मुख्यमंत्री धामी बोले- केवल ड्राइवर बदले, गाड़ी वही जो पांच साल सरपट दौड़ती रही
Uttarakhand Chunav 2022 चुनाव प्रचार अभियान के मोर्चे पर सक्रिय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विशेष बातचीत की। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस पर तीखे हमले किए। उन्हें इस बार भी बड़ी जीत दर्ज करने का भरोसा है।उत्तराखंड इन दिनों राज्य गठन के बाद पांचवें विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़ा है। सत्तारूढ़ भाजपा के चुनाव अभियान का नेतृत्व कर रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस पर तीखे हमले कर रहे हैं। भाजपा सरकार के पांच साल के विकास कार्यों और जन हितैषी निर्णयों के बूते उन्हें इस बार भी बड़ी जीत दर्ज करने का भरोसा है। पार्टी की चुनावी तैयारियों और संभावनाओं पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विस्तृत बातचीत कीवे कौन से मुद्दे हैं, जो राज्य में भाजपा को फिर सत्ता में वापस ला सकते हैं।
-देखिए, बहुत सारे मुद्दे हैं। उनमें सबसे बड़ा मुद्दा है वे विकास परियोजनाएं, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सड़कों से लेकर रेल और हवाई सेवा के क्षेत्र में उत्तराखंड को दी हंै। साथ ही कोरोना महामारी के दौरान निश्शुल्क टीकाकरण, मुफ्त राशन सरकार ने उपलब्ध कराया। उत्तराखंड सरकार ने भी बहुत सारी योजनाएं चलाई हैं। कोरोना महामारी के दौरान हमने पर्यटन, परिवहन, स्वास्थ्य, रेवेन्यू क्षेत्र के साथ ही महिला व युवा मंगल दलों को पैकेज से जोड़ा। आजीविका मिशन में काम कर रहे स्वयं सहायता समूहों को पैकेज के माध्यम से प्रोत्साहन और सहयोग देने की कोशिश रही। इसके अलावा 24 हजार पदों पर भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ की है। आंगनबाड़ी, आशा कार्यकत्र्ता, उपनल के कर्मचारी, पीआरडी जवान, भोजनमाताओं, सभी का ध्यान रखा। वृद्धावस्था, दिव्यांग व विधवा पेंशन, सभी को 1200 से 1500 रुपये किया है। राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ाई है। नई खेल नीति हम लेकर आए हैं। हमारी सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में 207 तरह की जांच निश्शुल्क की हैं। शिक्षा मित्रों व अतिथि शिक्षकों का मानदेय बढ़ाया है। सरकारी कर्मचारियों के लिए भी काफी कुछ किया। राज्यवासी हमारे भाव को जानते-समझते हैं। हमारे भाव में है कि हम उत्तराखंड को आगे बढ़ाना चाहते हैं। इसलिए विश्वास है सभी का हमें आशीर्वाद मिलेगा।भाजपा पर चेहरा बदलते रहने और स्थिर नेतृत्व न देने का आरोप है।
-यह कोई मुद्दा नहीं है, यह हमारी पार्टी का आंतरिक मामला था। इसे इस तरह समझा जा सकता है कि एक गाड़ी है, गाड़ी के ड्राइवर बदलते रहते हैं, गाड़ी अपनी सवारियों और उसमें रखे सामान के साथ सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंची है। मतलब, केवल ड्राइवर बदले, गाड़ी वही है जो पांच साल सरपट दौड़ी।कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने आपको अनुभवहीन बताया है।
-हरीश रावत तो बहुत अनुभवी थे, उनके अनुभव का लाभ उत्तराखंड की जनता को मिला, जब उन्हें टीवी पर लूट का लाइसेंस देते देखा था। उन्होंने अपने जीवनभर का अनुभव उत्तराखंड में लगाया। भू माफिया, शराब माफिया, खनन माफिया, गुंडे, बदमाशों, गिरोहबाजों को उन्होंने यहां संरक्षण दिया। उन्होंने किस तरह काम किया, सबने देखा है। उनके अनुभव का लाभ कांग्रेस को भी मिला था, क्योंकि उन्हीं के नेतृत्व में पिछली बार कांग्रेस चुनाव में गई थी, परिणाम सबने देखे। इस बार भी देख लिया, किस तरह कांग्रेस उनके अनुभव का लाभ उठा रही है। हरिद्वार से टिकट मांग रहे थे, पार्टी ने नहीं दिया, फिर रामनगर गए, दो दिन बाद वहां से भी उनसे टिकट वापस ले लिया गया। अब पैराशूट बनकर लालकुआं गए हैं। यह सब उनका अनुभव है। हमारा अनुभव यह है कि जो समय मिला, उसमें 550 से अधिक फैसले लिए। कोशिश की कि एक-एक पल राज्य के विकास में लगाएं। हमने सीखने की कोशिश की।भाजपा की पांच साल की सरकार से जनता को कई शिकायतें या नाराजगी होगी। सबसे बड़ी नाराजगी क्या है, जिसे आप दूर करेंगे।
