नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी अदालत यानि सुप्रीम कोर्ट आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर आज अपना फैसला सुना सकता है। बता दें कि ईडब्ल्यूएस को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के खिलाफ 30 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल की गई हैं। 27 सितंबर को हुई पिछली सुनवाई में अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पांच संदस्यीय बेंच आज इस पर फैसला सुना सकती है। बेंच में जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, एस रवींद्र भट, बेला एम त्रिवेदी और जेबी पार्डीवाला शामिल हैं।
सरकार ने किया कानून का समर्थन
सरकार ने अदालत में इस कानून का समर्थन किया है। सरकार का कहना है कि इस कानून के जरिए गरीबों को आरक्षण का प्रावधान है। इससे संविधान का मूल ढांचा मजबूत होता है। वहीं, विरोध में दायर याचिकाओं में आर्थिक आधार पर आरक्षण को संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ बताते हुए रद्द करने की मांग की गई है।
शिक्षा और नौकरी में 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान
गौरतलब है कि ईडब्ल्यूएस को शिक्षा और नौकरी में 10 फीसदी आरक्षण देने की व्यवस्था है। केंद्र सरकार ने 2019 में 103वें संविधान संशोधन विधेयक के जरिए इसकी व्यवस्था की थी।