Saturday, October 12, 2024

राष्ट्रीय

राहुल गांधी-गुलाम नबी आजाद में तकरार

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कांग्रेस की बैठक में चिट्ठी पर महाभारत: राहुल गांधी-गुलाम नबी आजाद में तकरार, जानें किसने क्‍या कहा

Congress working committee meeting: कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में वरिष्‍ठ कांग्रेसियों की चिट्ठी लीक होने पर खासा बवाल हुआ है। राहुल गांधी ने उन नेताओं पर बीजेपी से सांठ-गांठ का आरोप लगाया है।वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए हो रही कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक बेहद तनावपूर्ण माहौल में हुई। 23 वरिष्‍ठ कांग्रेसियों की नेतृत्‍व में परिवर्तन को लेकर सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी के मामले ने तूल पकड़ लिया। सोनिया ने चिट्ठी को वजह बताते हुए इस्‍तीफे की पेशकश की। सोनिया गांधी ने अन्य नेताओं से नया पार्टी अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा। फिर मनमोहन सिंह और एके एंटनी ने हस्‍तक्षेप किया। राहुल गांधी की बारी आते-आते माहौल गर्मा चुका था। राहुल ने इन 23 नेताओं के बीजेपी संग मिलकर चिट्ठी लिखने का आरोप लगाया जिससे बात और बिगड़ गई। मीटिंग से इतर भी कांग्रेस के दो धड़े बन गए हैं। एक वो जो सोनिया गांधी के नेतृत्‍व में ही बने रहना चाहता है, दूसरा जो नेतृत्‍व परिवर्तन चाह रहा है। जानिए बैठक में क्या हुआ और किसने क्या कहा…सोनिया गांधी ने कहा- मैं दे रही हूं इस्‍तीफासोनिया गांधी ने अपना पद छोड़ने की पेशकश की। उन्‍होंने पद छोड़ने के लिए गुलाम नबी आजाद और अन्य नेताओं के लेटर का हवाला दिया। गांधी ने अन्य नेताओं से नया पार्टी अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा और केसी वेणुगोपाल को एक पत्र सौंपकर असंतुष्ट नेताओं की तरफ से भेजे गए पत्रों का जवाब दिया।सोनिया की पेशकश पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया। सिंह और एके एंटनी ने उन नेताओं की आलोचना की जिन्होंने नेतृत्व में बदलाव की मांग करते हुए पत्र लिखा था।राहुल बोले- सोनिया को लिखी चिट्ठी बीजेपी की साजिशपूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘सोनिया गांधी के अस्पताल में भर्ती होने के समय ही पार्टी नेतृत्व को लेकर पत्र क्यों भेजा गया था?’ उन्‍होंने मीटिंग में कहा कि ‘पार्टी नेतृत्व के बारे में सोनिया गांधी को पत्र उस समय लिखा गया था जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार संकट का सामना कर रही थी। पत्र में जो लिखा गया था उस पर चर्चा करने का सही स्थान सीडब्ल्यूसी की बैठक है, मीडिया नहीं।’ उन्‍होंने आरोप लगाया कि यह पत्र बीजेपी के साथ मिलीभगत में लिखा गया। पढ़ें पूरा वाकया।प्रियंका गांधी ने राहुल की बात से पूरी तरह सहमति जताई। उन्‍होंने भाई के सुर में सुर मिलाते हुए चिट्ठी लिखने वाले कांग्रेसियों की आलोचना की। उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर उन नेताओं को दोहरे चरित्र का बताया। हरियाणा कांग्रेस की नेता कुमारी शैलजा ने भी पत्र लिखने वालों पर हमला बोला और कहा कि वो भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं।गुलाम नबी आजाद बोले- …तो दे दूंगा इस्‍तीफाबीजेपी से मिलीभगत के आरोप पर गुलाम नबी आजाद चिढ़ गए। आजाद राज्‍यसभा में कांग्रेस के नेता हैं। उनकी अगुवाई में ही वरिष्‍ठ कांग्रेसियों ने सोनिया को चिट्ठी लिखी थी। आजाद ने कहा कि अगर ‘बीजेपी से सांठ-गांठ के आरोप सिद्ध होते हैं तो मैं त्‍यागपत्र दे दूंगा।’ (राहुल गांधी के ‘बीजेपी संग मिलीभगत’ का आरोप लगाने के बाद सिब्‍बल ने ट्वीट किया, “राजस्‍थान हाई कोर्ट में कांग्रेस पार्टी को सफलतापूर्वक डिफेंड किया। मणिपुर में बीजेपी सरकार गिराने में पार्टी का बचाव किया। पिछले 30 साल में किसी मुद्दे पर बीजेपी के पक्ष में कोई बयान नहीं दिया। लेकिन फिर भी हम ‘बीजेपी के साथ मिलीभगत कर रहे हैं।'” बाद में उन्‍होंने ट्वीट डिलीट कर दिया और कहा कि राहुल ने उन्‍हें खुद फोन करके कहा कि उन्‍होंने ऐसा नहीं कहा था। कांग्रेस को कोई नहीं बचा सकता : शिवराजजब सिंधिया जी ने आवाज उठाई, तो उन पर बीजेपी के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया गया। अब जब गुलाम नबी आज़ाद और कपिल सिब्बल जैसे नेता पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष की मांग कर रहे हैं, तो उन पर भी बीजेपी के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया जा रहा है। ऐसी पार्टी को कोई नहीं बचा सकता: मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहानसोनिया, राहुल के लिए खेमेबाजीआंध्र प्रदेश इकाई ने सोमवार को सोनिया गांधी से पद पर बने रहने का अनुरोध किया, वहीं पुडुचेरी कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष ने राहुल गांधी से अध्यक्ष पद संभालने का आग्रह किया। आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) ने सोनिया गांधी से अनुरोध किया कि वह अध्यक्ष पद पर बनी रहें क्योंकि “कांग्रेस में सशक्त नेतृत्व करने वाला कोई अन्य नेता नहीं है।” हालांकि, एपीसीसी का कहना है कि यदि सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद छोड़ने का मन बना ही लिया है तो राहुल गांधी को आगे आकर कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालना चाहिए। सोनिया गांधी को लिखे एक पत्र में एपीसीसी अध्यक्ष साके शैलजानाथ ने कहा, “एपीसीसी सर्वसम्मति से फैसला कर चुकी है और उसका दृढ विश्वास है कि आपको इस अहम वक्त में कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए।” उन्होंने कहा, “लेकिन यदि आपने पद छोड़ने का मन बना लिया है और परिवर्तन अपरिहार्य है, तो मुझे लगता है कि राहुल गांधी जी को आगे आकर कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभालनी चाहिए। आज देश में पंथनिरपेक्ष लोकतंत्र और संविधान पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है इसलिए पार्टी को राहुल की जरूरत है ताकि वह अग्रिम मोर्चे पर संघर्ष कर सकें।”