दिल्ली : पिछले दो सालों में सिर्फ 28 लोगों को दी नौकरी, आरटीआई से केजरीवाल के महाझूठ का बड़ा खुलासा
आरटीआई के मुताबिक केजरीवाल सरकार ने पिछले दो सालों में सिर्फ 28 लोगों को नौकरियां दी हैं। इससे पहले अगस्त 2018 में दिल्ली विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान तत्कालीन नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने रोजगार कार्यालय में हुए पंजीयन और नौकरियों की जानकारी सरकार के रोजगार मंत्री से मांगी थी। दिल्ली सरकार के रोजगार विभाग ने लिखित जवाब में बताया कि तीन साल में सिर्फ 344 बेरोजगारों को नौकरियां मिलीं। इनमें से 177 कंडक्टर, वॉटरमैन और टेम्पररी वॉटरमैन पद पर नियुक्त हुए। इसके साथ यह जानकारी भी सामने आई कि रोजगार विभाग ने इसके लिए कुल 21.53 करोड़ रुपये खर्च किए।
जुलाई 2020 में केजरीवाल सरकार ने कोरोना महामारी से प्रभावित नौकरी की तलाश करने वाले और नौकरी देने वाले दोनों के लिए एक जॉब पोर्टल jobs.delhi.gov.in लॉन्च किया था। इस पोर्टल को सरकार ने रोजगार बाजार नाम दिया। लेकिन, सरकार ने अभी तक स्पष्ट तौर पर यह नहीं बताया कि रोजगार बाजार में कितने लोगों को नौकरियां मिलीं। केजरीवाल की यह रोजगार योजना भी फेल साबित हुई है। दरअसल अरविंद केजरीवाल रोजगार के नाम पर लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं। इसलिए वो दूसरों राज्यों में भी सरकार बनाने के लिए लोगों को झूठे वादे कर झांसा देने की कोशिश कर रहे हैं।
उत्तराखंड के हल्द्वानी में केजरीवाल ने ऐलान किया कि राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर 6 महीने में 1 लाख लोगों को नौकरियां मिलेंगी। जब तक रोजगार नहीं मिलता तब तक हर महीने 5,000 रुपये का भत्ता दिया जाएगा। इसके अलावा युवाओं के लिए जॉब पोर्टल, पलायन और रोजगार मंत्रालय का गठन किया जाएगा। इसी बीच केजरीवाल और उनकी सरकार ने रोजगार के नाम पर किस तरह दिल्ली की जनता की आंखों में धूल झोंकी है, उसका सबूत अब जनता के सामने है। इससे उत्तराखंड और अन्य राज्य की जनता को सबक लेने की जरूरत है।
कोरोना महामारी के दौरान केजरीवाल ने कोरोना वारियर्स की मृत्यु होने पर जो सहायता की घोषणा की थी, लेकिन वह काम भी धर्म देखकर किया। देखिए वीडियो:-
दिल्ली में रोजगार देने में नाकाम केजरीवाल सरकार
RTI से खुलासा : 2 साल में 28 लोगों दी नौकरी |
वर्ष | नियुक्तियां |
2020 | 28 |
2019 | 0 |
दिल्ली सरकार के रोजगार विभाग ने खोली पोल
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