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झारखंड के पलामू जिले (Palamu, Jharkhand) में बुधवार (15 फरवरी 2023) को महाशिवरात्रि के लिए तोरणद्वार लगा रहे श्रद्धालुओं पर जमकर पथराव और आगजनी की गई। इस झड़प में लगभग 1 दर्जन लोग घायल हो गए। घायल होने वालों में पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। घटनास्थल पांकी बाजार में मौजूद एक मस्जिद के पास का बताया जा रहा है।
इलाके में तनाव को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके साथ ही इलाके में धारा 144 लगा दी गई है और इंटरनेट को बंद कर दिया गया है। पुलिस ने फिलहाल हालात के काबू में होने का दावा किया है। ऑपइंडिया ने इस मामले में स्थानीय लोगों से बात करके मौजूदा हालातों की जानकारी ली।
उनके छोटे- छोटे कामों में भी भीड़, हमारी शिवरात्रि पर भी हंगामा
ऑपइंडिया ने इस घटना के बारे में पांकी बाजार के सामाजिक कार्यकर्ता कमलेश सिंह से बात की। कमलेश सिंह ने हमें बताया कि महाशिवरात्रि का आयोजन कोई नई बात नहीं है। यह हर साल आयोजित होता है। हिंदुओं के त्योहारों में खलल डालने की बात कही जा रही है।
कमलेश सिंह ने बताया, “जिस चौक पर ये बवाल हुआ, वहाँ एक बड़ी मस्जिद है। इसे जामा मस्जिद नाम से जाना जाता है। जब मुस्लिमों का कोई छोटे-से-छोटा कार्यक्रम होता है तो पूरी जगह घेर ली जाती है, लेकिन हिन्दुओं की महाशिवरात्रि में वो एक छोटा सा तोरण द्वार नहीं सह पाए।”
वहीं, पांकी की रहने वाली भाजपा नेत्री मंजूलता दुबे ने बताया कि मस्जिद से आए दिन हिन्दुओं के कार्यक्रम में खलल डाला जाता रहा है। मंजूलता के मुताबिक, जिस रास्ते पर तोरणद्वार लग रहा था, उधर से ही शिव बरात गुजरती हुई थोड़ी दूर पर स्थित पहाड़ पर शिवजी के एक धर्मस्थल पर जाती है।
अबुल हसन है मस्जिद कमेटी का अध्यक्ष
कमलेश सिंह के अनुसार, जिस जामा मस्जिद से सारे विवाद की शुरुआत हुई है वो एक कमेटी से चलती है और उस कमेटी का अध्यक्ष अबुल हसन है। कमलेश के मुताबिक, अबुल हसन के प्रमुख सहयोगियों में से अक्सर हसन अंसारी, अनवर आलम, महबूब अंसारी, शाहिद अंसारी और बबलू अंसारी के नाम सामने आते हैं।
उन्होंने दावा किया कि ये सभी अक्सर बाजार और आस-पास विवाद पैदा किया करते हैं। हालाँकि ताजा हिंसा में इनकी भूमिका पूछने पर कमलेश सिंह ने कहा कि यह जाँच करना प्रशासन का काम है।
जानबूझकर मुस्लिम पक्ष द्वारा विवाद किया गया
मंजूलता और कमलेश सिंह दोनों के मुताबिक, विवाद की शुरुआत मुस्लिमों की तरफ से हुई थी। उन्होंने बताया कि शांति से तोरणद्वार लगा रहे हिन्दुओं को पहले मुस्लिम समाज के कुछ लोग रोकने आए। इसके बाद उन लोगों ने उस तोरण गेट को तोड़ डाला।
ऑपइंडिया को बताया गया कि जब इस हरकत का विरोध हिन्दू समाज की तरफ से हुआ तब उन पर न सिर्फ पथराव किया जाने लगा। इतना ही नहीं, उन पर लाठी-डंडे और अन्य धारदार हथियारों का इस्तेमाल किया गया। हिंदुओं पर पेट्रोल बम भी फेंके गए।
हिंसा के दौरान फँसे रहे कई स्कूली बच्चे
पांकी के समाजिक कार्यकर्ता कमलेश सिंह के अनुसार, जब ये हिंसा शुरू हुई थी तब बच्चों के स्कूल जाने का समय था। हिंसा की वजह से कई बच्चे रास्ते में फँसे रह गए थे। इस दौरान उनकी सुरक्षा का भी खतरा उत्पन्न हो गया था। उनके मुताबिक, पुलिस ने आकर माहौल को नहीं सँभाला होता तो काफी नुकसान हो सकता था।
मस्जिद था हमले का बेस
मंजूलता और कमलेश सिंह ने हमें बताया कि हमले के लिए मस्जिद को ही बेस बनाया गया था। हमलावरों के उसी मस्जिद से निकलने की जानकारी दी गई। मंजूलता के मुताबिक, मस्जिद के नीचे कुछ मुस्लिमों की दुकानें हैं, जिसमें से कुछ लोग आए दिन विवाद खड़ा करते रहते हैं।
