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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज ने दिए संकेत
• जनवरी में मोदी करेंगे राम लला की मूर्ति की स्थापना
• कुछ दिनों बाद ही होगी लोकसभा चुनावों की घोषणा
मुंबई
देश में विकास के नाम पर भाजपा चुनाव जीतने का कितना भी दावा करे, पर असलियत तो यह है कि राम के बिना उसका काम नहीं चलता है। यही कारण कि आगामी लोकसभा चुनाव में भले ही दिखाने के लिए विकास की बात कही जाएगी, पर जनता के मन में राम मंदिर की छवि अंकित की जाएगी। कल इसका संकेत मिल भी गया जब डोंबिवली में एक कार्यक्रम में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज ने कहा कि आगामी जनवरी में वहां पीएम मोदी आएंगे और वे मूर्ति की स्थापना करेंगे। साफ है कि २०२४ आम चुनाव की घोषणा उसी के आसपास होनी है।
अगले साल लोकसभा का चुनाव होना है और भाजपा ने उसके लिए चुनावी बिसात बिछाना शुरू कर दिया है। इसी के तहत एक बार फिर रामलला को आगे किया जा रहा है क्योंकि देश में राम मंदिर के साथ लोगों की आस्था गहरे तक जुड़ी है। कल श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज ने इस पूरे प्रकरण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है। डोंबिवली में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘जनवरी २०२४ के तीसरे सप्ताह में, रामलला की मूर्ति को उसके मूल स्थान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों स्थापित किया जाएगा। स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज ने कहा कि मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है। जनता सब समझती है कि ये चुनावी तैयारी है। इस बारे में पूछे जाने पर स्वामी गोविंद देव ने स्पष्ट करते हुए कहा, ‘मंदिर निर्माण और २०२४ के आम चुनाव आपस में नहीं जुड़े हैं। हम सिर्फ अपना काम कर रहे हैं।’ गोविंद देव गिरि ने यह भी कहा कि रामलला की मूर्ति को एक मंदिर में स्थापित करने से पहले लंबे समय तक एक कपड़े के पंडाल में रखा गया था। लेकिन अब भगवान को उनके मूल स्थान पर स्थानांतरित करने का समय आ गया है।’
वे बोले कि मूर्ति को उसके मूल स्थान पर स्थानांतरित करने के बाद भी मंदिर का काम जारी रहेगा। हमारा लक्ष्य गर्भगृह, पहली मंजिल पर काम पूरा करना और जनवरी २०२४ से पहले दर्शन की व्यवस्था करना है। गोविंद देव गिरि ने कहा कि हिंदुस्थान के लिए दुनिया का नजरिया अब बदल गया है। उन्होंने कहा, ‘योग, आयुर्वेद और भारतीय संगीत दुनिया भर में पहुंच गया है और पूरी दुनिया में एक सांस्कृतिक क्रांति होगी।