Sunday, November 24, 2024

अंतरराष्ट्रीय

इमरान ने किया ‘धमकी भरे पत्र’ का जिक्र, कहा- मुझे हटाने के पीछे एक विदेशी मुल्‍क, अमेरिका ने खारिज किए आरोप

Imran mentioned 'threatening letter', said - a foreign country behind my removal, America rejected the allegations

इमरान ने किया ‘धमकी भरे पत्र’ का जिक्र, कहा- मुझे हटाने के पीछे एक विदेशी मुल्‍क, अमेरिका ने खारिज किए आरोप

इस्‍लामाबाद। इमरान खान ने गुरुवार को संकेत दिया कि नेशनल असेंबली में बहुमत खोने के बावजूद वे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि वे रविवार को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने को तैयार हैं। राष्ट्र के नाम एक संबोधन में, 69 वर्षीय खान ने ‘धमकी भरे पत्र’ पर भी चर्चा की, जिसमें कथित तौर पर उनकी गठबंधन सरकार को गिराने के लिए एक विदेशी साजिश का जिक्र करते हुए सुबूत दिए गए हैं। टीवी पर लाइव प्रसारण में उन्होंने इस खतरे के पीछे अमेरिका का नाम लिया।
नाटकीय अंदाज में लिया अमेरिका का नाम
इमरान खान ने कहा कि अभी आठ मार्च या इससे पहले सात मार्च को हमें एक अमेरिका ने… बाहर से एक मुल्‍क ने… मेरा मतलब किसी बाहरी मुल्‍क से हमें संदेश आता है जिसमें बताया जाता है कि वे पाकिस्तान पर क्यों गुस्सा हैं। उनका कहना था कि यदि अविश्‍वास प्रस्‍ताव के जरिए इमरान खान को हटा दिया जाता है तो पाकिस्तान को माफ कर दिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं होने पर पाकिस्तान को मुश्किल वक्‍त का सामना करना पड़ेगा। यह केवल इमरान खान के खिलाफ नहीं वरन पूरी आवाम के खिलाफ है।
आधिकारिक दस्‍तावेज में दी गई चेतावनी
पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि हैरानी की बात है कि यह चेतावनी किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ नहीं केवल इमरान के खिलाफ थी। किसी चुने हुए प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई दूसरा मुल्‍क इस तरह की बातें नहीं कर सकता है लेकिन ऐसा किया गया है और यह रिकार्डेड है। आधिकारिक दस्‍तावेज में ऐसी बात कही गई है।
विदेशी ताकतों के संपर्क में विपक्ष
इमरान ने कहा कि पत्र में कहा गया है कि अविश्वास प्रस्ताव दाखिल होने से पहले ही पेश किया जा रहा था। जिसका आशय है कि विपक्ष, विदेशी ताकतों के संपर्क में था। उन्होंने कहा कि पत्र उनके खिलाफ था, सरकार के खिलाफ नहीं। खान ने कहा कि यह एक आधिकारिक पत्र था जिसे पाकिस्तान के राजदूत को दिया गया था, जो बैठक के दौरान नोट्स ले रहे थे।
तीन ‘कठपुतलियों’ का किया जिक्र
इमरान ने कहा कि विदेशी अधिकारी जानते हैं कि उनके बाद सत्ता में आने वालों को बाहरी ताकतों से आदेश लेने में कोई दिक्कत नहीं होगी। लेकिन सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि हमारे लोग, जो यहां बैठे हैं, विदेशी शक्तियों के संपर्क में हैं। उन्होंने इस संदर्भ में तीन ‘कठपुतलियों’ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष शहबाज शरीफ, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी सह अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के मौलाना फजलुर रहमान का उल्लेख किया।
ज्यादा ताकतवर होकर निकलूंगा
