नई दिल्ली। रोटरी इंटरनेशनल कन्वेंशन 2022 को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में हमने 2014 में स्वच्छ भारत मिशन शुरू किया था और हमने 5 वर्षों में पूर्ण स्वच्छता कवरेज हासिल की। 2070 तक नेट जीरो पर भारत की प्रतिबद्धता की विश्व समुदाय ने सराहना की। मुझे खुशी है कि रोटरी इंटरनेशनल स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता प्रदान करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। भारत औपनिवेशिक शासन से आजादी के 75 साल पूरे कर रहा है। पानी बचाने के लिए एक नया सामूहिक आंदोलन आकार ले चुका है। यह आंदोलन आधुनिक समाधानों के साथ जल संरक्षण की हमारी सदियों पुरानी प्रथाओं से प्रेरित है। सतत विकास प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने के हमारे सदियों पुराने लोकाचार से प्रेरित है।
उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीय पृथ्वी को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं। भारत में आत्मानिर्भर भारत आंदोलन आकार ले रहा है। हमारा उद्देश्य भारत को आत्मनिर्भर बनाना और वैश्विक समृद्धि में योगदान देना है। भारत दुनिया में सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम में से एक है। हम भारत में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखने और दूसरों के साथ साझा करने के लिए खुले हैं।
विकसित देश बिगाड़ रहे पर्यावरण, बचाने में जुटा है भारत : पीएम मोदी
इससे पहले विज्ञान भवन में ‘मिट्टी बचाओ आंदोलन’ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि विकसित देश न केवल धरती के ज्यादा से ज्यादा संसाधनों का दोहन कर रहे हैं, बल्कि सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन कर वे पर्यावरण को भारी नुकसान भी पहुंचा रहे हैं।
भारत पर्यावरण की रक्षा के लिए कई प्रयास कर रहा है, जबकि जलवायु परिवर्तन में उसकी भूमिका न के बराबर है। उन्होंने 2070 तक ‘नेट जीरो’ यानी कार्बन उत्सर्जन पूरी तरह से को देने के भारत के लक्ष्य को भी दोहराया। उन्होंने कहा कि भारत ने समयसीमा से पांच महीने पहले ही पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनाल मिलाने के लक्ष्य को हासिल कर लिया है। यह उपलब्धि कितनी बड़ी है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2014 में भारत सिर्फ डेढ़ प्रतिशत एथनाल की पेट्रोल में ब्लेंडिंग (मिश्रण) होती थी।
27 लाख टन कार्बन उत्सर्जन हुआ कम
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने की वजह से 27 लाख टन कार्बन उत्सर्जन कम हुआ और भारत को 41,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है और पिछले आठ वर्षों में 40,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की आय हुई है। इसके लिए उन्होंने देश के लोगों के साथ ही किसानों और तेल कंपनियों को बधाई दी।