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पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को मोहरा बनाकर सनातन धर्म पर हमला करने वाले पाखंडी धर्म-निरपेक्ष मौलवी और पादरियों द्वारा धर्मांतरण करने पर क्यों चुप्पी साधे रहते हैं? जबकि धीरेन्द्र किसी मजहब के विरुद्ध नहीं बोल रहे, बल्कि अपने दरबार में अपने उस मुसलमान मित्र का वर्णन करना भी नहीं भूलते, जिसने अपनी बहन समझ उनकी बहन की शादी करवाई थी। 20,000 रूपए देने के अलावा बहन का सारा दहेज़। मै और मेरी बहन हिन्दू और मुसलमान।
बापू आसाराम जिन्हें बलात्कार के आरोप में जेल में डाला गया, पाखंडी धर्म-निरपेक्ष जवाब दो कि पीड़िता और उसके माँ-बाप से घंटों पहले मीडिया कमला मार्केट थाने कैसे पहुंचा? क्या मीडिया इतनी अन्तरयामी है कि पीड़िता पुलिस में शिकायत करने आ रही है? सारे चैनल सुबह से लेकर शाम आसाराम को आरोपी सिद्ध करते रहे। रपट कमला मार्केट थाने में ही क्यों? क्या मीडिया ने कभी सच्चाई जानने की कोशिश की? यदि नहीं तो क्यों? देखिए संलग्न मेरी प्रकाशित रपट। जिसका आज तक किसी ने खंडन नहीं किया।बापू के विरुद्ध षड्यंत्र जून 2012 से चल रहा था, जब अपने एक समागम में उन्हें तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गाँधी की छत्रसाया में ईसाई मिशनरी देश में धर्मान्तरण करने पर कहा था कि “सोनिया मैडम बहुत हो चूका तुम हिन्दुओं को ईसाई बनवाओगी आसाराम और उसके चेले उन्हें वापस हिन्दू बनाएंगे…” क्यों नहीं मीडिया ने सच्चाई सामने लेकर आयी? कहाँ थी खोजी पत्रकारिता? क्या खोजी पत्रकारिता हिन्दुओं के ही विरुद्ध जागती है?
बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आजकल चर्चा में हैं। हर चैनल पर बाबा बागेश्वर धाम छाए हुए हैं। सोशल मीडिया पर भी उनके बारे में ही चर्चा हो रही है। अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर जादू-टोने और अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया है। अगर इस आरोप को सकारात्मक रूप में देखा जाये तो अब उंगलियां दूसरे मजहबों में हो रहे धर्मांतरण पर चर्चा करनी शुरू कर प्रश्नचिन्ह लगाने शुरू कर दिए हैं। यही कारण है कि इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री के पक्ष में भी लोग सामने आ गए हैं। सोशल मीडिया पर यूजर्स बागेश्वर धाम सरकार के समर्थन में खड़े हो गए हैं।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का साफ कहना है कि जब से उन्होंने धर्मांतरण और घर वापसी का मुद्दा उठाया है, तब से इससे जुड़े कुछ लोग उनके पीछे पड़ गए हैं। विदेशी फंडिंग प्राप्त संस्थाओं की ओर से हो रहे धर्मांतरण के खिलाफ अभियान चलाने के कारण बागेश्वर धाम का विरोध हो रहा है। अंधविश्वास के सवाल पर लोगों का साफ कहना है कि क्या पादरियों के सामने पागल बन कर नाचना और दरगाहों पर चादर चढ़ाना सही है?
हिन्दू लड़कियों से लव जेहादियों से सतर्क रहने की बात करते उन्हें ‘बहन’ कहकर सम्बोधित करते हैं। इतना ही नहीं, जिस मुस्लिम महिला ने हिन्दू धर्म स्वीकार किया, उसे भी ‘बहन’ कहकर सम्बोधित किया।
सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे है कि अगर ताबीज- झाड़-फूंक और ईसाई मिशनरियों की ओर से आयोजित चंगाई सभा ठीक है तो फिर धीरेंद्र शास्त्री गलत कैसे हैं? लोगों का कहना है कि सनातन धर्म पर सवाल उठाने वाले ईसाई मिशनरियों और पीर-बाबाओं के चमत्कार पर चुप्पी क्यों साध लेते हैं? इसको लेकर सोशल मीडिया पर लोग ईसाई मिशनरियों और पीर-बाबाओं के चमत्कार वाले कई वीडियो शेयर पर तंज कस रहे हैं।