Sunday, November 24, 2024

अंतरराष्ट्रीय

ब्रिटेन का सबसे बड़े फ्रॉड : 15 अरब रूपए की टैक्स चोरी, आरिफ पटेल और जफर अली दोषी करार

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आरिफ पटेल और जफर अली (तस्वीर साभार: Blog Preston)
जाली कपड़ों के घोटाले के मास्टरमाइंड भारतीय मूल के आरिफ पटेल (Arif Patel) को ब्रिटेन में अब तक की सबसे बड़ी टैक्स चोरी 150 मिलियन पाउंड (15 अरब से अधिक रुपए) का दोषी ठहराया गया है। विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चेस्टर क्राउन कोर्ट में 14 सप्ताह तक चली सुनवाई के बाद मंगलवार (11 अप्रैल 2023) को पटेल को गलत बही खाता पेश करने, सरकारी राजस्व में धोखाधड़ी करने के लिए साजिश रचने, ब्रांड के नाम पर जाली कपड़ों की बिक्री करने और मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी पाया गया।

 

प्रेस्टन के सॉक्स निर्माता 55 वर्षीय आरिफ पटेल पर एक आपराधिक गिरोह के साथ मिलकर कपड़ा और मोबाइल फोन के फर्जी निर्यात पर वैट भुगतान का दावा कर £97m (9 अरब से अधिक रुपए) का टैक्स चोरी करने का आरोप है। इन पैसों का इस्तेमाल उसने प्रेस्टन और लंदन में संपत्ति खरीदने के लिए किया। बताया जा रहा है कि वह बहुत पहले प्रेस्टन से भाग गया है और अभी वह दुबई में रह रहा है।

इस मामले में आरिफ के सह आरोपित दुबई के 58 वर्षीय मोहम्मद जफर अली को भी राजस्व में धोखाधड़ी करने और मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी पाया गया है। आरिफ और अली को अगले महीने सजा सुनाई जाएगी।

आरिफ पटेल ने कैसे रचा 150 मिलियन पाउंड का फ्रॉड?

आरिफ पटेल और Faisaltex ग्रुप की कंपनियों ने 2004 में नकली कपड़ों के थोक आयात की ओर रुख किया था। अगले तीन वर्षों के दौरान नकली डिजाइनर कपड़ों वाले दर्जनों कंटेनरों को पूरे ब्रिटेन में बंदरगाहों पर रोक दिया गया था। यूके के व्यापारियों को इसकी पुष्टि तब हुई जब ग्लासगो थोक व्यापारी को होने वाली एक डिलीवरी पुलिस द्वारा रोक दी गई। इसके बाद जाँच में ब्रांड के नाम पर जाली कपड़ों की बिक्री करने का मामला सामने आया था।
इस घोटाले को Carousel Fraud के रूप में जाना जाता है, जहाँ माल वास्तविक खरीदारों को बेचा जाता है, लेकिन पूरी प्रक्रिया अपराधियों द्वारा कंट्रोल होती है। आरिफ पटेल अक्सर मोहम्मद जफर अली से मिलने के लिए दुबई जाता था। इसके अलावा वह ब्रांड के नाम पर जाली कपड़े बनाने वाले निर्माताओं के साथ डील करने के लिए चीन और तुर्की भी जाया करता था। आरिफ पटेल के बारे में कहा जाता है कि वह शानदार जीवन जीने का शौकीन था। इस पैसों का इस्तेमाल उसने प्रेस्टन में संपत्ति खरीदने के लिए किया था, जिसमें लंकाशायर सिटी की मेन शॉपिंग स्ट्रीट फिशरगेट पर कमर्शियल प्रॉपर्टीज भी शामिल हैं।