Monday, November 25, 2024

राजनीतिराज्य

मुंबईकरों ने खाई कसम : उद्धव ठाकरे के साथ रहेंगे हम! …शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की लोकप्रियता का ग्राफ चढ़ा

SG

मुंबई
भाजपा के उकसावे में आकर जिस तरह से ‘मिंधे’ गुट ने शिवसेना के साथ गद्दारी करके उसे नष्ट करने का प्रयास किया, उसे मुंबईकरों ने पसंद नहीं किया है। मुंबईकरों को लगता है कि जिस शिवसेना ने ‘मिंधे’ को सब कुछ दिया, सिर्फ मुख्यमंत्री पद की लालच में उसी शिवसेना के साथ घात करना बहुत ही नीच, घटिया और निंदनीय कृत्य है। यह एक ऐसा अपराध है, जिसे माफ नहीं किया जा सकता। कुछ विधायक व सांसदों को अपने पाले में कर संवैधानिक संस्थाओं को तो भ्रमित किया जा सकता है, पर इससे जनता की भावनाओं को नहीं भांपा जा सकता। तमाम मुंबईकरों ने कसम खाई है कि हम उद्धव ठाकरे के साथ ही रहेंगे। यही कारण है कि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की लोकप्रियता का ग्राफ चढ़ा है, जबकि ‘मिंधे’ के प्रति नाराजगी बढ़ी है।

