SG कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी को हाल ही में लोकसभा ने सांसदी से अयोग्य घोषित कर दिया। इसके बाद अब उन्हें नई दिल्ली में स्थित सरकारी बँगला भी खाली करने का नोटिस दिया है। तुगलक लेन स्थित इस बँगले में वो पिछले 12 वर्षों से रह रहे हैं। अब चूँकि वो सांसद नहीं रहे, इसीलिए उन्हें ये बँगला खाली करना पड़ेगा। राहुल गाँधी ने 2019 लोकसभा चुनाव में केरल के वायनाड से जीत दर्ज की थी, लेकिन अब वो सांसद नहीं रहे।‘मोदी’ सरनेम पर टिप्पणी किए जाने के बाद सूरत की अदालत ने उन्हें 2 वर्ष की सज़ा सुनाई। इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने स्वतः ही उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी। 2004 में राहुल गाँधी को 12, तुगलक लेन बँगला दिया गया था। उसी साल उन्होंने अमेठी से पहली बार लोकसभा चुनाव भी जीता था। ये नोटिस तब जारी हुआ है, जब कांग्रेस के सभी सांसद विरोध जताने के लिए काले कपड़ों में संसद भवन पहुँचे हैं।
लोकसभा की ‘हाउसिंग कमिटी’ ने राहुल गाँधी को सरकारी बँगला छोड़ने का नोटिस जारी किया है। सामान्यतः ऐसे मामलों में एक तय समयसीमा दी जाती है, राहुल गाँधी के मामले में उन्हें 30 दिनों (अदालत के फैसले से), अर्थात एक महीने का समय दिया गया है। हालाँकि, सूरत की अदालत ने भी उन्हें 30 दिनों की मोहलत दी थी। ऐसे में अब देखना है कि वो क्या फैसला लेते हैं। राहुल गाँधी को अदालत से राहत मिलती है या नहीं, इस पर भी सभी की नजरें हैं।
राहुल गाँधी को 22 अप्रैल, 2023 तक ये सरकारी बँगला खाली करना पड़ेगा। 23 मार्च को उन्हें कोर्ट ने सज़ा सुनाई थी। हालाँकि, अभी फ़िलहाल राहुल गाँधी की टीम का कहना है कि उन्हें नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है। राहुल गाँधी लगातार गौतम अडानी पर हमला करने में व्यस्त हैं। साथ ही उन्होंने कई बार वीर सावरकर का भी अपमान किया। इस कारण उद्धव ठाकरे के गुट वाली शिवसेना ने विपक्ष की बैठक का बहिष्कार किया है।