प्रशांत बख्शी
क्लैरेन्स हाइस्कूल में गैर-ईसाईयों को बाईबल सिखना अनिवार्य करने के प्रकरण की जांच की जाएगी – कर्नाटक के शिक्षामंत्री
April 25, 2022
Update
हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से शिक्षामंत्री को कार्यवाही करने की मांग का ज्ञापन प्रस्तुत !
दाहिनी ओर बी.सी. नागेश से बातचीत करते हुए श्री. मोहन गौडा एवं अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ
बेंगलुरू (कर्नाटक) : यहां के क्लैरेन्स हाइस्कूल में सभी छात्रों को बाईबिल सिखना अनिवार्य किए जाने के विरोध में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से राज्य के शिक्षामंत्री बी.सी. नागेश से भेंट की गई । समिति के कर्नाटक राज्य प्रवक्ता श्री. मोहन गौडा ने कहा, ‘‘गैरईसाईयों को बाईबिल सिखना अनिवार्य करने के विरोध में शिक्षामंत्री को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया । इस पर शिक्षामंत्री श्री. नागेश ने इस विषय में जांच के आदेश दिए हैं, साथ ही ब्योरा मिलने पर तुरंत कार्यवाही का आश्वासन भी दिया है ।
श्री. गौडा ने आगे कहा कि, राष्ट्रीय बाल आयोग ने बेंगलुरू के जिलाधिकारी के क्लैरेंस प्रकरण में कानूनी कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं । हिन्दू जनजागृति समिति अब जिलाधिकारी आरै शिक्षामंत्री की ओर से कार्यवाही की जाने की प्रतीक्षा कर रही है । उसके उपरांत हम कानूनी लडाई लडनेवाले हैं । हमारी यह मांग है कि केवल क्लैरेंस हाईस्कूल ही नहीं, अपितु राज्य के सभी कॉन्वेंट विद्यालयों में धर्मांतरण करना अथवा छात्रों को बाईबिल सिखाने जैसी घटनाएं हो रही हैं क्या ?, ऐसे सभी घटनाओं की जांच की जाए और इन में संलिप्त लोगों को दंड मिले; यह भी हमने शिक्षामंत्री से मांग की है ।
26 अप्रैल
बंगलुरु : एनसीपीसीआर ने क्लेरेंस विद्यालय में छात्रों को बाइबिल ले जाने की सक्ती पर मांगी कार्रवाई रिपोर्ट
बेंगलुरु – राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने हिंदू जनजागृति समिति से शिकायत मिलने के बाद बेंगलुरु के उपायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर क्लेरेंस उच्च विद्यालय की कक्षा में छात्रों को बाइबल पढने के निर्देश के खिलाफ जांच की मांग की है।
एनसीपीआरसी ने लिखा, – “शिकायत में बताए गए आरोपों के मद्देनजर, यह देखा गया है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 और अनुच्छेद 2 और (3), किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के प्रावधानों का प्रथम दृष्टया उल्लंघन है।”
आयोग ने डीसी और डीएम से जांच शुरू करने और बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। इसने उन्हें इस पत्र की प्राप्ति के सात दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने को भी कहा है।
कर्नाटक हिंदू जनजागृति समिति के प्रवक्ता मोहन गौडा ने शनिवार को आरोप लगाया था कि, विद्यालय गैर-ईसाई छात्रों को कक्षा में अनिवार्य रूप से बाइबिल ले जाने के लिए कह रहा है। उन्होंने आरोप लगाया,“विद्यालय ने अपने प्रवेश पत्र में उल्लेख किया है कि, छात्रों को अनिवार्य रूप से बाइबल पढने, ले जाने और सीखने के लिए कहा गया है। वे गैर-ईसाई छात्रों को जबरदस्ती बाइबल पढ़ने और सीखने के लिए मजबूर कर रहे हैं।”
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एनसीपीसीआर ने यह भी तर्क दिया कि शिक्षा संस्थान उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुसार किसी भी छात्र पर धार्मिक शिक्षा लागू नहीं कर सकते हैं।
स्रोत : यूनि-वार्ता