Sunday, November 24, 2024

राजनीति

केजरीवाल ने दिल्ली में लागू किए तीनों कृषि कानूनों को यूपी के लिए बताया डेथ वारंट

 

उत्तर प्रदेश के मेरठ में किसान महापंचायत में पहुँचे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने तीनों कृषि कानूनों को डेथ वारंट बताया। केजरीवाल ने कहा कि पीएम मोदी ने अपने पूँजीपति मित्रों को फायदा पहुँचाने के लिए ये कानून पास कराया है। इस कानून के चलते सबकी खेती इन पूँजीपतियों के हाथ में चली जाएगी।

सबसे पहले राहुल गाँधी की तरह दोगलेपन की राजनीती करने वाले दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के बड़बोले झूठ बोल आरोपित करने पर कितने ही भाजपाइयों से माफ़ी मांग चुके हैं। अब भाजपा पर पूंजीपतियों के हाथ खेती की जमीन सौंपने की बात तो बोल दी, लेकिन उनमें से किसी का नाम नहीं लिया, क्योकि उनको डर था कि नेताओं के मुकदमें पर माफ़ी मांगकर निपटा लिए, अगर इन्होने मुकदमा ठोक दिया, माफ़ी मांगने की बजाए कमाया गया सारा पैसा भी कम पड़ जायेगा। लगता है कि कांग्रेस की तरह केजरीवाल और इनकी पार्टी #Confused है। पहले कानून को लागू करके #U-turn लेना ही सिद्ध कर रहा है। फिर कुछ बोलने से पहले केजरीवाल को राकेश द्वारा बेची गयी गन्ना फसल के बारे में भी जनता को बताना था। कितना झूठ बोलोगे?  

 

राकेश टिकैत के आँसू देख मन दुखित हुआ

केजरीवाल ने किसान नेता राकेश टिकैत के रोने का जिक्र करते हुए कहा, “जब किसान आंदोलन के दौरान राकेश टिकैते रो रहे थे तो मुझसे यह देखा नहीं गया। किसानों पर लाठियाँ बरसाई जा रही है, कीलें ठोकी जा रही है। ऐसा तो अंग्रेज़ो ने हमारे किसानों पर इतने जुल्म नहीं किए थे, भाजपा ने तो अंग्रेज़ो को भी पीछे छोड़ दिया।अब ये हमारे किसानों पर झूठे मुकदमे कर रहे हैं।”

 

केजरीवाल ने अपने संबोधन के दौरान कहा, ”आज अपने देश का किसान बहुत ज्यादा पीड़ा में है। किसान भाई परिवार समेत 95 दिनों से कड़कती ठंड में दिल्ली के बॉर्डर पर धरने पर बैठा है। 250 से ज्यादा किसान भाइयों की शहादत हो चुकी है। लेकिन सरकार के कान पर जूँ नहीं रेंग रहा है। उन्होंने कहा कि सभी पार्टी की सरकारों ने 70 सालों तक किसानों को धोखा दिया है। किसान 70 साल से अपनी फ़सल का सही दाम माँग रहा है। सभी के चुनावी घोषणापत्र में लिखा होगा कि हमें जीता दो हम सही दाम दे देंगे। लेकिन अगर सही दाम दे देते तो किसान आत्महत्या नहीं करता।”

बीजेपी पर निशाना साधते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा ने 2014 के घोषणा पत्र में कहा था कि हम स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करेंगे। किसानों ने इन्हें जमकर वोट दिया। 3 साल बाद भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट के एफिडेविट में लिखा कि वो MSP नहीं देंगे। इन्होंने किसानों की पीठ में छुरा मार दिया। केजरीवाल ने कहा कि सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है नीयत की कमी है। उन्होंने कहा कि अच्छी नीयत वाली सरकार होगी तो किसान ट्रैक्टर लेकर मिल में जाएँगे और उनके घर पहुँचते ही गन्ने का भुगतान हो जाएगा।

 दिल्‍ली की घटना केंद्र सरकार की साजिश 

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसानों के उपर लाठियाँ बरसाई गई। यह केंद्र सरकार का ही प्‍लान था। भाजपा समर्थक ही दिल्‍ली की घटना (ट्रैक्टर रैली हिंसा) में शामिल थे। केंद्र सरकार का प्‍लान था कि किसानों का रुट डायवर्ट कराकर दिल्‍ली में भेजा जाए। ताकि इन पर मुकदमा कर आंदोलन समाप्‍त किया जा सके और हिंसा होते ही किसानों को बदनाम किया। उन्‍होंने कहा कि उस समय अगर किसानों को स्‍टेडियम जाने देते तो ये सभी को जेल में डाल देते। इस कारण हमने किसानों को रोका।

बेशर्मी की भी हद होती है, 26 जनवरी के दोषियों पर कार्यवाही होने पर समस्त मोदी विरोधी बौखलाए हुए हैं। दिल्ली में हुए हिन्दू विरोधी दंगों में मुख्य आरोपी अपने पार्षद ताहिर के संपर्क में थे। दूसरे, जंतर मंतर पर इनकी रैली के दौरान इनके ही सामने पेड़ से लटक कर किसान द्वारा आत्महत्या करने पर क्यों चुप्पी साध ली थी? अगर पिछले कानून ठीक थे, फिर किसान क्यों आत्महत्या कर रहा था?

पार्टी के कार्यकर्ता कर रहे किसानों की सेवा

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेरे पार्टी के कार्यकर्ता और विधायक बार्डर पर बैठे किसानों की सेवा कर रहे हैं। उनकी सभी जरुरतों को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता पूरा कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि 28 जनवरी की रात जो कुछ हमने देखा वे बड़ा ही दुखद था।
योगी सरकार पर साधा निशाना
योगी सरकार पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा कि योगी की ऐसी क्या कमजोरी है कि ये मिल मालिकों को ठीक नहीं कर सकते। जब मैं दिल्ली में सत्ता में आया तो पाँच साल बाद बिजली कंपनियों को ठीक कर दिया। पहले दिल्ली में 20-20 हजार बिल आते थे आज दिल्ली में मुफ्त में बिजली मिलती है और 24 घंटे बिजली मिलती है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार अगर किसानों को उनकी फसल के पैसे नहीं दिला सकती तो लानत है आप (योगी) पर।
साभार आरबीएल निगम