अंतरराष्ट्रीय

दुनिया का हरामि देश बाज नहीं आ रहा

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ड्रैगन अपने डर्टी गेम से बाज नहीं आ रहा है। अब वह एंड्रॉयड मैलवेयर के जरिए दुनिया की जासूसी कर रहा है। एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। इससे पूरी दुनिया चौकन्नी हो गई है। ड्रैगन को लेकर यह नई रिपोर्ट सामने आई है जिसमें दावा किया जा रहा है कि चीन की कुछ साइबर एजेंसियां दुनियाभर के मुस्लिम और अल्पसंख्यकों की जासूसी करने के लिए एंड्रॉयड मैलवेयर का इस्तेमाल कर रही हैं। इसकी जानकारी सैन प्रâांसिस्को की मोबाइल साइबर सिक्योरिटी फर्म लुकआउट ने दी है। सिक्योरिटी फर्म ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चाइनीज हैकर्स के ग्रुप एंड्रॉयड मैलवेयर के जरिए यूजर्स की निजी जानकारी चोरी कर रहे हैं। इन मैलवेयर के नाम सिल्कबेन, डबल एजेंट, कार्बनस्टील और गोल्डनईगल है। ये सभी मैलवेयर डाटा चोरी के वैंâपेन (मोबाइल एडवांस्ड परसिस्टेंट थ्रीट) का हिस्सा हैं, जो साल २०१३ से चल रहा है। इस मामले में जीआरईएफ हैकिंग ग्रुप का नाम सामने आ रहा है। मैलवेयर के जरिए ये चीनी हैकर्स लोगों की निजी जानकारियों को चोरी करते हैं। इस डाटा में लोकेशन, कॉन्टेक्ट नंबर्स, टेक्स्ट मैसेज, कॉल हिस्ट्री, मोबाइल का सीरियल नंबर और मॉडल नंबर आदि शामिल हैं। माना जा रहा है कि ये हैकर्स मैलवेयर का इस्तेमाल कर चुपके से ऑडियो रिकॉर्डिंग करने में माहिर है। वहीं एक स्पाईवेयर का इस्तेमाल स्क्रीनशॉट लेने और फोटो चोरी करने में किया जा रहा है। एंड्रॉयड मैलवेयर वाली ऐप्स अंग्रेजी, चाइनीज, तुर्की, पाश्तो, फारसी, मलय, इंडोनेशियाई, उज्बेक और उर्दू / हिंदी भाषाओं में मौजूद हैं और इनके जरिए १४ देशों को टार्गेट किया जा रहा है, जिनमें प्रâांस, पाकिस्तान, सऊदी अरब, मलेशिया, मिस्र और ईरान जैसे देश शामिल हैं। गौरतलब है कि गूगल ने हाल ही में अपने प्ले स्टोर्स से ११ मोबाइल ऐप्स को हटा दिया है, जो यूजर्स को चूना लगाने का काम करते थे। ये सभी ऐप्स नामी मैलवेयर जोकर मैलवेयर से इनफेक्टेड थे और गूगल इन्हें साल २०१७ से ट्रैक कर रहा था। जानकारों के मुताबिक जोकर मैलवेयर इन ऐप्स में एक नए रूप में मौजूद था। हैकर्स इन ऐप्स के जरिए यूजर्स की बिना अनुमति के ही उन्हें प्रीमियम सर्विसेज के लिए सब्सक्राइब करा देते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ये ऐप्स इतने लंबे समय से गूगल की प्ले प्रोटेक्शन की नजरों से बचते रहे हैं, हालांकि गूगल ने अब इन्हें प्ले स्टोर से हटा दिया है। ऐसे में यूजर्स को भी इन ऐप्स को तुरंत डिलीट करने की सलाह दी जाती है। बता दें कि इस साल की शुरुआत में गूगल ने १७०० ऐप्स की एक लिस्ट जारी की थी और उन्हें प्ले स्टोर से हटा दिया गया था। उन ऐप्स में भी जोकर मैलवेयर पाया गया था।