कांग्रेस विधायकों के सवालों पर सदन में CM का जवाब, आपदा प्रभावितों को बसाएंगे; कट लगाने पड़े, तो लगाएंगे

शिमला
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि उनकी सरकार आपदा प्रभावितों का पुनर्वास करेगी। वह इन प्रभावितों के साथ खड़े हैं। इसके लिए चाहे संसाधनों पर कट लगाना पड़े। इसकी पूरी प्रक्रिया आने वाले दिनों में सामने आएगी। वह विधानसभा में अर्की के विधायक संजय अवस्थी और कुछ और कांग्रेस विधायकों के सवालों का जवाब दे रहे थे। इससे पहले राजस्व मंत्री की जगह जवाब दे रहे शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि 2023 में प्रदेश में 1088 मकान ध्वस्त हुए, जबकि 2024 की मानसून में 81 मकान पूरी तरह तबाह हुए। 2025 में अब तक 358 मकान पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास भूमिहीनों को जमीन देने की नीति है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा और शहरी क्षेत्र में दो बिस्वा जमीन दी जाती है, लेकिन फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट 1980 के लागू होने के कारण केंद्र से मामला उठाना पड़ रहा है। अनुपूरक सवाल में ज्वालामुखी के विधायक संजय रतन ने पूछा कि सोमवार को लागू किया गया डिजास्टर एक्ट कब से कब तक लागू होगा? मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप करते हुए जवाब दिया कि जो भी नुकसान बरसात में हुआ है, इन सब चीजों को देखकर इस बारे में नीतिगत निर्णय लिया जाएगा।
कहीं ऐसा न हो कि बरसात से पहले के क्लेम भी आ जाएं। कांग्रेस विधायक विवेक शर्मा ने कहा कि उनके चुनाव क्षेत्र में 50 घरों का नुकसान हुआ है और यह क्षति जमीन धंसने के कारण है। मुख्यमंत्री ने जवाब दिया कि सारे कानूनी पहलुओं को देखते हुए इस बारे में फैसला लेंगे। कांग्रेस विधायक रामकुमार ने अपने विधानसभा क्षेत्र की तीन पंचायतों में हुए नुकसान की जानकारी मांगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बद्दी का मामला उनके ध्यान में लाया गया है। उन्हें खुद वहां जाना है। खराब मौसम के कारण नहीं जा पाया। कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने कहा कि राहत पैकेज में सब के बगीचों के लिए विशेष प्रावधान किया जाए। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि इस पैकेज को जारी करते समय से बागीचों और बागबानों का ख्याल रखेंगे।
समय पर होंगे पंचायत चुनाव
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में यह स्पष्ट किया है कि राज्य में पंचायती राज चुनाव समय पर होंगे। इन्हें टालने की कोई मंशा राज्य सरकार की नहीं है। वह प्रश्नकाल के दौरान विशेष हस्तक्षेप करते हुए सदन में वह जवाब दे रहे थे। कुटलैहड़ से कांग्रेस विधायक विवेक शर्मा के सवाल के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज चुनाव में देरी का कोई सवाल नहीं है। अगले जनवरी माह से पहले यह पक्रिया पूरी हो जाएगी।
परीक्षाएं स्थगित करने पर विचार करेगी सरकार
शिमला — मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि लोक सेवा आयोग के माध्यम से प्रस्तावित एसीएफ की परीक्षा और पुलिस की डाक्यूूमेंटेशन को फिलहाल स्थगित किया जाएगा इसे लेकर विचार किया जाएगा। इस संबध्ंा में लोक सेवा आयोग से बात करेंगे। इससे पूर्व विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने यह मामला उठाया था। उन्होंने कहा कि मौसम खराब है और सडकें टूटी हुई है। ऐसे में यह बच्चे जो एसीएफ की परीक्षा देना चाहते हैं वो चिंतित हैं। इसलिए खराब मौसम और परिस्थितियों को देखते हुए इसे स्थगित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती की डाक्यूमेंटेेशन भी इन्हीं दिनों में की जानी है जिसे भी स्थगित किया जाए।
सभी मणिमहेश यात्रियों को सुरक्षित निकालेगी सरकार
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मणिमहेश में कुगती के पास जो चार डेडबॉडी पड़ी है। उन्हें वहां से मौसम साफ होने पर निकाला जा सकेगा। एयरफोर्स से भी सहायता मांगी गई है, मगर मौसम खराब होने की वजह से उनकी मदद भी नहीं ले पा रहे हैं। सरकार पूरी तरह से गंभीर है और न केवल मृतकों की पार्थिव देह को वहां से निकाला जाएगा, बल्कि सभी मणिमहेश यात्रियों को सुरक्षित निकालेंगे। उन्होंने कहा कि मौसम साफ होते ही हेलिकॉप्टर के माध्यम से अभियान चलेगा।