इमरान खान ने कहा कि रविवार को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में वोटिंग होगी। इस रविवार को इसका फैसला हो जाएगा कि यह मुल्‍क अब किस तरफ जाएगा। क्या पाकिस्‍तान उसी गुलाम नीति पर चलेगा, क्‍या उन्‍हीं भ्रष्ट लोगों के हाथ में जाएगा जिन पर 30 साल से भ्रष्टाचार के आरोप हैं। मैंने जिंदगी में कभी हार नहीं मानी। नतीजा जो भी होगा उससे बाद मैं और ज्यादा ताकतवर होकर सामने आऊंगा।
आखिरी गेंद तक खेलूंगा
इमरान ने कहा कि क्या बाहरी देश ऐसे भ्रष्ट लोगों को अपने यहां में सत्ता में चाहते हैं? वे ऐसे भ्रष्ट राजनेताओं को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं, लेकिन मैं उन्हें स्वीकार्य नहीं हूं। खान ने कहा कि वे आखिरी गेंद तक खेलेंगे और रविवार को अविश्वास प्रस्ताव तय करेगा कि देश कहां जाएगा।
अमेरिका का आरोपों से इनकार
जाहिर है इमरान का इशारा अमेरिका की ओर था। हालांकि अमेरिका की ओर से इस बारे में स्‍पष्टिकरण जारी किया गया है। अविश्वास प्रस्ताव लाने में संलिप्तता के आरोपों को नकारते हुए अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान के मौजूदा राजनीतिक हालात पर उसकी ओर से कोई पत्र नहीं भेजा गया है। पाकिस्‍तानी अ‍खबार डान की रिपोर्ट के मुताबिक इमरान ने उक्‍त पत्र को पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश के साथ साझा करने की पेशकश की थी लेकिन बाद में मन बदल दिया। उन्‍होंने इस पत्र के बारे में अपने मंत्रियों को बताया है।
पाकिस्तान की संवि‍धानिक प्रक्रिया का करते हैं सम्‍मान
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने इमरान खान के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इनमें कोई सच्चाई नहीं है। हम पाकिस्तान के घटनाक्रम का बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। हम पाकिस्तान की संवि‍धानिक प्रक्रिया का सम्मान और समर्थन करते हैं।
क्‍या भ्रष्‍ट लोगों की सत्‍ता चाहते हैं
इमरान ने कहा कि सबसे ज्यादा परेशानी वाली बात यह है कि हमारे लोग, जो यहां बैठे हैं, विदेशी शक्तियों के संपर्क में हैं। इमरान ने अपने संबोधन में पूछा कि क्या देश (पत्र भेजने वाला) भ्रष्टाचार में शामिल होने पर किसी को अपना नेता बनने देगा। खान ने कहा क्या बाहरी देश ऐसे भ्रष्ट लोगों को अपने यहां की सत्ता में चाहते हैं। इमरान ने कहा कि वे ऐसे भ्रष्ट राजनेताओं को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं, लेकिन मैं उन्हें स्वीकार्य नहीं हूं।
इसलिए राजनीति में रखा कदम
खान ने कहा कि वे राजनीति में तब आए जब उनके पास पैसा और शोहरत सहित सब कुछ था। उन्होंने कहा कि राजनीति में शामिल होने का उनका एक उद्देश्य अपने राष्ट्र को सम्मान की भावना देना और उसे गुलामी से बाहर निकालना था।
परवेज मुशर्रफ पर बोला हमला
इमरान ने पूर्व सैन्य नेता परवेज मुशर्रफ की अध्यक्षता में एक बैठक का जिक्र किया। उस बैठक में मुशर्रफ ने कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका के युद्ध में पाक यदि शामिल नहीं होगा तो अमेरिका घायल भालू की तरह उस पर हमला कर सकता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अमेरिका का साथ दिया जिसके लिए इसे अपने 80 हजार सैनिकों की जान गंवानी पड़ी। अमेरिका के किसी और सहयोगी देश को इतनी बड़ी कीमत नहीं चुकानी पड़ी होगी।