Tuesday, November 26, 2024

राज्य

यूपी सरकार की बड़ी योजना, गांवों की आबादी क्षेत्र की संपत्तियों का हो सकेगा बंटवारा; बनने जा रहा कानून

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गांवों की आबादी क्षेत्र की संपत्तियों के विवादों को खत्म करने के लिए बड़ी पहल करने जा रही है। ग्रामीण आबादी क्षेत्र (Rural Population Area) की संपत्तियों के नामांतरण (Mutation) और उनके बंटवारे (property division) के लिए राज्य सरकार नया अधिनियम लागू करने की तैयारी कर रही है।
राजस्व परिषद की ओर से उत्तर प्रदेश ग्रामीण आबादी परिसंपत्ति (प्रबंधन एवं निस्तारण) अधिनियम, 2022 का ड्राफ्ट तैयार किया जा चुका है जिसे जल्द ही परिषद के फुल बोर्ड के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। बोर्ड की मंजूरी के बाद इसे कानून का रूप देने के लिए शासन को भेजा जाएगा।
गांवों के आबादी क्षेत्रों के निवासियों को उनकी आवासीय संपत्तियों का हक देने के लिए सरकार ने स्वामित्व योजना शुरू की है। योजना के तहत गांवों के निवासियों को उनकी आवासीय संपत्ति के स्वामित्व प्रमाण पत्र के रूप में ग्रामीण आवासीय अभिलेख व घरौनी दी जा रही है।
संपत्ति के स्वामित्व का बोध कराने के लिए स्वामी को घरौनी तो दी जा रही है लेकिन यदि मालिक की मृत्यु हो जाए तो मौजूदा नियम-कानून के तहत उसके उत्तराधिकारी के पक्ष में उस संपत्ति के नामांतरण की व्यवस्था नहीं है। न ही ग्रामीण आवासीय संपत्ति के विभाजन की अभी कोई व्यवस्था है।
ग्रामीण आबादी क्षेत्र की संपत्तियों के लिए घरौनी की व्यवस्था करने के साथ सरकार अब ऐसी संपत्तियों के नामांतरण और विभाजन की विधिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अधिनियम लागू करने की तैयारी कर रही है। इससे मालिक की मृत्यु होने पर उसके उत्तराधिकारी के नाम संपत्ति ट्रांसफर होने या संपत्ति को किसी दूसरे के हाथों बेचने पर खरीददार के नाम संपत्ति का नामांतरण करने की दिक्कत दूर हो जाएगी।
अधिनियम में ऐसी संपत्ति को उत्तराधिकारियों के बीच विभाजित करने का प्राविधान भी किया गया है। सूत्रों के अनुसार अधिनियम के लागू होने के बाद ग्रामीण आबादी की संपत्तियों के नामांतरण, विभाजन आदि से जुड़े विवाद राजस्व न्यायालयों द्वारा ही निर्णीत किये जा सकेंगे।