खालिस्तानी अमृतपाल सिंह की अमित शाह को ‘इंदिरा गाँधी जैसा हाल’ करने की धमकी: बोला- पंजाब का बच्चा-बच्चा चाहता है खालिस्तान
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खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने अमित शाह को दी धमकी
खालिस्तान समर्थक एक नेता ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इशारों में धमकी दी है। उनका हाल पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी जैसा करने की बात की है। यह खालिस्तान समर्थक नेता अमृतपाल सिंह है। वह ‘वारिस पंजाब दे’ नाम के अलगाववादी संगठन का मुखिया है।
अमृतपाल ने केंद्रीय गृह मंत्री को धमकी रविवार (19 फरवरी 2023) को दी। वह पंजाब के मोगा में दीप सिद्धू की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में आया था। सिद्धू ने ही ‘वारिस पंजाब दे’ बनाया था। अमृतपाल ने कहा कि पंजाब का बच्चा-बच्चा खालिस्तान चाहता है। किसी भी हाल में इसे हासिल किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोंगा जिले के गाँव बुधसिंह वाला में अमृतपाल ने कहा, “इंदिरा ने भी दबाने की कोशिश की थी। क्या अंजाम हुआ। अमित शाह भी अपनी इच्छा पूरी कर लें।” अमृतपाल का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल है। अमित शाह ने हाल ही में कहा था कि पंजाब में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों पर उनकी नजर है।
अमृतपाल ने कहा कि उसके पूर्वजों ने 500 साल से अपना खून बहा कर कई कुर्बानियाँ दी हैं जिसे न मोदी हटा सकते हैं और न ही अमित शाह। वे मर सकते हैं, लेकिन अपना दावा किसी भी हाल में नहीं छोड़ेंगे। उसने हिन्दू राष्ट्र की माँग करने वालों पर कार्रवाई की माँग भी की। कहा कि देश में सेक्युलर सरकार है तो ऐसे बयान देने वालों पर एक्शन क्यों नहीं लिया जाता। साथ ही खालिस्तान की माँग का विरोध करने वालों को चुनौती देते हुए कहा कि ‘जो करना है कर लें’।
भारत विरोधियों की भीख पर पलने वालों को धमकी से देने से पहले समय की नब्ज को पढ़ने की जरुरत थी। अपने उन समस्त सिख गुरुओं के बलिदान को याद करने की जरुरत है, जो उन्होंने ने हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए दिया था। उनकी आत्माएं कभी तुम्हें माफ़ नहीं करेंगे। दूसरे, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या होने पर भी भारत एक था और अमित शाह के बाद भी रहेगा। इंदिरा गाँधी की तरह अमित शाह भी वापस तो नहीं आएंगे, लेकिन जाने से पहले पता नहीं कितने अमित शाह भारत को दे दिए हैं। परन्तु इस धमकी के पूरा होने पर इसके दुष्परिणामों को नहीं जान रहे। दूसरे यह कि अगर इन खालिस्तानियों ने 1984 दोहराने की कोशिश की, उस स्थिति में खालिस्तान को समर्थन देने वाले नेताओं और इनकी पार्टियां भी लपेटे में आएँगी। ताकि हमेशा के लिए झगड़ा ही ख़त्म हो जाए। क्योकि खालिस्तान की आग इन्ही नेताओं की लगाई हुई है, जिसका फायदा भारत विरोधी उठा कर सिख धर्म को संकट में डाल रहे हैं। आज 1984 वाला भारत नहीं है, 2014 में एक नए भारत का जन्म हो चुका है।
कथित किसान आंदोलन के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा के मुख्य आरोपित दीप सिद्दू की रोड एक्सीडेंट में मौत के बाद अमृतपाल को ‘वारिस पंजाब दे’ का मुखिया बनाया गया था। अमृतपाल दुबई में रहता है। कुछ समय पहले भारत आया है। उस पर अमृतसर के अजनाला में एक सिख युवक के अपहरण का केस दर्ज है। इसमें उसके साथी तूफ़ान सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस गिरफ्तारी के बाद अमृतपाल ने पंजाब पुलिस को भी धमकी दी थी।
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