लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षाएं चल रही हैं, नकल पर अंकुश लगाने के लिए शासन ने पहली बार परीक्षा केंद्रों पर केंद्र व्यवस्थापक, अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापकों व कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी आनलाइन साफ्टवेयर के माध्यम से लगाई है। इस व्यवस्था को वित्तविहीन विद्यालयों ने फेल करने का प्रयास किया। यूपी बोर्ड के पोर्टल पर त्रुटिपूर्ण डाटा फीड किया गया। ऐसे विद्यालयों को चिन्हित किया जा रहा है। उनकी मान्यता छीनने की तैयारी है।
अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने कहा है कि यूपी बोर्ड परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग की प्रवृत्ति/संभावनाओं पर अंकुश लगाने, परीक्षाओं की शुचिता व विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए सरकार कटिबद्ध है। परीक्षा केंद्रों पर केंद्र व्यवस्थापक/अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापकों व कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी आनलाइन साफ्टवेयर के माध्यम से लगाई गई है। शासन स्तर पर समीक्षा व निदेशालय स्तर के अधिकारियों की ओर से दिये गये पर्यवेक्षण में सामने आया है कि कई वित्तविहीन विद्यालयों ने शिक्षकों का त्रुटिपूर्ण डाटा साफ्टवेयर में फीड कराया है, जिससे ड्यूटी लगाये जाने में विसंगति हुई। इसके अतिरिक्त कई विद्यालयों ने शिक्षकों को ड्यूटी लगने के बाद भी कार्यमुक्त नहीं किया। अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि प्रकरण की समीक्षा करके दोषी वित्तविहीन विद्यालयों को दोबारा परीक्षा केंद्र न बनाने पर विचार किया जाएगा और मान्यता प्रत्याहरण तक की कार्यवाही की जाएगी।