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महाराष्ट्र के महिला एवं बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढा ने लव जिहाद पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बुधवार (8 मार्च 2023) को विधानसभा में दावे के साथ कहा कि महाराष्ट्र में लव जिहाद के 1 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। श्रद्धा वॉकर हत्या जैसे मामले को रोकने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। प्रभात लोढ़ा ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी इसका वीडियो साझा किया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाकर भारत की महिलाओं के साथ न्याय किया। जिन महिलाओं को डरा धमकाकर रखा गया था। उन्हें खुलकर बोलने का मौका दिया। इस फैसले के बाद उन्हें बेहतर माहौल मिला है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने अपनी बात को जारी रखते हुए आगे कहा, “हम महिलाओं के उत्थान की बात तो करते हैं। पर जब इसमें लव जिहाद का विषय आ जाता है। महिलाओं पर होने वाले क्रूर अत्याचार की बात आती है, राज्य की नाराज जनता हो जाती है। इसके खिलाफ महाराष्ट्र के कई जिलों में 50-50 हजार की भीड़ में मोर्चे निकल रहे हैं। क्या ये मोर्चे अपने आप निकल रहे हैं? लोगों के अंदर काफी गुस्सा है।”
मंत्री ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में लव जिहाद के 1 लाख से ज्यादा मामले सामने आए, उससे समाज कहीं न कहीं व्यथित है। राज्य में किसी और श्रद्धा की हत्या ना हो इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। और इसीलिए इंटर फेथ मैरिज कमिटी बनाई है। हर उस बच्ची का जिसका शादी के बाद अपने घर से संपर्क टूट चुका है, उनको सुरक्षा प्रदान करना सरकार और महिला विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी है ।
दरसअल, महाराष्ट्र विधानसभा में इस समय बजट सत्र चल रहा है, जो 26 मार्च तक चलेगा। इस बजट में महिलाओं के हितों को ध्यान में रखा गया है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सदन में महिला नीति पर भी बहस शुरू की गई। इसके जवाब में लोढ़ा ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के कल्याण, सुरक्षा और सशक्तीकरण के संबंध में विधायकों की ओर से दिए गए सभी सुझावों पर गौर करेगी।
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में महाराष्ट्र सरकार ने घोषणा की थी कि अंतर-जातीय और अंतर-धार्मिक विवाहों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 13 दिसंबर 2022 को जारी एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) में कहा गया है, “अंतर-जाति/अंतर-धार्मिक विवाह-परिवार समन्वय समिति (राज्य स्तर) मुख्य रूप से विवाहों की संख्या पर डेटा सारणीबद्ध करेगी। इसके अलावा किसी अन्य धर्म या जाति के व्यक्ति से शादी के बाद अपने परिवार से अलग हो गई महिलाओं के मुद्दों पर ध्यान दिया जाए।” जनवरी तक, राज्य सरकार की इंटरफेथ मैरिज फैमिली कोऑर्डिनेशन कमेटी को इंटरफेथ मैरिज के 152 मामलों की जानकारी मिली। कमेटी के सदस्यों के जरिए 152 मामले प्रकाश में आए हैं।