Monday, November 25, 2024

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निजीकरण के विरोध में रेल कर्मियों ने किया प्रदर्शन, कहा-यह हमें मंजूर नहीं, ऐसी क्या समस्या है निजीकरण से पड़े पूरा मामला

Jammu : निजीकरण के विरोध में रेल कर्मियों ने किया प्रदर्शन, कहा-यह हमें मंजूर नहीं

 

Jammu Railway Employee काफी मेहनत के बाद जब यह क्षेत्र लाभप्रद स्थिति में है तो इसे निजी व्यवसायियों को सौंपा जा रहा है। सरकार ने कभी भी यह स्पष्ट नहीं किया कि जब सारी संपत्तियां बेच दी जाएगी तो भविष्य में खजाने में पैसा कहां से आएगा।रेलवे में निजीकरण के विरोध में रेल कर्मियों ने सरकार के विरुद्ध रोष व्यक्त करते हुए प्रदर्शन किया। रेल कर्मियों ने चेतावनी दी कि यदि रेलवे में निजीकरण को रोका नहीं गया तो वे रेल के चक्के रोकने को मजबूर हो जाएंगे।

 

नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे रेल कर्मियों ने केंद्र सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना (एनएमपी) के तहत 400 रेलवे स्टेशन, 90 पैसेंजर ट्रेनें, 1400 किलोमीटर का ट्रैक, रेलवे स्टेडियम, रेलवे की जमीन व कालोनियों को निजी हाथों में सौंपने जा रही है। यूनियन के नेताओं ने कहा कि सरकार की राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना का एकमात्र उद्देश्य देश की संपत्ति को बेचना है।

 

सार्वजनिक क्षेत्र को स्थापित करने में वर्षों की मेहनत और आम जनता का पैसा लगता है। काफी मेहनत के बाद जब यह क्षेत्र लाभप्रद स्थिति में है तो इसे निजी व्यवसायियों को सौंपा जा रहा है। सरकार ने कभी भी यह स्पष्ट नहीं किया कि जब सारी संपत्तियां बेच दी जाएगी तो भविष्य में खजाने में पैसा कहां से आएगा।

 

इस मौके पर यूनियन के उपाध्यक्ष रामपाल, उपाध्यक्ष रवि कुमार, रंजीत पासवान, मंडल युवा संयोजक प्रकाश चंद्र, जेपी सिंह आदि मौजूद रहे। टिकट का किराया बढ़ जाने से रेलयात्रा होगी महंगी निजीकरण का दूसरा पहलू यह है कि निजी कंपनियों का मुख्य उद्देश्य पैसा कमाना। ऐसे में रेलवे के निजीकरण से आम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। टिकट का पैसा बढ़ जाएगा, जिससे यात्रा महंगी हो जाएगी।

 

कम उपयोग में आने वाले मार्गों को निजी कंपनियां सबसे पहले बंद करेंगी, क्योंकि इन क्षेत्रों से उन्हें राजस्व की अधिक प्राप्ति नहीं होगी। रेलवे को निजी हाथों को सौंपने का प्रयास इंग्लैंड जैसे देशों में भी हो चुका है, लेकिन अब वहां की सरकार इस क्षेत्र को वापस सरकारी हाथों में लेने की सोच रही है।