प्रशांत बख्शी
देहरादून – धामी सरकार ने मानसून की संभावनाओं को देखते हुए बड़ा निर्देश जारी करते हुए राज्य में मानसून अवधि में राजकीय कार्मिकों को अवकाश स्वीकृत न किए जाने के निर्देश जारी किए हैं।
सोमवार को मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने जारी अपने निर्देश में कहा कि उत्तराखंड राज्य प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है तथा मानसून अवधि में राज्य में अतिवृष्टि, बाढ़, भूस्खलन, बादल फटने आदि प्राकृतिक आपदाओं से राज्य के कतिपय जनपद अत्यधिक प्रभावित होते हैं जिससे राज्य में जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है तथा शासकीय एवं निजी परिसंपत्तियों जनहानि एवं कृषि योग्य भूमि आदि की क्षति होती है इस स्थिति में प्रभावित लोगों को तत्काल राहत उपलब्ध कराने एवं राहत सामग्री वितरण एवं विद्युत पेयजल, परिवहन आदि को सुचारु करने में शासकीय अधिकारियों कार्मिकों की भूमिका महत्वपूर्ण जाती है शासन स्तर पर मानसून की तैयारियों से संबंधित समीक्षा बैठक में यह बात संज्ञान में आई है कि कतिपय अधिकारी कर्मचारी अपने विभागीय उच्चाधिकारियों से लंबी अवधि का अवकाश स्वीकृत कराते हुए अवकाश के उपयोग हेतु प्रस्थान कर जाते हैं जिससे मानसून अवधि में बचाव एवं राहत कार्यों में व्यवधान उत्पन्न होता है।
इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए आज जारी आदेश में मानसून अवधि वर्तमान से दिनांक 30 सितंबर तक अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़ते हुए किसी भी अधिकारी कर्मचारी का अवकाश स्वीकृत ना किया जाए यदि अपरिहार्य परिस्थिति में किसी भी अधिकारी कर्मचारी को अवकाश स्वीकृत किया जाता है तो अवकाश स्वीकृत अधिकारी का दायित्व होगा कि अवकाश स्वीकृत आदेश नहीं प्रतिस्थानी की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है ।।