिए प्रत्यक्ष और छद्म युद्ध से लेकर आतंकवाद तक तरह-तरह के हथकंडे अपना चुका है। लेकिन उसके नापाक कोशिशों को कामयाबी नहीं मिली है। रूस के इस फैसले से पाकिस्तान को जोरदार झटका लगा है।
अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम ने हाल ही में पीओके की यात्रा की थी। उन्होंने इस इलाके को ‘आजाद कश्मीर’ कहा था। इससे पहले अप्रैल में विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी प्रतिनिधि इल्हान उमर की पीओके यात्रा को संकीर्ण मानसिकता वाली राजनीति करार दिया था। हालांकि, बीते तीन साल में किसी अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की यह पहली यात्रा थी। उमर ने अपनी यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के मुद्दे के साथ-साथ अनुच्छेद 370 की समाप्ति को लेकर भी बयान दिया था।
चीन ने हाल ही में SCO के लिए जारी किए गए मैप में भारत के कुछ इलाकों को अपने इलाके के हिस्से के तौर पर दिखाकर अपनी विस्तारवाद की नीति को परिभाषित किया था। एक सरकारी सूत्र ने कहा कि एससीओ के संस्थापक सदस्यों में से एक रूस द्वारा भारत के नक्शे के सही चित्रण ने सीधे रिकॉर्ड स्थापित किया है। गौरतलब है कि सोवियत संघ और रूस ने 1947 से कश्मीर पर भारत का समर्थन किया है और भारत विरोधी प्रस्तावों को अवरुद्ध करने के लिए यूएनएससी में वीटो का इस्तेमाल किया है।