मजहबी उन्मादी सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या का केस हार चुके है, हिन्दू पक्ष ने सबूतों के आधार पर केस जीता उसके बाद अब राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू किया गया है
मजहबी उन्मादीयों के साथ पिछले काफी समय से कई तरह के तत्व हिन्दू समाज के खिलाफ जहर उगलने का काम कर रहे है, ऐसे तत्व अब अयोध्या को बिना किसी सबूत बौद्ध स्थल बनाकर हिन्दू और बौद्ध समाज में नफरत फैलाने के लिए उतर चुके है
ये सभी वही तत्व है जो अक्सर मजहबी उन्मादियों के साथ मिलकर हिन्दुओ के खिलाफ नफरत फैलाते है और देश में जातिवाद की आग लगाते है, ऐसे तत्व अब अयोध्या और राम मंदिर को लेकर भी नफरत फैलाने लगे है और इन तत्वों का मुख्य उद्देश्य मजहबी उन्मादियों के साथ मिलकर अयोध्या में राम मंदिर रोकना है, साथ ही ये तत्व देश में जातिवाद का जहर घोलकर हिंसा और दंगा फसाद भी करवाना चाहते है
ऐसी ही एक तत्व है किरन यादव, जो की खुद को दलित तो कभी पिछड़ा बताकर लम्बे समय से नफरत का कारोबार सोशल मीडिया पर चला रही है
किरन यादव ने धमकी दी है की अगर अयोध्या में राम मंदिर बनाया गया तो वो राम मंदिर को फिर तोड़ेगी
खुलकर कह रही है की राम मंदिर को बनाया तो फिर से राम मंदिर को तोड़ेंगे
ये स्वीकार कर रही है की पहले भी राम मंदिर को तोडा गया था, और फिर तोड़ेंगे, ये खुद ही स्वीकार कर रही है की पहले वहां राम मंदिर बना था, जिसे तोडा गया था और अगर फिर राम मंदिर बनाया तो फिर तोड़ेंगे
एक तरफ ये अयोध्या को बौद्ध स्थल भी बता रही है, जिसका इसके पास कोई सबूत नहीं है, जमीन की खुदाई में जो नए अवेशेष निकले है वो भी पूरी तरह हिन्दू मंदिर के है न की किसी बौद्ध मंदिर के, पर किरन यादव जैसे तत्व लगातार झूठ पर झूठ फैला रहे है
फिर ये कह रही है की – ” राम मंदिर फिर मंदिर टूटेगी”, यानि ये खुद मान रही है पहले भी राम मंदिर ही था, मजहबी उन्मादी केस हार गए तो इन जातिवाद के नफरतबाजो को देश में आग लगाने के लिए आगे किया गया है, और इस से पहले की जातिवाद का जहर बोने वाले ये जहरीले लोग देश में आग लगाये और देश में दंगे फसाद हो, प्रशासन को इन उन्मादियों पर समय रहते कार्यवाही की जरुरत है l