वामपंथियों के प्रोपेगेंडे की कई बार लगा चुके वाट पॉपुलर अकॉउंट True Indology की ट्विटर पर हुई वापसी : सच दिखाने की वजह से निशाने पर था
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विश्व में भारत ऐसा इकलौता देश है, जिसके अधिकांश वासियों को अपना वास्तविक इतिहास ही नहीं मालूम और जो जानकर बताने की कोशिश करता है, उसे गंगा-जमुनी तहजीब जैसे ठोंगी नारे से भ्रमित किया जाता है, फिरकापरस्त आदि से बदनाम किया जाता रहा है। लेकिन बदलते परिवेश में कल तक ट्विटर पर भारत के गौरवशाली इतिहास वाले अकॉउंट को ब्लॉक कर दिया जाता था, पॉपुलर अकॉउंट True Indology तक को ब्लॉक कर दिया गया था, परन्तु अब उसी ट्विटर पर पॉपुलर अकॉउंट True Indology की वापसी से वामपंथियों और छद्दम धर्म-निरपेक्षों की नींद और रोटी हराम होने के दिन आ गए हैं।
TrueIndology को बहाल करने की जानकारी प्रसिद्ध लेखक आनंद रंगनाथन ने दी है। इस हैंडल की वापसी का स्वागत करते हुए रंगनाथन ने लिखा, “आपका स्वागत है @TrueIndology, नए साल का सबसे अच्छा तोहफा, जिसकी उम्मीद की जा सकती थी। झोलाछाप वामपंथियों और इतिहासकारों के अंत का शुरू हो गया है।”
ट्विटर के प्रबंधन में बदलाव के साथ ही पक्षपातपूर्ण नीतियों की समीक्षा हो रही है। इसकी जानकारी ट्विटर ने दी है। ट्विटर सेफ्टी ने इसकी जानकारी देते हुए ट्वीट किया, “हमने ऐसी कई नीतियों की पहचान की है, जिनमें Twitter के नियमों को तोड़ने के लिए स्थायी निलंबन एक अनुचित कार्रवाई की गई थी।”
Twitter Safety ने आगे कहा, “हमने हाल ही में उन अकाउंट को बहाल करना शुरू किया है, जिन्हें इन नीतियों के उल्लंघन के कारण निलंबित कर दिया गया था और अगले 30 दिनों में साप्ताहिक रूप से और खातों में विस्तार करने की योजना है।”
ट्रूइंडोलॉजी एक प्रसिद्ध ट्विटर हैंडल है, जो वामपंथी और इस्लामवादियों की प्रोपेगेंडा को एक्सपोज करता रहा है। चाहे फर्जी समाचार हो, फर्जी इतिहास हो, हिंदुओं पर गलत आक्षेप हो या मुगलों का महिमामंडन, TrueIndolgy इनका फंडाभोड़ करता रहा है। यही कारण है कि वामपंथी बड़े पैमाने पर इस हैंडल को रिपोर्ट करते रहे हैं और सत्यता की जाँच किए बिना ट्विटर के पूर्व प्रबंधन द्वारा इसे सस्पेंड किया जाता रहा है।
जनवरी 2019 में NDTV की एक खबर को ट्रूइंडोलॉजी ने झूठा साबित किया था। एनडीटीवी ने अपनी खबर में बताया था कि जम्मू-कश्मीर के एक हिंदू बहुल गाँव ने एक मुस्लिम को जीता कर सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल कायम की है। इस पर यह हैंडल ने बताया था कि मुस्लिम बहुसंख्यक जम्मू-कश्मीर में कभी कोई हिंदू मुख्यमंत्री नहीं रहा।
इसी तरह की अप्रैल 2019 में एक फेक न्यूज का खुलासा ट्रूइंडोलॉजी ने किया था, जब द वायर की पत्रकार आरफ़ा खानम शेरवानी ने दावा किया था कि गोरखनाथ मंदिर को बनाने के लिए मुस्लिम नवाब आसिफ़-उद्-दौला ने जमीन दान की थी। तब ट्रूइंडोलॉजी ने आरफ़ा खानम के ट्वीट का फैक्ट-चेक कर बताया था कि यह मंदिर कम-से-कम 800 साल पुराना है, जबकि नवाब आसिफ़-उद्-दौला केवल सवा दो सौ साल पहले आया था।
इसी तरह की फर्जी खबरें और फर्जी इतिहास को ट्रूइंडोलॉजी एक्सपोज करता रहा है। इसके कारण यह वामपंथियों, इस्लामवादियों और फर्जी इतिहासकारों के निशाने पर रहा है। इन लोगों की रिपोर्ट के बाद ट्विटर पक्षपात करते हुए कई बार इस हैंडल को सस्पेंड कर चुका है। हालाँकि, नए प्रबंधन द्वारा ऐसी नीतियों की समीक्षा का हर जगह स्वागत हो रहा है।