हेट स्पीच पर सख्त कदम उठाएं राज्य सरकार, हिन्दू ट्रस्ट फॉर जस्टिस ने सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल की याचिका
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हेट स्पीच मामले में हिंदू ट्रस्ट फॉर जस्टिस द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की गई है। इसमें पश्चिम बंगाल सरकार समेत अन्य राज्य सरकारों को सख्त कदम उठाने का निर्देश जारी करने की मांग की गई है। अर्जी में आरोप लगाया गया है कि हिंदुओं को धर्मांतरित करने के लिए ईसाई और मुस्लिम मिशनरियों द्वारा देशभर में आंदोलन चलाया जा रहा है।
याचिका के मुताबिक, हिंदू आबादी कम हो रही है, जिसके कारण जनसांख्यिकीय परिवर्तन हो सकते हैं, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए विनाशकारी हो सकते हैं। ऐसे कई मामले हैं जहां ‘सर तन से जुदा’ के नारे मुस्लिम भीड़ द्वारा लगाए गए हैं, जिसके बाद सिर कलम भी किया गया और कई मौकों पर, मुस्लिम भीड़ ने जुलूस निकाला है जिसमें उन्हें सिर कलम करने की मांग करते हुए सुना जा सकता है (“सर तन से जुदा”) और इस तरह के आह्वान के बाद सिर कलम करने की वास्तविक घटनाएं भी हुई हैं।
तेजी से बढ़ रहीं हेट स्पीच की घटनाएं
अर्जी में 2 फरवरी 2023 के एक वायरल वीडियो का भी जिक्र किया गया है, जिसमें पश्चिम बंगाल के हुगली के फुरफुरा शरीफ पीरजादा ताहा सिद्दीकी ने मुसलमानों से अपने बच्चों को हिन्दुओं के खिलाफ युद्ध के लिए तैयार रहने के लिए कहते हुए सुना जा सकता है। अर्जी में आरोप लगाया है कि हिंदुओं के खिलाफ मुसलमानों द्वारा किए जा रहे हेट स्पीच की घटनाएं लगातार तेजी से बढ़ रही हैं लेकिन पुलिस प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रही है।
हेट स्पीच देने वालों पर हो सख्त कार्रवाई
पुलिस राजनीतिक कारणों या मुस्लिम ‘भीड़तंत्र’ के डर से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रही है। हालांकि कुछ विशेष परिस्थितियों में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है फिर भी मुसलमानों के एक वर्ग में हिन्दुओं के प्रति व्याप्त घृणा को रोकने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया। अर्जी में मांग की गई है कि ऐसे बयान देने वालों के खिलाफ शख्त कार्रवाई की जाए।
भगवान का बनाया जा रहा मजाक
इस तरह के हेट स्पीच को रोकने के लिए कारगर कदम उठाए जाएं। अर्जी में कहा गया है कि कई ऐसे मौके भी सामने आए है जब स्टैंड अप कॉमेडियनों ने जानबूझकर हिंदू देवी देवताओं और धर्म का मजाक उड़ाया है। अर्जी में स्टैड अप कॉमेडियन के हालिया वीडियो का जिक्र किया गया है, जिसमे भगवान राम और माता सीता का मजाक बनाते हुए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया है।
याचिका में कहा गया है कि इससे धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं इसलिए अदालत को ऐसे मामलो के मद्दनेजर जो वास्तविक अपराध है और खुलेआम हो रहे है, उनके खिलाफ तत्काल कड़ी कार्रवाई करने का उचित निर्देश जारी किया जाए।