-हम एक अच्छा उत्तराखंड बनाना चाहते हैं। हम चाहते हैं उत्तराखंड देश का श्रेष्ठ राज्य हो, नंबर एक राज्य हो, इसके लिए 10 सालों का विजन तैयार कर आगे बढ़ रहे हैं। सभी विभागों से अगले 10 वर्षों का रोड मैप मांगा गया। विचार श्रृंखलाएं आयोजित कीं, ताकि आत्मनिर्भर उत्तराखंड बनाने के लिए सुझाव सामने आएं। उत्तराखंड स्थापना का रजत जयंती वर्ष जब 2025 में मना रहे होंगे, तब हम देश के श्रेष्ठ राज्य हों, इस दिशा में काम कर रहे हैं। जनता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कार्यशैली, कार्य संस्कृति को अच्छी तरह से जानती है। उन्हीं के निर्देशन में आगे बढ़ रहे हैं, इसलिए आश्वस्त हैं कि उत्तराखंड की जनता का आशीर्वाद हमें मिलेगा।कांग्रेस का दावा है कि भाजपा इस बार 20 सीटों पर सिमट जाएगी।
-हमने नारा दिया है अबकी बार 60 पार, तो जितनी सीटें बचेंगी, अन्य पार्टियों में बंट जाएंगी।कोविड प्रोटोकाल की बंदिशों के कारण चुनाव प्रचार कितना प्रभावित है।
-बहुत अधिक नहीं, लेकिन चुनौती तो है। इसके बावजूद हम अपना प्रचार कार्य पूरा कर रहे हैं। बूथ स्तर पर कार्यकत्र्ता लगे हुए हैं और शक्ति केंद्रों पर संयोजक। हमारा संगठन पन्ना प्रमुख तक विस्तृत है। सभी लोग काम में जुटे हैं और इनके बूते इस बार भी हमें प्रचंड बहुमत मिलने वाला है। हमने नारा दिया है अबकी बार 60 पार। उत्तराखंड की जनता के अशीर्वाद और पार्टी कार्यकर्त्ताओं की मेहनत से हमें लक्ष्य की प्राप्ति होगी।
-इस बार कुछ सीटों पर उधार के प्रत्याशी उतारने की क्या मजबूरी रही।
-हमारी पार्टी लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चलने वाली पार्टी है। जीत पार्टी की प्राथमिकता है, इसे ध्यान में रखते हुए हमने समन्वय किया है। जिन्हें टिकट नहीं मिल पाया, उनका भी संगठन में उपयोग किया जाएगा।
-सत्ता में आने पर वे कौन सी गलतियां हैं, जिन्हें दोहराएंगे नहीं।
-इस बार मेरा कार्यकाल अल्प रहा, इस अवधि में जो निर्णय ले सकता था, लिए। पुरानी व्यवस्था के अनुसार ही आगे बढ़ने का काम किया। भाजपा की सरकार बनने पर निश्चित रूप से हमारा अगले 10 वर्षों के लिए जो रोडमैप है, उसके आधार काम करेंगे। किस तरह आर्थिकी बढ़े, पर्यटन, ऊर्जा के क्षेत्र में कैसे नए आयाम स्थापित किए जाएं, नौजवानों को किस तरह रोजगार मिले, हर गांव कैसे सड़क से जुड़े, इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रत्येक गांव तक हो, पलायन किस तरह रुके, उद्योगों की स्थापना हो, इन सभी को आधार बनाकर कार्य कर रहे हैं।
-केंद्रीय बजट के वे कौन-कौन से प्रविधान हैं, जिन्हें आप अपने प्रचार अभियान का हिस्सा बनाएंगे।
-बजट में सभी का ध्यान रखा गया है। महिलाओं, युवाओं, किसानों का, गरीबों का, वंचितों, शोषितों का। सबसे बड़ी बात यह कि बजट महामारी के दौरान लाया गया है। बजट में अगले 25 वर्षों का रोड मैप बनाया गया है। विश्व की सौ साल की सबसे बड़ी महामारी के बीच आने वाला बजट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन को प्रदर्शित करता है। भारतमाला के बाद पर्वतमाला जैसी योजना लाए हैं, पर्वतीय क्षेत्रों में रोप वे कनेक्टिविटी की योजना प्रस्तावित है। बजट निश्चित रूप से सर्वस्पर्शी है और सर्वग्राह्य भी।