2024 आने वाला है! नफरत फैलाकर समाज को बांटने का षडयंत्र ; हिन्दू और भारत विरोधी जमीयत के इतिहास पर एक नज़र
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भारत को बांटने और कमजोर करने की साजिशें रचने वाले अंतर्राष्ट्रीय गिरोह अभी थमने वाले नहीं हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव तक उनके षडयंत्र सामने आते रहेंगे और भारत में मौजूद देशविरोधी ताकतें अपने निजी लाभ के लिए और समाज को बांटने के लिए उसे उछालते रहेंगे। बीबीसी डॉक्यूमेंट्री, हिंडनबर्ग रिपोर्ट, रामचरितमानस के प्रति नफरत और अब सनातन धर्म को इस्लाम से जोड़ने की साजिश और सनातन के प्रति जहरीले बयान। दारुल उलूम देवबंद के प्रमुख और जमीयत के धर्मगुरु मौलाना अरशद मदनी ने नफरती बयान दिया है। मदनी ने कहा कि ओम और अल्लाह एक ही हैं। उसने कहा- जब धरती पर कोई नहीं था, तब मनु किसे पूजते थे? इतना ही नहीं, उन्होंने आदम को ही हिंदू और मुसलमान का पूर्वज बता दिया। यह भारत को कमजोर करने का और बांटने का नया षडयंत्र है।दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद का अधिवेशन हुआ। इस अधिवेशन में सभी धर्मों के गुरु और संत महात्मा इकट्ठा हुए। इसी दौरान उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी ने विवादित बयान दिया। सवाल उठ रहा है कि जिस मंच से एक दिन पहले ही मजबही दुश्मनी भुलाकर गले लगने की अपील की गई थी, उसी मंच से इस तरह के विवादास्पद बयान क्यों दिया गया। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह किसी आका के निर्देश पर दिया गया बयान है।
लोकेश मुनि ने दिया करारा जवाब, कहा- मदनी ने कार्यक्रम का लगा दिया पलीता
भरे मंच से लोकेश मुनि ने कहा, “जैन धर्म के 24वें तीर्थंतर भगवान महावीर हुए। उससे पहले भगवान पारस 23वें रहे। पहले भगवान ऋषभ थे। नके पुत्र भरत थे। जिनके आधार पर ही इस देश का नाम भारत पड़ा है। आप इसे मिटा नहीं सकते हैं। आपने जो बात कही है। मैं सहमत नहीं हूं। मेरे सारे सर्वधर्म के लोग कोई इससे सहमत नहीं हैं। हम केवल सहमत हैं। आपस में मिल जुलकर रहें, प्यार से रहें… इसके अलावा ये जो कहानी अल्लाह.. मनु और उसकी औलाद ये सब फालतू की बाते हैं। सारा पलीता लगा दिया।” एकता के सद्भावना के सम्मेलन में यह कहकर वो मंच छोड़कर चले गए।
लोकेश मुनि ने मदनी को शास्त्रार्थ की चुनौती देते हुए कहा- अल्लाह, मनु ये वो.. उससे चार गुना कहानी मैं सुना सकता हूं। मदनी साहब आप मेरे पितातुल्य है। मैं आपको चुनौती देता हूं। आप दिल्ली आईये.. या आप मुझे सहारनपुर बुला लीजिए। मैं सहारनपुर आऊंगा।” इसके बाद लोकेश मुनि ने कहा कि हमने सभी ने प्रेम और सद्भाव की बातें की लेकिन मदनी साहब का जो वक्तव्य आया वह बिल्कुल अलग रहा। उन्होंने अपनी ही कोई कहानी कह दी। हम सभी सर्वसम्मति से मदनी जी की बातों का विरोध करते हैं।
मदनी ने कहा- उस वक्त और कोई नहीं था- वो सिर्फ अल्लाह को मानते थे। हमें (मुसलमान) जो बोलते हैं कि अपने पूर्वज की तरफ चले जाओ। इस दुनिया में सबसे पुराना आदमी जन्नत से उतरा, वो हमारे पूर्वज हैं और वो हिंदुस्तान की सरजमीन पर ही उतरे थे। अरशद ने कहा- हमने जमीयत उलेमा ए हिंद में अपनी अपनी बात रखी है कि मुसलमान लड़कियों के लिए अलग स्कूल होना चाहिए, जिसमें उनको इस्लाम की भी पढ़ाई करवाई जाए, ताकि उनको पता हो कि वो मुसलमान हैं।
जमीयत-ए-उलमा-ए-हिन्द भारत के सबसे धनी इस्लामिक संगठन के रूप में काम करता है जिसे हलाल सर्टिफिकेट, मस्जिदों में इमामों की तैनाती तथा चंदे के रूप में भारी भरकम धन मिलता है। दिल्ली के आईटीओ चौराहे पर इनका विशाल कार्यालय है। देशभर की अधिकांश सुन्नी मस्जिदों में इन्हीं के द्वारा इमाम नियुक्त किये जाते हैं। जमीयत उलेमा-ए-हिन्द 1919 के खिलाफत मूवमेन्ट से पैदा हुआ इस्लामिक संगठन है। इसका बुनियादी काम मुसलमानों को सच्चा इस्लाम पहुंचाकर उनको ताकतवर बनाना है।