सुक्खू का सुझाव, सितंबर में हो मानसून सत्र
शिमला — मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मानसून सत्र की समाप्ति पर सदन में सुझाव रखा कि विधानसभा का मानसून सत्र जुलाई या अगस्त महीने में नहीं होना चाहिए, बल्कि इसकी जगह सितंबर महीने में इसका आयोजन हो। उन्होंने कहा कि बरसात के दिनों में कई जगहों पर नुकसान होता है और विधायक भी चाहते हैं कि वे लोगों को बीच में रहें। अमूमन बरसात जुलाई-अगस्त में ही होती है, लेकिन इस बार सितंबर में भी भारी बरसात हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार आपदा का यह सिलसिला थमने नहीं वाला है और यह आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से आपदा का दौर चल रहा है, उसे देखते हुए वह केंद्रीय साइंस एंड टेक्रोलॉजी मिनिस्टर से भी दिल्ली में मिलेंगे और इस पर अध्ययन करने के लिए कहा जाएगा। क्योंकि जुलाई-अगस्त में काफी ज्यादा बारिश होती है और आपदा भी इन्हीं महीनों में हो रही है, तो इसे देखते हुए मानसून सत्र सितंबर महीने में होना चाहिए। सीएम ने कहा कि मौजूदा मानसून सत्र इतिहास का चौथा सबसे बड़ा सत्र है। हालांकि वह चाहते थे कि तीन दिन इसे और बढ़ाया जाए, मगर ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने पक्ष और विपक्ष के बेहतरीन सुझाव देने पर उनका आभार जताया और कहा कि सरकार इन पर अमल करेगी। सभी सदस्यों ने बेहतर तरीके से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान नोंकझोंक भी हुई, लेकिन बेहतरीन चर्चा भी हुई और यही स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है।
सियासी रिश्तों की आड़ में गलत काम नहीं होने देंगे
मानसून सत्र के आखिरी दिन विधानसभा में सुजानपुर से कांग्रेस विधायक कैप्टन रणजीत सिंह राणा ने उनके चुनाव क्षेत्र के एक क्रशर में अवैध खनन का मामला उठाया। जवाब में मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राजनीतिक रिश्तों की आड़ में इस तरह के धंधे नहीं चलने देंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले में पूछताछ चल रही है और वह अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट गए हैं।
बिना वारंट घुसी पुलिस, क्रशर से चोरी की
विधानसभा में नाम लेने पर विधायक आशीष शर्मा ने भी अपनी बात रखनी चाही और स्पीकर ने उन्हें अनुमति दी। आशीष शर्मा ने कहा कि उनका भाई और परिवार राजनीति में आने से पहले इस कारोबार में है। डेढ़ साल से स्टोन क्रशर बंद है। जब वहां पुलिस की टीम आई तो भी जेसीबी के टायर पंक्चर मिले। डीजीपी को शिकायत की है और एएसपी पर चोरी का आरोप लगाया है। वह बिना वारंट के हमारे परिसर में घुसे और फर्जी केस बनाया। यदि हमारा परिवार दोषी होगा तो कोर्ट तय करेगा, सरकार नहीं।
मुख्यमंत्री बोले, जनविरोधी फैसले नहीं ले रही सरकार
मानसून सत्र के आखिरी दिन में सदन में कतिपय माल के वहन पर लाए गए संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो संशोधन इसमें किए जा रहे हैं, वे जनविरोधी नहीं है। इससे पूर्व विधायक त्रिलोक जमवाल ने इसपर आपत्तियां उठाई थीं लेकिन उन आपत्तियों को नहीं माना गया और यह विधेयक पारित हो गया।
सीएम का दावा, सेटेलाइट टेक्रोलॉजी से जुड़ेंगी तहसीलें
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि तहसीलों को सेटेलाइट टेक्रोलॉजी के साथ जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों की जमीन की रजिस्ट्री और इंतकाल अब घर बैठे हो जाएंगे, जिसके लिए लोगों को न तो तहसीलों के चक्कर काटने पड़ेंगे और न ही पटवारी के पास आना पड़ेगा। अब सरकार ने ’माई डीड’ नाम से ऑनलाइन रजिस्ट्री और इंतकाल की सुविधा दी है। उन्होंने कहा कि अभी इंटरनेट से ऑनलाइन सुविधा जुड़ी है और कहीं बीच में लाइनें न टूट जाएं ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए सेटेलाइट टेक्रोलॉजी से तहसीलों को जोड़ा जाएगा। इससे पूर्व राजस्व मंत्री की गैरमौजूदगी में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने रजिस्ट्रीकरण हिमाचल प्रदेश संशोधन विधेयक का संख्याक 18 पारित करने के लिए रखा जिसे मंजूरी दे दी गई।