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कोरोना की संगत में बदमाश हुए वायरस! …वायरल बीमारियां हुईं आक्रामक

SG

डॉक्टरों ने जताई चिंता, साधारण बुखार भी हुआ जटिल
• लक्षणों में लगातार हो रहे हैं बदलाव
 मुंबई
लगभग दो-ढाई वर्षों तक कोविड-१९ वायरस ने दुनियाभर में कहर बरपाया था। इन दिनों कोविड का कहर भले ही कम नजर आ रहा हो, पर उसकी संगत में रहकर दूसरे वायरस लगातार अपने व्यवहार में बदलाव ला रहे हैं। कहा जा सकता है कि कोविड की संगत में रहने के बाद ये वायरस भी ‘बदमाश’ हो गए हैं। चिकित्सा जगत में यह अनुमान लगाए जाने लगे हैं कि कोरोना के लिए जिम्मेदार कोविड-१९ वायरस की वजह से दूसरे वायरसों में अप्रत्याशित लक्षण देखने को मिले हैं। नतीजा यह हुआ है कि अब तकरीबन सभी वायरल बीमारियां आक्रामक हो रही हैं। साधारण सा फ्लू भी अब जटिल बनता जा रहा है। ऐसा वायरस के बर्ताव की वजह से बदलने वाले लक्षणों की वजह से भी हो रहा है, जिसे लेकर चिकित्सा जगत में चिंता जताई जा रही है।

अपनी क्रोनोलॉजी बदलने में सक्षम हुए वायरसों का कहर इन दिनों देशभर में देखा जा सकता है। एक ही बीमारी के अलग-अलग तरह के लक्षणों के सामने आने और बीमारियों के आक्रामक होने की वजह से डॉक्टरों ने सतर्क रहने की सलाह दी है। आप वायरस के हमले से सतर्क रहकर ही सुरक्षित हो सकते हैं। लक्षण चाहे जैसा भी हो, एक बार मरीज को डॉक्टरी सलाह लेना जरूरी बताया जा रहा है। क्योंकि तमाम वायरसों का छलावा लगातार बढ़ रहा है।

उल्लेखनीय है कि बड़ी संख्या में लोगों पर इन्फ्लूएंजा अपना असर दिखा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि इससे प्रभावित लोग खांसी और सीने में भारीपन की शिकायत कर रहे हैं। इतना ही नहीं, मरीजों को फ्लू के संक्रमण से उबरने में सामान्य से अधिक समय लग रहा है। कुछ मामलों में तो मरीजों को आईसीयू में भर्ती करने की आवश्यकता भी पड़ रही है। चिकित्सकों ने आगाह करते हुए कहा है कि इंफ्लूएंजा आक्रामक और लंबे समय तक चलेगा।
यह है फ्लू के लिए पोषक माहौल
बता दें कि बीते कई दिनों से मौसम में तेजी से बदलाव शुरू है। देश के उत्तरी हिस्सों में सर्दी बसंत में बदल रही है। साथ ही देश के कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। चिकित्सकों के अनुसार ये सभी फ्लू के लिए पोषक माहौल पैदा कर रहे हैं। लोग निमोनिया और ब्रोंकियोलाइटिस से पीड़ित हो रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दो साल एक-दूसरे से दूर रहे। हालांकि, जब आंशिक रूप से लोग आपस में मिलने लगे तो इसका प्रसार तेजी से होने लगा।
फ्लू का टीका न लगवाना भी है एक कारण
मैक्स हेल्थकेयर समूह चिकित्सा निदेशक और आंतरिक चिकित्सा संस्थान के वरिष्ठ निदेशक संदीप बुधिराजा ने कहा कि इस साल बहुत सारे फ्लू के मामले देख जा रहे हैं। पिछले वर्ष के लक्षणों की तुलना में इस साल सामने आ रहे लक्षण थोड़े अलग और अधिक गंभीर हैं। बहुत सारे मरीज लगातार खांसी या खांसी के दौरे की शिकायत कर रहे हैं, जो कई दिनों से शुरू है। कभी-कभी फ्लू ठीक होने के बाद भी हफ्तों तक रहती है।
एडेनोवायरस का उछाल है असामान्य
संदीप बुधिराजा के अनुसार उत्तर हिंदुस्थान में आमतौर पर फरवरी-मार्च में शायद ही कोई फ्लू का मामला सामने आता था, लेकिन इस समय इसके कई मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि केवल हिंदुस्थान में ही हिट नहीं है। अधिकांश देशों में मौसम में बदलाव हुआ है। कुछ डॉक्टरों ने कहा कि कोविड के कारण अन्य वायरस अलग तरह से व्यवहार कर रहे हैं। फोर्टिस के सहयोगी माहिम के एसएल रहेजा अस्पताल में कंसल्टेंट और हेड क्रिटिकल केयर डॉ. संजीत शशिधरन ने कहा कि हिंदुस्थान एडेनोवायरस का उछाल देख रहा है, जो असामान्य है।
स्वास्थ्य व्यवसायों के वैश्विक मंच पर विचार
हिंदुस्थान ने स्वास्थ्य व्यवसायों का एक वैश्विक मंच बनाने की वकालत की है, जिसका कोई भी देश महामारी और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान लाभ ले सकता है। विश्व व्यापार संगठन को प्रस्तुत करने में इसने स्वास्थ्य बीमा पोर्टेबिलिटी के लिए देश-स्तरीय नियमों की भी मांग की। हिंदुस्थान ने कहा है कि संसाधनों का यह मंच संकट के दौरान एक देश द्वारा तैयार किया जा सकता है। संसाधनों से सुसज्ज इस तरह के एक मंच की स्थापना के लिए क्षेत्रीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर अस्थायी रूप से ढील देनेवाले शासनों द्वारा कौशल मानचित्रण, मैचमेकिंग और आपूर्ति बढ़ाने की आवश्यकता होगी।