
राज्य ब्यूरो देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति सामूहिक प्रयासों की जरूरत बताते हुए कहा कि सभी को एकजुट होकर प्रकृति के संरक्षण की दिशा में गहन चिंतन करना होगा। साथ ही कहा कि पर्यावरण संरक्षण उत्तराखंडवासियों के स्वभाव में है।हरेला जैसे पर्व प्रकृति से जुड़ने की हमारे पूर्वजों की दूरगामी सोच का ही परिणाम है। राज्य सरकार भी जैव संसाधनों के संरक्षण को प्रतिबद्ध है। उत्तराखंड अपनी वन संपदा व नदियों के कारण पर्यावरण संरक्षण की मुहिम का ध्वजवाहक है।
विश्व पर्यावरण दिवस पर अपने संदेश में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकारी प्रयासों के साथ ही आमजन, जनप्रतिनिधियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनचेतना जागृत करने और इसके संवर्द्धन में सक्रिय योगदान देना होगा। अधिक से अधिक पौधारोपण के साथ ही नदियों व जलस्रोतों की सफाई के लिए भी प्रयास जरूरी हैं।
उन्होंने पर्यावरण में हो रहे बदलाव, वैश्विक तापक्रम में वृद्धि के साथ ही जल-जंगल-जमीन से जुड़े विषयों पर समेकित चिंतन भी जरूरत बताई। सामाजिक चेतना और सामूहिक प्रयासों से ही हम इस समस्या के समाधान में सहयोगी बन सकते हैं।उन्होंने विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रदेशभर में संचालित पौधारोपण व स्वच्छता अभियान में बढ़-चढ़कर भागीदारी की राज्यवासियों से अपील की। साथ ही एक पेड़ मा के नाम अभियान को विशेष रूप से प्रोत्साहित करने और उत्तराखंड को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने पर भी जोर दिया है।