
डलहौजी में बादल फटा; कुल्लू में फ्लैश फ्लड, छह की मौत
चंबा जाने के सारे रास्ते बंद; आज ऊना, चंबा, कांगड़ा और कुल्लू जिला में सारे शैक्षणिक संस्थान बंद
शिमला
हिमाचल में मानसून ने रविवार को फिर रूद्र रूप दिखाया और चंबा के डलहौजी में बादल फटने और कुल्लू में फ्लैश फ्लड ने भारी तबाही मचाई है। बरसात के चलते पिछले 24 घंटों में राज्य में छह और लोगों की मौत हुई है, जिसके बाद मौतों का कुल आंकड़ा 304 पर पहुंच गया है। भारी बरसात और भू-स्खलन के चलते चंबा और कांगड़ा में एक-एक, मंडी में तीन और सिरमौर में एक व्यक्ति की मौत हुई है। इसके साथ घायलों का आंकड़ा 360 पर पहुंच गया है। राज्य में रविवार शाम तक 482 सडक़ें आवाजाही के लिए बंद पड़ी थीं, वहीं दो एनएच भी बंद हैं। प्रदेश को मानसून से कुल नुकसान की बात करें, तो यह आंकड़ा 2348 करोड़ तक पहुंच गया है। इसके अलावा 941 ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं, वहीं पेयजल की 95 योजनाएं बाधित हैं। चंबा जिला के डलहौजी के तलाई में सुबह दस बजे के करीब बादल फटा। बादल फटने के बाद आए फ्लैश फ्लड में रेन शेल्टर और एक भवन बह गया है। फ्लैश फ्लड का पानी गुनियाला गांव में पहुंचने पर गाडिय़ों और ट्रांसफार्मर को भी नुकसान पहुंचने की सूचना है। यहां पर कई सडक़ें बाधित हुई हैं, जिनमें पठानकोट-चंबा एनएच, बनीखेत-डलहौजी-खजियार वाया लक्कड़ मंडी, चंबा-खजियार वाया गेट, चंबा-भरमौर एनएच, चंबा-होली, तुनुहट्टी-लाहडू-चुवाड़ी, शाहपुर-सिंहूता-लाहडू रोड, चंबा-भटियात वाया जोत, बनीखेत-डलहौजी, चंबा-सलूणी, चंबा- तिस्सा व चंबा-पांगी वाया साच सडक़ बंद हो गई है।
कुल्लू जिला में भुंतर की बशौणा पंचायत के बशौणा नाला में रविवार को फ्लैश फ्लड आया, जिससे यहां पर नाले का मलबा लोगों के खेतों में घुस गया। मलबे के खेतों में घुसने से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। प्रदेश के कांगड़ा, ऊना, मंडी, सिरमौर और सोलन जिला में भी कई स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई। कांगड़ा जिला के इंदौर उपमंडल में भारी बारिश और पौंग डैम से छोड़े गए पानी में दस मकान गिरा दिए और 100 से ज्यादा घरों और दुकानों में पानी घुस गया है। भारी बारिश के अलर्ट के बीच सोमवार को ऊना, चंबा, कांगड़ा और कुल्लू जिला में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। भारी बारिश के चलते ट्रांसफार्मर ठप पड़ जाने से आधे मंडी जिला और कुल्लू के 70 गांवों में अंधेरा पसरा हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में अब तक सामान्य से 16 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है और 30 अगस्त तक आसमानी आफत से कोई ज्यादा राहत नहीं मिलने वाली है।