राज्य

लैब का लफड़ा! अधिवेशन में उठेगा मुद्दा

SG

  • मुंबई में फर्जी पैथलैबों की भरमार
  • रिपोर्ट को सत्यापित करते हैं तकनीशियन

 मुंबई
सांगली में शुरू अवैध पैथलैबों के खिलाफ कार्रवाई को ‘ईडी’ सरकार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. तानाजी सावंत द्वारा रोक दिए जाने का असर राज्य में दिखाई देने लगा है। अवैध पैथलैबों पर कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर १४ मार्च से जतम में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अनिश्चितकालीन अनशन की चेतावनी दी है। दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि मुंबई में भी फर्जी पैथलैबों की भरमार है। इन लैबों में ब्लड रिपोर्ट को सत्यापित करने का काम तकनीशियन करते हैं, वहीं इस समय विधानमंडल में बजटीय अधिवेशन शुरू है। ऐसे में कहा जा रहा है कि विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष को घेरेगा।
उल्लेखनीय है कि प्रचलित कानूनों के अनुसार, पैथोलॉजिस्ट के बिना लैब चलानेवालों पर महाराष्ट्र चिकित्सा व्यापार अधिनियम १९६१ की धारा ३३ के तहत कार्रवाई की जाती है। यह फर्जी डॉक्टरों पर की गई कार्रवाई है। ऐसी कार्रवाई को करने के लिए राज्यभर में फर्जी डॉक्टर समिति कार्यरत हैं। इन समितियों द्वारा इस तरह के पैथलैबों की खोजबीन कर फर्जी डॉक्टर के तौर पर मामला दर्ज करना अपेक्षित होता है। हालांकि, पैथोलॉजिस्ट संगठन ने आरोप लगाया है कि एकनाथ शिंदे-फडणवीस सरकार अवैध व्यापारियों को शह दे रही है।
पैथोलॉजिस्ट के बिना शुरू हैं ८ हजार लैब
पैथोलॉजिस्ट संगठन ने यह भी जानकारी दी है कि महाराष्ट्र में कुल १३ हजार लैब संचालित की जा रही हैं। इनमें से ८ हजार लैब ऐसी हैं, जो बिना पैथोलॉजिस्ट के चल रहे हैं। इनमें से ७० फीसदी लैब मनपा क्षेत्र अथवा जिलों में विभिन्न स्थानों पर शुरू हैं।
मुंबई में इन क्षेत्रों में हैं फर्जी लैब
बताया गया है कि मुंबई के गोवंडी, मानखुर्द, धारावी जैसे झोपड़पट्टी बाहुल्य क्षेत्र के साथ ही हाई प्रोफाइल बस्तियों में भी फर्जी लैब संचालित हैं। संगठन ने मांग की है कि ऐसे लैबों का सर्वेक्षण कर उन पर तत्काल कार्रवाई की जाए।

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