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घाव : दुआओं का दर्द! … ताबीज के चक्कर में बीवी बनी बेवफा

SG

शौहर ने किया सुधारने का प्रयास
• दोस्ती-रिश्ते में हुआ घात का शिकार
 
परेशानी अक्सर लोगों को अंधविश्वास के दलदल में फंसा देती है। तांत्रिक के पास पति की कम कमाई के कारण पेश आ रही आर्थिक परेशानियों का समाधान ढूंढ़ने पहुंची ऐसी एक गृहणी अपनी बसी-बसाई गृहस्थी बरबाद कर बैठी। तंत्र-मंत्र, ताबीजों और दुआओं से अपनी दशा सुधारने के प्रयास के दौरान वह तांत्रिक के प्रेमजाल में कब फंस गई, इसका उसे पता भी नहीं चला। वह पति से दूर होती गई और तांत्रिक के प्यार में सही-गलत के बीच के अंतर को नहीं समझ पाई। नतीजतन, पति की हत्या के आरोप में वो आज सलाखों के पीछे पहुंच गई है।
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिला अंतर्गत सरयू नहर में मिले अज्ञात शव की मिस्ट्री तुलसीपुर थाना पुलिस ने सुलझा ली है। उक्त शख्स अपनी बीवी के नाजायज संबंधों की बलि चढ़ा था। पुलिसिया जांच में मृतक की शिनाख्त जावेद अली (काल्पनिक नाम) के रूप में सामने आई, जो कि मूलत: सिद्धार्थनगर जनपद के बढ़नी बाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत ढेबरूआ गांव का रहनेवाला था। बताया जाता है कि वह अपनी पत्नी नादिरा (काल्पनिक नाम) और तीन बच्चों के साथ मुंबई में रहता था तथा मजदूरी करके गुजर-बसर करता था
बीवी को हुआ पड़ोसी से प्यार
नादिरा अपने शौहर की कमाई से खुश नहीं थी। वह चाहती थी कि किसी भी तरह उसके परिवार की माली हालत सुधरे। उसी दौरान उसे मुहल्ले में रहनेवाले सलीम (काल्पनिक नाम) के मकान में रहनेवाले अशरफ के बारे में पता चला, जो कि बलरामपुर के तुलसीपुर थाना क्षेत्र के गांव गदाखौवा मजरे नैकिनिया का रहनेवाला था। अशरफ खुद को मौलाना और तंत्र-मंत्र का जानकार बताता था, लोग दुआओं और ताबीजों से अपनी समस्या के समाधान के लिए उसके पास आते थे। अशरफ के पास आनेवाले परेशान लोगों की भीड़ में नादिरा भी शामिल हो गई। लेकिन नादिरा की समस्या का समाधान करने के बहाने अशरफ उस पर डोरे डालने लगा और नादिरा भी इससे इंकार नहीं कर पाई। बताया जाता है कि दोनों के बीच विवाहेत्तर संबंध स्थापित हो गए थे।
मुंबई छोड़ने का बनाया मन
अशरफ और नादिरा का प्रेम संबंध ज्यादा दिनों तक छिप नहीं सका। जावेद को नादिरा के चरित्र पर शक होने लगा। उसने नादिरा को समझाने का प्रयास किया। टोका-टाकी करने पर दोनों के बीच कलह होने लगी। नतीजतन, जावेद ने मुंबई छोड़ने और अपने मूल गांव में ही बसने का निर्णय लिया। जावेद के इस अप्रत्याशित निर्णय से नादिरा और अशरफ व्याकुल हो उठे। एक होने के लिए दोनों जावेद को रास्ते से हटाने की योजना बनाने लगे।
फोन पर दोस्ती बनी काल
साजिश के तहत अशरफ ने जावेद को अनजान बनकर कॉल किया और फिर उसी के मुहल्ले का होने तथा जावेद के गांव के पास का ही निवासी होने की बात बताकर उससे दोस्ती कर ली। जावेद ने फोन पर उसे हमेशा के लिए गांव लौटने और वहीं पर कुछ काम-धंधा देखने की अपनी योजना की जानकारी दी, तो जावेद के साथ अशरफ और नादिरा ने भी आगे की योजना बना डाली।
सफर में दी दर्दनाक मौत
२४ जनवरी को जावेद मुंबई से गांव जाने के लिए ट्रेन में सवार हुआ था। उस वक्त अशरफ भी उसके साथ था। रास्ते में अशरफ ने खाने में कुछ नशीला पदार्थ मिलाकर जावेद को खिला दिया। इससे जावेद की तबीयत बिगड़ने लगी। २५ जनवरी को ट्रेन जब तुलसीपुर रेलवे स्टेशन पहुंची तो अशरफ ने दवा के बहाने जावेद को वहीं उतार लिया। वहां से वह जावेद को सोनपुर, धुतकहवा क्षेत्र अंतर्गत सरयू नहर के पास स्थित निर्जन स्थान पर ले गया। वहां पहले से मौजूद अपने साथी सुल्तान उर्फ काले (काल्पनिक नाम) की मदद से अशरफ ने जावेद का गला घोंट दिया और सामान के साथ उसकी लाश को नहर में फेंक दिया। अशरफ ने सोचा कि सामान और लाश नहर में बहकर दूर चली जाएगी लेकिन बदकिस्मती से ऐसा नहीं हुआ।
मोबाइल से रडार पर आई बीवी
२९ जनवरी को पुलिस को सरयू नहर में लाश होने की सूचना मिली थी। नहर छानने पर पुलिस को सामान भी मिला, जिसे खंगालने पर मृतक का नाम जावेद होने की जानकारी सामने आई। पुलिस को जावेद का मोबाइल नंबर भी मिल गया। कॉल डिटेल जांचने पर पुलिस को नादिरा का भी नंबर मिल गया। पुलिस ने नादिरा के नंबर की कॉल डिटेल निकाली तो अशरफ के साथ उसके कुछ ज्यादा ही संपर्क में होने का खुलासा हुआ। पूछताछ के दौरान नादिरा टूट गई और उसने पूरी साजिश का राजफाश कर दिया। ३१ जनवरी, २०२३ को नादिरा को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने ५ फरवरी, २०२३ को मौलाना अशरफ और उसके साथी सुल्तान को भी गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के पास से कत्ल में प्रयोग हुई बाइक, जावेद का बैग, कपड़े और बेहोश करने में प्रयोग हुई नशीली दवा बरामद की गई है। सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।