मुंबईकर उद्धव ठाकरे के साथ

भले ही पार्टी से बगावत कर ‘मिंधे’ गुट ने अपनी सरपरस्त महाशक्ति के बल पर शिवसेना का नाम और धनुष-बाण चुनाव चिह्न हथिया लिया हो, लेकिन उद्धव बालासाहेब ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को मुंबईकरों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। ‌हर वर्ग और समुदाय के लोग आक्रोश में हैं और उद्धव ठाकरे के साथ खड़े होते नजर आ रहे हैं। अधिकांश लोगों का कहना है कि शिवसेना और उद्धव साहेब के साथ गलत हुआ है। भले ही कुछ लोगों ने पैसों के लिए उनसे दूरी बना ली लेकिन मुंबईकर उनके साथ खड़े हैं। आगामी दिनों में हर तरफ सिर्फ उद्धव बालासाहेब ठाकरे का भगवा ही लहराएगा।
हिंदू, सिख, ईसाई, मुसलमान, जैन, हिंदी भाषी सहित तमाम वर्गों व प्रांतों में उद्धव ठाकरे की शिवसेना की लोकप्रियता बढ़ी है। शिवसेना का नाम और धनुष-बाण का चुनाव चिह्न शिंदे गुट को देने के केंद्रीय चुनाव आयोग के पैâसले के खिलाफ लोगों में जबरदस्त नाराजगी देखी जा रही है। सब शिवसेना का इतिहास जानते हैं कि बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना किसकी है। चुनाव आयोग के पैâसले ने लोगों के मन में न्याय व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। अधिकांश लोगों का कहना है कि सभी नियमों को ताक पर रखकर मोदी-शाह के इशारों पर शिवसेना और धनुष-बाण के निशान पर डाका डाला गया है। शिवसैनिक और शिवसेना प्रेमी नाराज तो हैं ही, जनता में भी जबरदस्त गुस्सा देखा जा रहा है। हाल ही में हुए एक सर्वे ने भी साबित कर दिया है कि ८० फीसदी लोगों की पहली पसंद उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली शिवसेना पार्टी है। उद्धव ठाकरे चुनौती दे चुके हैं कि भले ही हमारी पार्टी और चुनाव चिह्न को छीन लिया गया हो लेकिन मैंने हाथ में मशाल ली है। हिम्मत है तो चुनावी मैदान में उतरो। आज गंदी राजनीति शुरू है। शिवसेना के दो टुकड़े किए गए। धनुष-बाण हमसे जबरन लिया गया। फिर भी असली शिवसैनिक हर मुकाबला करने को तैयार है।
शिवसेना और बालासाहेब ठाकरे से अटूट नाता
शिवड़ी के राहुल यादव के अनुसार शिवसेना और बालासाहेब ठाकरे से लोगों का अटूट नाता रहा है। भले ही कुछ लोग टूटकर गए हैं, लेकिन उनका गुब्बारा जल्द फूटेगा। उद्धव ठाकरे की शांत व संयमी छवि लोगों को पसंद आ रही है। बतौर मुख्यमंत्री कोरोना काल के संकट में जिस तरह से उन्होंने परिवार का प्रमुख बनकर मुंबई सहित राज्य को संभाला, वह काबिले तारीफ था। वे लोगों के दु:ख-दर्द को समझते हैं। सभी को साथ लेकर चलने की मंशा रखनेवाले उद्धव ठाकरे के साथ मुंबईकर खड़े रहेंगे। युवासेना नेता आदित्य ठाकरे की कार्यशैली ने युवाओं के मन में गहरी छाप छोड़ी है। उन्होंने मंत्री रहते हुए हर वर्ग को न्याय दिलाने के साथ ही कई जटिल मुद्दों को सुलझाया है। इस चुनाव में हर वर्ग का साथ मिलेगा।
न्याय पैसे पर हो रहा है
परेल के कारोबारी मुन्ना लहरी बताते हैं कि आमजनों के मन में उद्धव ठाकरे बैठ गए हैं। चुनाव आयोग ने जो पैâसला दिया है, वह बेहद गलत है। दुनिया को पता है कि शिवसेना किसकी है। जनप्रतिनिधियों के नहीं, बल्कि कार्यकर्ताओं के बल पर पार्टी होती है। चुनाव आयोग को लाखों शिवसैनिकों का शपथ पत्र जब स्वीकार नहीं है तो उसे क्या कहा जा सकता है? साफ नजर आ रहा है कि न्याय पैसे पर हो रहा है। अब लोगों को न्याय व्यवस्था पर भरोसा नहीं रहा।
शिवसेना का हर तरफ लहराएगा परचम
अंटॉप हिल के समाजसेवी रियासत खान ने बताया कि हमारा इलाका मुस्लिम बहुल क्षेत्र है। उद्धव ठाकरे की नेतृत्ववाली महाविकास आघाड़ी सरकार में हमें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई। कोरोना काल में भोजन, पानी, स्वास्थ्य किसी भी प्रकार की कमी नहीं पड़ी। शिवसैनिकों के साथ कई सामाजिक संगठनों ने आगे आकर हमारी मदद की। शिवसेना और उद्धव ठाकरे के साथ जिस तरह से गद्दारी हुई, उसे लेकर हमें दु:ख हुआ है। अब सरकारी खजाना लुटाया जा रहा है। लेकिन आनेवाले इलेक्शन में उद्धव ठाकरे की शिवसेना का परचम हर तरफ लहराएगा।
फिर उसी दमखम के साथ उभरेगी उद्धव साहेब की शिवसेना
धारावी के प्रकाश आचरेकर ने बताया कि भाजपा हो या मिंधे, कोई फर्क नहीं पड़ता। हम सिर्फ उद्धव बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना के अलावा किसी को नहीं जानते। गद्दारों ने गद्दारी करके अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारी है। किसी के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता। उद्धव साहेब के नेतृत्व में शिवसेना उसी दमखम के साथ उभरेगी और उसी लय में नजर आएगी। कोई कुछ भी कर ले, आनेवाले चुनाव में दूध का दूध और पानी का पानी, सब साफ हो जाएगा।
भाजपा और मिंधे गुट का हो जाएगा सफाया
इंपोर्ट-एक्सपोर्ट के बिजनेसमैन संतोष मोरे ने बताया कि शिवसेना के साथ जो हुआ है, वह बेहद गलत है। संविधान और लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश की गई है। जनता इसे देख रही है। लोकतंत्र और संविधान को बचाना है। इसका असर आगामी मनपा चुनाव और वर्ष २०२४ के चुनाव में दिखाई देगा। हमारे लिए सिर्फ उद्धव ठाकरे ही हैं। उन्हें हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है। वड़ा-पाव खाकर लोगों ने जिन्हें चुना था, उन्होंने शिवसेना के साथ गद्दारी की। मेरे क्षेत्र के अधिकांश लोगों का कहना है कि उद्धव साहेब जिस किसी को भी टिकट देंगे, हम सिर्फ उनका ही साथ देंगे। भाजपा और ‘मिंधे’ गुट का सफाया हो जाएगा।