उजड़ते घर-धंसती जमीन: जोशीमठ में बिगड़ रहे हालात, सुप्रीम कोर्ट का तत्काल सुनवाई से इनकार
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नई दिल्ली, देहरादून। उत्तराखंड के जोशीमठ में हालात गंभीर होते जा रहे हैं। कई मकानों में दरारें आ चुकी हैं, जबकि होटल पर दरक रहे हैं और जमीन लगातार धंस रही है। इसी बीच उच्चतम न्यायालय ने जोशीमठ में जमीन धंसने के मामले में तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है।
हालांकि मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को विशेष उल्लेख’ के दौरान कहा था कि वह जोशीमठ से संबंधित स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगा, लेकिन अब तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने 16 जनवरी के लिए मामले को लिस्ट किया और कहा कि हर केस की जल्द सुनवाई नहीं हो सकती। इन मामलों के लिए लोकतांत्रिक संस्थाएं हैं, जो काम कर रही हैं।
बता दें कि प्रशासन ने जोशीमठ में असुरक्षित जोन घोषित कर दिए हैं, जो घर और इमारतें सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं, उन्हें जमींदोज करने का काम मंगलवार को शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि दरार पडऩे के चलते होटल लगातार पीछे की ओर झुकते जा रहे हैं। जोशीमठ में अब तक नौ वार्डों के 678 मकानों की पहचान हुई है, जिनमें दरारें हैं। सुरक्षा की नजर से दो होटल को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत बंद किए गए हैं। 16 जगहों पर अब तक कुल 81 परिवार ही विस्थापित किए जा चुके हैं. जोशीमठ में सरकार का दावा है कि अब तक 19 जगहों पर 213 कमरे में 1191 लोगों के ठहरने की व्यवस्था बनाकर रखी है।