Friday, November 22, 2024

राष्ट्रीय

क्रिटिकल जोन में 10 और पिलर की होगी मरम्मत

नोएडा : सुपरटेक के दोनों टावरों को ध्वस्त करने से पहले एमराल्ड कोर्ट के पिलर की मरम्मत की जा रही है। स्ट्रक्चरल आडिट रिपोर्ट और सीबीआरआइ की रिपोर्ट के अनुसार, दस और पिलर की मरम्मत का काम सुपरटेक की ओर से किया जाएगा। इसको मिलाकर कुल 50 पिलर हो गए हैं। ये सभी पिलर क्रिटिकल जोन (एपेक्स और सियान के 50 मीटर का दायरा) में आ रहे हैं। कंपन का स्तर 22 एमएम (मिलीमीटर प्रति सेकंड) से 34 एमएम प्रति सेकेंड तक होगा। सुपरटेक की ओर से कोई भी स्ट्रक्चलर आडिट नहीं कराया गया। एओए ने जो आडिट कराया है, उसी आधार पर मरम्मत का काम किया जा रहा है। इसकी एक रिपोर्ट सुपरटेक नोएडा प्राधिकरण में जमा करेगा।
पहले 40 महत्वपूर्ण कालम का किया गया था चयन
दिल्ली स्थित डी एंड आर कंसल्टेंट द्वारा किए गए आडिट से पता चला कि सुपरटेक एमराल्ड के स्ट्रक्चरल ड्राइंग के विपरीत, जिसमें बेसमेंट कालम का डिजाइन एम-15 ग्रेड कंक्रीट होना चाहिए। यहां कई बेसमेंट कालम की ताकत एम-8, एम-10, एम-12 और एम-13 के आसपास थी। एमराल्ड कोर्ट आरडब्ल्यूए अध्यक्ष यूबीएस तेवतिया ने कहा कि हमें सूचित किया गया है कि मरम्मत के लिए पहले 40 महत्वपूर्ण कालम का चयन किया था और अब 50 की मरम्मत की जाएगी। स्ट्रक्चरल आडिट करने वाली कंपनी ने मजबूती के लिए माइक्रो कार्बन, माइक्रो कंक्रीटिग और जैकेटिग सहित तीन प्रकार की तकनीक के सुझाव दिए हैं। इनमें से अधिकांश एस्पायर-1, एस्टर-2 और 3 में कुछ स्तंभ ऐसे भी हैं, जो गैर-टावर क्षेत्र में भी हैं।
कंपन का स्तर :
रिपोर्ट के अनुसार, विस्फोट के बाद 10 मीटर की दूरी तक जमीन के कंपन का स्तर 22 मिलीमीटर प्रति सेकेंड से 34 मिलीमीटर प्रति सेकेंड होगा। इसी तरह 20 मीटर पर 16 से 24 मिलीमीटर प्रति सेकेंड होगा। अधिकतम 100 मीटर की दूरी पर 3 से 5 मिलीमीटर प्रति सेकेंड तक की संभावना है। यहां बनी इमारत रिक्टर स्केल-5 तक के भूकंप को झेल सकती है।
वाइब्रेशन की जद में सिर्फ एक टावर
यहां सबसे निकटतम आवासीय रिसेप्टर एस्टर-2 का 12 मंजिला टावर है। जो एपेक्स से सिर्फ 9 मीटर की दूरी पर है। एक गैस पाइपलाइन भी है, जो जमीन के नीचे 3-4 मीटर और 2 टावरों से सिर्फ 16 मीटर की दूरी पर है। इसको कवर किया जा रहा है।
28 अगस्त को ध्वस्त होने हैं टावर
सुपरटेक के दोनों टावर को 28 अगस्त को ध्वस्त किया जाएगा। इसे 4 सितंबर तक बढ़ाया जा सकता है। यानी 28 अगस्त के बाद सात दिन का बफर लिया गया है। पहले इसे 21 अगस्त को तोड़ा जाना था, लेकिन सीबीआरआइ से क्लीयरेंस और सुपरटेक की ओर से अब तक स्ट्रक्चरल आडिट रिपोर्ट न मिलने से दोनों टावर में विस्फोटक लगाने का काम पूर्व निर्धारित समय से शुरू नहीं हो सका था। 13 अगस्त से दोनों टावर में विस्फोटक लगाने का कार्य किया जा रहा है।