फिलहाल प्रभु श्रीराम का नाम लेकर पत्थर तैर रहे हैं और पत्थर ही राज कर रहे हैं! उद्धव ठाकरे का सनसनीखेज तंज
SG मुंबई किसी युग में प्रभु श्रीराम का नाम लेकर समुद्र में पत्थर डालने पर वो तैरा करते थे। अब राजनीति में भी वही हो गया है। प्रभु श्रीराम का नाम लेकर पत्थर तैर रहा है और पत्थर ही राज कर रहा है, ऐसा सनसनीखेज तंज शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल विरोधियों पर कसा। कल रामनवमी के दिन ‘मातोश्री’ निवासस्थान पर सीधे रामटेक से पैदल चलकर आए शिवसैनिकों की उद्धव ठाकरे ने सराहना की और उनसे संवाद साधा। रामटेक से ‘मातोश्री’ पैदल चलकर आना यह हिम्मत का काम है। यह जिद आप जहां से आए हैं, वहां तक पहुंचाइए। आप सभी साथ हैं यही मेरी ताकत है। मिंधियों ने कागज के ऊपर का धनुषबाण लिया, लेकिन मेरे कार्यकर्ता ही मेरे बाण हैं और वह मेरे तरकश में हैं। यह केवल बाण नहीं बल्कि ब्रह्मास्त्र हैं, ऐसा उद्धव ठाकरे ने इस दौरान कहा।
प्रभु श्रीराम मेरे साथ किसी के लिए इतने किलोमीटर चलकर आना अब के समय में मुश्किल नहीं, नामुमकिन है। आप ‘मातोश्री’ आए और मेरे साथ खड़े हुए, मैं इसे राम का आशीर्वाद मानता हूं। रामटेक से निकलकर आप बिल्कुल रामनवमी के दिन यहां पहुंचे। उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि प्रभु श्रीराम ही मेरे साथ हैं ऐसा लगा।
…तो लंका दहन संभव है उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘लोकतंत्र को बचाना यह केवल मेरा अकेले का काम नहीं है अथवा यह मेरे अकेले के लिए नहीं है। हम सभी के लिए, हमारी अगली पीढ़ी के लिए है। रामसेतु निर्माण के समय वानरों की सेना तो थी ही, लेकिन गिलहरी भी थी। उस समय तो गिलहरी ने भी अपना हिस्सा उठाया। हम सभी एकसाथ आएं तो लंका दहन नहीं कर सकते क्या? ऐसा???
उस समय भगवान श्रीराम के नाम पर एक पत्थर भी फेंकते तो वह तैर जाता था। पत्थर पर पैर रखकर लंका में जाने के लिए वे तैर रहे थे। अब पत्थर ही तैर रहे हैं और पत्थर राज कर रहे हैं। फिर सच्चे रामभक्तों को क्या करना चाहिए? उन रामभक्तों का काम मुझे आपकी तरफ से अपेक्षित है, ऐसा उद्धव ठाकरे ने इस दौरान कहा।