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गुटखे की जांच कैसे हो? … मंत्री महोदय के पास टेस्टिंग अनुमति देने का वक्त नहीं!

SG

 मुंबई
महानगर में गुटखा, सुगंधित तंबाकू एवं तंबाकूयुक्त पान मसाला पर भले ही सरकार ने पाबंदी लगाई हो लेकिन गुटखा तस्करों की पहुंच के चलते मुंबई के कोने-कोने में गुटखा बिक रहा है। मुंबई में जहां-तहां, स्कूलों के पास तक गुटखा बेचनेवालों एवं तस्करों पर पुलिस और एफडीए के अधिकारी कार्रवाई करते हैं। लेकिन पिछले दो महीने से गुटखा के मामले में पकड़े जानेवाले आरोपियों को सरकार की लापरवाही के चलते दोषी साबित करना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में आरोपी आसानी से छूट जाते हैं। इसकी बड़ी ही खास वजह है। वजह यह है कि मंत्री महोदय के पास टेस्टिंग अनुमति देने का वक्त ही नहीं है तो पकड़े गए गुटखे की जांच होगी तो होगी वैâसे?
मनपा के अधिकार क्षेत्र के टेस्टिंग लैब में गुटखा, सुगंधित तंबाकू आदि सैंपल की जांच कराई जाती है। सरकार नोटिफिकेशन जारी कर मनपा को रिपोर्ट जारी करने का अधिकार देती है। लेकिन पिछले वर्ष २ दिसंबर को इसकी मियाद खत्म हो गई है। इस नोटिफिकेशन को पुन: जारी कर इस मामले में मनपा के अधिकार की समय-सीमा बढाना था। लेकिन ‘मिंधे’ सरकार के एफडीए मंत्री संजय राठौड़ के पास ऐसे गंभीर मामलों के लिए वक्त ही नहीं है। सरकार के पास इतना वक्त नहीं है कि मनपा को अनुमति को आगे बढ़ाने का पत्र जारी करें, सरकार की इस लापरवाही का नतीजा यह है कि ऐसे मामलों के आरोपी पुलिस की कार्रवाई के चंगुल से बच रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुंबई में सरकार की तरफ से एफडीए डिपार्टमेंट का बांद्रा में लैब है तो फॉरेंसिक लैब कालीना में है और दादर में मनपा का लैब है। एफडीए डिपार्टमेंट का लैब पर इतना प्रेशर होता है कि वह गुटखा से जुड़े मामले की जांच को सीधे टाल देता है। इस लैब में यदि गुटखा की जांच के लिए आवेदन किया जाता है तो कई महीनों तक वह पेंडिंग रहता है। जबकि कालीना में फॉरेंसिक लैब ऐसे मामले की जांच से सीधे इनकार करता है। फॉरेंसिक लैब सीरियस क्राइम अपराधिक मामलों को लेकर जांच करता है। ऐसे में मनपा के लैब में गुटखा, सुगंधित तंबाकू आदि की जांच का कराई जाती है।