Saturday, November 23, 2024

राज्य

शराबबंदी के बाद 53 की मौत बिहार में पहली घटना, एक साल के भीतर सिर्फ सारण में ही 55 मरे

छपरा। सारण में जहरीली शराब पीने से 53 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। राज्य में शराबबंदी के बाद शराब पीने से एक साथ इतनी ज्यादा लोगों की मौत की संभवत बिहार की पहली घटना है। हालांकि जिला प्रशासन ने अभी तक मादक पदार्थ के सेवन से 26 लोगों की मौत होने की पुष्टि की है। इसके पहले सबसे अधिक गोपालगंज में वर्ष 2016 में 19 एवं 2018 में 18 लोगों की संदिग्ध जहरीली शराब मे मौत हो चुकी है। अगर प्रशासन के बात को भी मानें तो 26 का आंकडा 19 से अधिक है।
उल्लेखनीय हो कि 14 अगस्त 2016 में गोपालगंज के नगर थाना के खजुरबानी मोहल्ले में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई थी। यह मामला वर्तमान समय में सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। वहीं नवंबर 2021 में महम्मदपुर थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से 18 लोगों की मौत हुई थी। प्रशासनिक स्तर पर सिर्फ 12 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है। वर्तमान समय में यह वाद विशेष न्यायाधीश उत्पाद के न्यायालय में साक्ष्य के लिए लंबित है।
20 एवं 40 रुपए में लोगों ने खरीदा थी जहरीली शराब
सारण जिले में जहरीली शराब लोगों ने 20 एवं रुपए 40 में खरीदी थी। सदर अस्पताल में उपचार कराने आए एक पीड़ित ने बताया कि मशरक के बहरौली में20 एवं 40 में शराब बिक रही थी। शराब तस्कर 15 लीटर के गैलन में शराब लेकर पालीथिन में 150 एमएल एवं ढाई सौ एमएल का पाउच बनाकर बेचते हैं। शराब बेचने वाले तस्कर उसमें यूरिया वाला पानी भी मिलाकर पाउच बनाते हैं। उन्होंने बताया कि खजूर के पेड़ पर लबनी में भी शराब का पाउच रखकर बेचा जाता है।
मकेर व अमनौर में 16 लोगों की जान गई थी
जिले में जहरीली शराब पीने से 22 जनवरी 2022 को 16 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं 15 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। इसमें दो और लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। अमनौर और मकेर के बाद अब मढौरा के कर्णपुर में भी जहरीली शराब से तीन व्यक्तियों की मौत हो गई थी।