Sunday, November 24, 2024

राज्य

सिसोदिया के लिए सहानुभूति बटोरने AAP ने बनाया बच्चों को मोहरा…: NCPCR एक्शन में, आतिशी मार्लेना पर होगी कार्रवाई

SG

दिल्ली के शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद से आम आदमी पार्टी लगातार हँगामा कर रही है। यूँ तो राजनीति में आने के बाद से अब तक AAP का चेहरा कई बार बेनकाब हो चुका है। हालाँकि अब सिसोदिया मामले में सहानुभूति बटोरने के लिए आम आदमी पार्टी नेता छोटे-छोटे बच्चों का शोषण कर रहे हैं। आखिर इतने बड़े बड़े शराब घोटाले को शिक्षा से जोड़ क्यों शिक्षा मंत्री पद को बदनाम किया जा रहा है? अरविन्द केजरीवाल को जवाब देना होगा कि शिक्षा मंत्री को शराब मंत्री क्यों बनाया? क्या दूसरों के कंधों पर बंदूक रख घोटाले करवा अपने आपको ईमानदार साबित कर रहे हैं?

राजनीतिक फायदे के लिए बच्चों का उपयोग करती रही है आम आदमी पार्टी

ऐसा पहली बार नहीं है जब आम आदमी पार्टी ने राजनीतिक लाभ के लिए इस तरह के नाटक किए हों। इससे पहले भी अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकने के लिए AAP ने बच्चों का शोषण किया है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बच्चों के नाम पर वोट माँगे थे। यही नहीं, केजरीवाल ने राजनीति का स्तर गिराते हुए माता-पिता से अपने बच्चों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में से किसी एक को चुनने के लिए कहा था।
इसी तरह दिल्ली के राजेंद्र नगर विधानसभा उपचुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार दुर्गेश पाठक के प्रचार में नाबालिगों का इस्तेमाल हुआ था। इसको लेकर जून 2022 में, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने FIR दर्ज करने के लिए दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा था।

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की शिक्षा टीम की प्रमुख सदस्य रहीं, AAP विधायक आतिशी मार्लेना ने शुक्रवार को ट्विटर पर कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। इन तस्वीरों में बच्चे हाथ से लिखे हुए कार्ड लिए मनीष सिसोदिया से जल्द वापस आने के लिए कहते हुए दिखाई दे रहे हैं।

इस ट्वीट के साथ आतिशी मार्लेना ने लिखा, “भाजपा वालों: तुम कितने भी झूठे इल्जाम लगा लो, पर जो दिल्ली के बच्चों का मनीष सिसोदिया के लिए जो प्यार है, उसे तुम हिला नहीं सकते।”

आतिशी मार्लेना के अलावा आम आदमी पार्टी के कई अन्य कार्यकर्ता जनता से सहानुभूति हासिल करने और अधिकारियों पर अनावश्यक दबाव डालने के लिए इसी तरह की हरकतों में लगे हुए हैं। खुद को अल्पसंख्यक आयोग का सदस्य बताने वाले राजेन्द्र ठाकुर ने छोटे बच्चों की फोटो शेयर करते हुए कहा, “तुम एक मनीष सिसोदिया को रोकोगे तो दिल्ली के स्कूलों से 18 लाख मनीष सिसोदिया निकलेंगे। एड़ी-चोटी का जोर लगा लो, चाहे जितने तोता-मैना उड़ा लो शिक्षा क्रांति तो नहीं रुकने वाली।”

इसी तरह तारिषी शर्मा नामक आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता ने लिखा है, “एक नन्ही छात्रा का मोदी सरकार से सवाल-“आपने मनीष सर को जेल क्यों डाला? ये तो गलत है।”

खुद को दिल्ली सरकार के एजुकेशन टास्क फोर्स का सदस्य बताने वाले शैलेश ने ट्वीट कर कहा है, “समाज के लोगों ने आज दिल्ली में बहुत से स्कूलों के बाहर I Love Manish Sisodia डेस्क लगाई है। जिस पर दिल्ली के बच्चे इस बुरे समय में अपने शिक्षामंत्री के साथ खड़े है। और लेटर के माध्यम से अपना प्यार और सम्मान दिखा रहे हैं।”

मासूम बच्चों की भावनात्मक अपील का फायदा उठाते हुए AAP नेता सरिता सिंह ने एक वीडियो अपलोड किया। इसमें कई स्कूली बच्चे कुर्सियों पर कागज के टुकड़े लिए नजर आ रहे हैं। इन कागजों पर कुछ लिखा हुआ है, जो स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहा। हालाँकि इन बच्चों के पीछे एक बड़ा बैनर लगा हुआ है। इस बैनर पर लिखा है, “आई लव मनीष सिसोदिया।” दिलस्चप बात यह है कि वीडियो के बैकग्राउंड में एक महिला इन बच्चों को कहती दिख रही है “कृपया हमारी भावनाएँ मनीष सर तक पहुँचाई जाएँ।” वीडियो से स्पष्ट है कि इन बच्चों को सच्चाई का पता नहीं है। ये मासूमियत के साथ वही दोहरा रहे हैं जो उन्हें कहने के लिए कहा जा रहा है।

इस पूरे मामले पर एनसीपीसीआर ने एक्शन लिया है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राजनीतिक एजेंडे के लिए बच्चों का इस्तेमाल करने और ट्विटर पर ‘नाबालिग की तस्वीर’ पोस्ट करने के मामले में आप नेता आतिशी के खिलाफ जाँच और कार्रवाई करने के लिए दिल्ली के मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा है।

आंदोलनजीवियों ने भी किया है बच्चों का दुरुपयोग

आंदोलनजीवियों के शाहीन बाग आंदोलन से लेकर तथाकथित किसान आंदोलन तक अपनी फायदे और राजनीतिक छवि चमकाने के लिए बच्चों का इस्तेमाल किया गया है। ‘किसान’ आंदोलन के समय ऐसे कई वीडियो सामने आए थे जिनमें छोटे बच्चों को बतौर आंदोलनकारी दिखाने की कोशिश की गई थी। इसी तरह नागरिक संशोधन कानून के विरोध को लेकर भी शाहीन बाग में बैठे आंदोलनजीवी 4 महीने के शिशु मोहम्मद जहाँ को लगभग हर दिन आंदोलन वाली जगह ले जाते थे।

राहुल और प्रियंका भी पीछे नहीं

2019 में हुए विधानसभा चुनावों से पहले प्रियंका गाँधी का एक वीडियो सामने आया था। इस वीडियो में प्रियंका गाँधी के कहने पर कुछ बच्चे “चौकीदार चोर है” का नारा लगाते हुए दिखाई दिए थे। वीडियो देखकर ऐसा लग रहा था जैसे प्रियंका छोटे बच्चों का मनोरंजन कर रहीं हैं और उन्हें देश को गौरवान्वित करने वाले पद में बैठे व्यक्ति की अस्मिता का कोई ध्यान ही नहीं है।
यही नहीं राहुल गाँधी भी बच्चों का उपयोग करने के मामले में कहीं पीछे नहीं हैं। राहुल ने साल 2020 में पुरानी दिल्ली में आयोजित अपनी चुनावी रैली के दौरान एक 10 वर्षीय बच्चे का उल्लेख करते हुए यह बताने की कोशिश की थी कि मोदी सरकार के चलते देश का माहौल खराब हो गया है। इसी तरह भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी उन्होंने एक 7-8 की उम्र के दिखने वाले बच्चे को ठंड में बिना कपड़ों के पैदल चलाते हुए राजनीतिक तमाशा बनाने की कोशिश की थी।