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खर्च में कटौती के विकल्प तलाश रहे हैं देशवासी
मुंबई
देश-दुनिया और सरकार द्वारा जारी आंकड़े कुछ भी कहें पर सच तो यह है कि महंगाई ने आम आदमी को रुला दिया है। उसे समझ में नहीं आ रहा है कि वह इसका सामना वैâसे करे? ऐसे में आम आदमी अपनी जरूरतों में कटौती करता है। आज के दौर में मोबाइल फोन हर आदमी की जरूरत बन चुका है, पर इस बढ़ती महंगाई में उसका खर्च उठा पाने में आम आदमी खुद को असहाय महसूस कर रहा है। यही कारण है कि पिछले कुछ समय में बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं के मोबाइल तड़ीपार हो गए हैं। उन्होंने अपने मोबाइल कनेक्शन कटवा दिए हैं। इसके तहत मात्र नवंबर २०२२ में ४५,००,००० सक्रिय उपभोक्ताओं ने अपने मोबाइल कनेक्शन बंद कर दिए हैं।
टेलीकॉम सेक्टर से मिली जानकारी के अनुसार मोबाइल फोन के बढ़ते टैरिफ का असर निम्न वर्ग पर हुआ है। यही कारण है कि इतनी बड़ी संख्या में मोबाइल कनेक्शन बंद हुए हैं। सूत्र बताते हैं कि वैसे तो चालू कनेक्शन के बंद होने का सिलसिला चलता रहता है पर गत सात महीनों में यह सबसे बड़ी संख्या है। इसके साथ ही सिंगल सिम के फीचर फोन से स्मार्ट फोन की ओर जाने की रफ्तार भी काफी धीमी है। इसका असर मोबाइल फोन के बाजार पर भी पड़ा है। सस्ते मोबाइल फोन का निर्माण करनेवाली कंपनियां बिक्री गिरने से परेशान हैं। सूत्र बताते हैं कि सबसे ज्यादा कनेक्शन जियो कंपनी के बंद हुए हैं। जियो देश में सबसे सस्ता मोबाइल प्लान देने के लिए जानी जाती है। निम्न वर्ग से इसके काफी उपभोक्ता आते हैं। यही वर्ग है जो महंगाई से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। इस वर्ग के लिए रोटी, कपड़ा और मकान पहली प्राथमिकता है। ट्राई द्वारा फरमान जारी होने के बाद विभिन्न कंपनियों ने प्लान में बदलाव किया है। इससे मोबाइल के रिचार्ज महंगे हो गए। जियो ने अपने सस्ते प्लान में सबसे ज्यादा बदलाव किया जिससे इस महंगाई के जमाने में निम्न वर्ग को यह काफी भारी पड़ा है।
सेवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं
बाजार के जानकारों के अनुसार एक तरफ मोबाइल फोन के प्लान महंगे हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सर्विस की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं देखा जा रहा है। कॉल ड्रॉप की समस्या भी बढ़ी है। सबसे तेज सर्विस ५जी को लॉन्च हुए भी कई महीने हो गए हैं, पर अभी तक यह हर जगह नहीं पहुंचा है। फिर अधिकांश मध्यम वर्ग के घरों में भी वाईफाई ने अपनी जगह बना ली है, जहां ५जी की कोई खास जरूरत महसूस नहीं हो रही है।