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पुरातत्व विभाग का शाहूवाडी तहसीलदार को पत्र
कोल्हापुर – विशालगढ, यह राज्य संरक्षित स्मारक के संरक्षित क्षेत्र में आता है । इस पर मुर्गे काटने के लिए मुुराद मुहम्मद द्वारा अनधिकृतरूप से टीन की शेड डाली जा रही है । इस विषय में शिवदुर्ग संवर्धन आंदोलन द्वारा परिवाद प्रविष्ट किया गया । अत: तालुका दंडाधिकारी, इस नाते से कानून-सुव्यवस्था का भंग न हो, इसलिए यह शेड डालनेवाले मुराद मुहम्मद मुजावर पर अपने स्तर पर योग्य कार्रवाई करें, ऐसा पत्र पुरातत्व विभाग के सहायक संचालक डॉ. विलास वाहणे ने शाहूवाडी तहसीलदार को भेजा है । (विशालगढपर होनेवाले अतिक्रमण सर्व यंत्रणा हाथों में होते हुए भी पुरातत्व विभाग को क्या यह दिखाई नहीं दे रहा ? प्रत्येक बार यह विभाग क्या किसी के परिवाद (शिकायत) करने के पश्चात ही कार्रवाई करनेवाला है ? इसलिए शिवप्रेमी एवं गडकोटप्रेमी ऐसे निष्क्रीय एवं दायित्वशून्य विभाग को विसर्जित करने की यदि मांग कऱें, तो इसमें कौनसी नई बात है ? – संपादक)
१. महाराष्ट्र के प्राचीन स्मारक एवं पुराणवास्तुशास्त्र संबंधी स्थल एवं अवशेष नियम १९६२ में नियम क्र. ८ (अ) अनुसार स्मारक के किसी भी भाग को क्षति पहुंचे, किसी भी प्रकार का ऐसा कोई कृत्य करने की कडी मनाई है । इसके साथ ही ८ (अ) अनुसार स्मारक के किसी भी भाग में भोजन न बनाया जाए । (आजतक विशालगढ पर धडल्ले से प्राणिहत्या की जाती हैं, साथ ही अन्न पकाया जाता है । फिर आजतक इस नियम अनुसार क्यों अब तक किसी पर भी कार्रवाई नहीं की गई ? – संपादक)
२. ८ (ड) अनुसार पुराणवास्तुशास्त्र अधिकारी की अनुमति के बिना वहां किसी भी वस्तु की बिक्री नहीं की जा सकती ।
३. तब भी राज्य संरक्षित स्मारक के संरक्षित क्षेत्र में अनधिकृतरूप से शेड डालनेवाले मुहम्मद मुजावर पर योग्य कार्रवाई की जाए ।