Tuesday, November 26, 2024

राज्य

उत्तर प्रदेश में महंगाई नियंत्रित करने का प्रयास, 31 दिसंबर तक लागू रहेगी खाद्य तेल और तिलहन पर स्टाक सीमा

Efforts to control inflation in Uttar Pradesh

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार की अधिसूचना के क्रम में खाद्य तेलों और तिलहनों की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने का प्रयास प्रारंभ कर दिया है। प्रदेश सरकार ने कमिश्नर तथा डीएम को सभी जगह पर स्टाक सीमा सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है।
केन्द्र सरकार की अधिसूचना के क्रम में अब प्रदेश में भी खाद्य तेल और तिलहन पर स्टाक सीमा इस साल 31 दिसंबर तक लागू रहेगी। यह निर्णय खाद्य तेलों और तिलहनों की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए किया गया है। प्रदेश के खाद्य आयुक्त सौरभ बाबू की ओर से मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों और संभागीय खाद्य नियंत्रकों को इस बारे में आदेश जारी कर दिया गया है। केन्द्र सरकार ने बीती एक अप्रैल को इस बारे में अधिसूचना जारी की थी।
खाद्य आयुक्त की ओर से जारी आदेश के अनुसार खाद्य तेलों की स्टाक सीमा खुदरा विक्रेताओं के लिए 30 क्विंटल, थोक विक्रेताओं के लिए 500 क्विंटल, खुदरा विक्रेताओं की दुकानों की बड़ी चेन के लिए 30 क्विंटल और डिपो के लिए 1000 क्विंटल निर्धारित की गई है। वहीं तिलहन की स्टाक सीमा खुदरा व्यापारियों के लिए 100 क्विंटल, थोक विक्रेताओं के लिए 2000 क्विंटल तय की गई है। खाद्य तेलों के प्रोसेसर अपनी भंडारण क्षमता के 90 दिनों तक का स्टाक कर सकते हैं। तिलहन के प्रोसेसर दैनिक उत्पादन क्षमता के अनुसार खाद्य तेलों के 90 दिनों के उत्पादन के लिए स्टाक रख सकते हैं।
खाद्य आयुक्त ने खाद्य तेल और तिलहन पर लागू स्टाक सीमा का अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। इसके लिए जिलाधिकारी, मजिस्ट्रेट/उप जिलाधिकारी के नेतृत्व में खाद्य एवं रसद, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग व राज्य कर विभागों की संयुक्त टीम गठित कर व्यापारियों के दाल, तिलहन व खाद्य तेलों के स्टाक की सघन चेङ्क्षकग कराने का भी निर्देश दिया गया है। यदि संबंधित इकाइयों का स्टाक तय सीमा से ज्यादा है तो उन्हें इसकी घोषणा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के पोर्टल पर करनी होगी। साथ ही, उन्हें अपने स्टाक को इस अधिसूचना के जारी होने से 30 दिनों के भीतर तय सीमा तक लाना होगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि व्यापारियों से खाद्य तेल व तिलहन के स्टाक की घोषणा केंद्र सरकार के पोर्टल पर करायी जाए और समय-समय पर उनके स्टाक का सत्यापन भी कराया जाए।