वहीं, कमलेश सिंह ने दावा किया कि हिन्दुओं पर पेट्रोल बम और पत्थर मस्जिद की छत से फेंके जा रहे थे। कमलेश सिंह ने हमें बताया, “न तो आज जुमा था और न ही उस क्षेत्र में मुस्लिमों की इतनी आबादी। न ही घटना का समय किसी नमाज या कार्यक्रम का था, फिर हमलावरों की इतनी भीड़ आई कहाँ से।” उन्होंने इस घटना को सुनियोजित बताया।
खुद दुकानों में तोड़फोड़ कर के फँसाने की साजिश
कमलेश सिंह का दावा है कि प्री प्लानिंग के तहत हिन्दुओं पर हमला करने वालों ने अपनी दुकानों में तोड़फोड़ की और कुछ वाहनों को भी नुकसान पहुँचाया है। ऐसा करने के पीछे कमलेश सिंह ने हमलावरों द्वारा लोगों की हमदर्दी बटोरने के साथ हिन्दुओं को फँसाने की साजिश बताया।
शहीद चौक को बोला जा रहा मस्जिद चौक
मंजूलता ने हेमंत सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया और बताया कि उनकी तुष्टिकरण से जनता त्राहिमाम कर रही है। बकौल मंजूलता, जिस जगह हिंसा हुई है उस चौराहे का नाम कुछ मुस्लिम जानबूझ कर मस्जिद चौक रखना चाह रहे हैं, लेकिन हिन्दू समाज उसे शहीद चौक नाम से ही याद करता है। उन्होंने कहा कि उस स्थान पर जल्द ही भगत सिंह की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
हिन्दुओं के ही सहयोग से बनी थी मस्जिद
कमलेश सिंह और मंजूलता ने हमें बताया कि मस्जिद बहुत ज्यादा पुरानी नहीं है। कमलेश सिंह का तो दावा था कि वो मस्जिद हिन्दुओं के सहयोग से बनी थी और जहाँ वो मौजूद है, वो हिन्दू व्यापारियों की बहुलता वाली मार्किट है। वहीं, मंजूलता का आरोप है कि अगर सही से जाँच करवाई जाए तो मस्जिद का कुछ हिस्सा अतिक्रमण में निकलेगा।
15 अगस्त को तिरंगे और देशभक्ति गानों से एतराज
मस्जिद चौक का जिक्र करते हुए मंजूलता ने बताया कि एक बार 14 अगस्त को उन्हें पुलिस ने हिरासत में महज इसलिए लिया था, क्योंकि वो तिरंगा लगाने के लिए उस चौक पर जगह चिन्हित कर रहीं थीं। हालाँकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। वहीं दावा है कि एक अन्य 15 अगस्त को मंजूलता को 2 मुस्लिमों ने उस चौक पर देशभक्ति गाना बजाने पर टोका था।
ये गज़वा ए हिन्द का ट्रायल है
पांकी बाजार में घटी घटना को कमलेश सिंह ने गज़वा-ए-हिन्द का ट्रायल बताया। उन्होंने कहा कि कट्टरपंथी पूरे देश में अपनी ताकत को तौल रहे हैं और जहाँ कमी-अधिकता है, उसकी तैयारी कर रहे हैं।
एकपक्षीय कार्रवाई न करे हेमंत सरकार
ऑपइंडिया ने इस घटना को लेकर स्थानीय भाजपा सांसद सुनील सिंह से बात की। सुनील सिंह के मुताबिक, उन्होंने पुलिस अधीक्षक से बात कर के साफ तौर पर कहा है कि वो इस घटना में एकपक्षीय कार्रवाई न करे। हेमंत सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए सांसद सुनील सिंह ने कहा कि वो और उनका महाशिवरात्रि जैसे अवसर पर सुरक्षा नहीं दे पा रहे है।
ऑपइंडिया को बताया गया कि जिस कार्यक्रम में आज व्यवधान डाला गया वह आज से नहीं, बल्कि अनादि काल से चल रहा है। भाजपा सांसद के अनुसार, आज शिवरात्रि में बहाने से अड़ंगा डालने वाले शायद कल शादी-ब्याह में भी कोई बहाना लेकर आपत्ति जाता दें।
पलामू प्रशासन ने हालत नियंत्रण में बताया
पलामू प्रशासन ने हालत को नियंत्रण में बताया है। हिंसा प्रभावित क्षेत्र में धारा 144 लागू होने की जानकारी देते हुए DC पलामू ने सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की अफवाह न फैलाने की चेतावनी भी दी है।(साभार)