Thursday, October 10, 2024

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चुनावी चक्रव्यूह की ‘वेदना’ … गुजरात से भागना चाहती हैं कंपनियां!

SG

एक बड़ी कंपनी ने जताई इच्छा
•  महाराष्ट्र वापस लौटने की इच्छुक
मुंबई
जबसे राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार को धोखे से गिराकर एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की ‘ईडी’ सरकार ने सत्ता पर कब्जा किया है, राज्य की अर्थव्यवस्था चरमराने लगी है। हालत यह है कि राज्य में उद्योग-धंधों के निवेश में काफी कमी आई है। राज्य के मंत्री निवेश के नाम पर विदेश घूमकर करोड़ों रुपए बर्बाद कर रहे हैं। दूसरी तरफ अगर कोई उद्योग महाराष्ट्र में आना भी चाहता है तो उसे सब्जबाग दिखाकर राज्य के बाहर ले जाया जाता है। अब ऐसी कंपनियां गुजरात से भागना चाहती हैं। भाजपा के चुनावी चक्रव्यूह की शिकार ऐसी ही एक कंपनी की ‘वेदना’ सामने आई है। कंपनी का मानना है कि उससे जो वादे किए गए थे, उसे पूरा नहीं किया गया।
ईडी’ सरकार के कार्यकाल में आधा दर्जन से ज्यादा कंपनियां महाराष्ट्र से अपनी परियोजनाओं को लेकर दूसरे राज्यों में चली गर्इं। ऐसी ही कंपनी गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले महाराष्ट्र से गुजरात चली गई थी। माना जा रहा था कि पीएम मोदी के दबाव के चलते उक्त परियोजना को गुजरात ले जाया गया। उक्त परियोजना को गुजरात ले जाने की घोषणा खुद कंपनी के प्रमुख ने ट्वीट कर किया था। उन्होंने दावा किया था कि उक्त परियोजना के लिए गुजरात बेहतर स्थान है। गुजरात सरकार ने उन्हें अधिक सहूलियतें दी हैं। लेकिन चुनाव खत्म होने के साथ ही गुजरात सरकार का आचरण बदल गया है।

भाजपा ने लॉलीपॉप दिखाकर कंपनी को बहकाया था, अब
गुजरात में परियोजना लगाने में है नुकसान!

महाराष्ट्र में अपनी परियोजना लगाने जा रही एक कंपनी को भाजपा गुजरात विधानसभा चुनाव के वक्त लॉलीपॉप दिखाकर गुजरात ले गई थी। अब इस कंपनी को गुजरात में ज्यादा भाव नहीं मिल रहा है, जिससे कंपनी की बेचैनी बढ़ रही है। नतीजतन, उक्त कंपनी के शेयर रेड जोन में आ गए हैं। मामले के जानकारों की मानें तो यह कंपनी भाजपा के चक्कर में फंस गई है। अब उसे अपनी गलती का एहसास हुआ है तभी तो उसने महाराष्ट्र में पुन: लौटने की इच्छा व्यक्त की है। महाराष्ट्र उद्योग विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उक्त कंपनी महाराष्ट्र में आने के लिए इच्छुक है। अगले कुछ दिनों में यदि वह कंपनी महाराष्ट्र में आ जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। एक अधिकारी ने कहा कि कंपनी को गुजरात में अधिक सहूलियत देने का लालच देकर ले जाया गया था। लेकिन अब उसे वहां पर परियोजना लगाने में नुकसान नजर आ रहा है। ऐसे में वह महाराष्ट्र वापस लौटने की इच्छुक है।
अधिकारियों का मानना है कि महाविकास आघाड़ी के कार्यकाल में इस कंपनी को महाराष्ट्र में परियोजना लगाने के लिए अत्यधिक सहूलियतें दी गई थीं। राज्य में लिमिट से अधिक सब्सिडी दी थी। साथ ही बाजार और प्रोडक्शन के अनुसार महाराष्ट्र का कोकण सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान है। शायद वह उन्हें अब गुजरात में नहीं मिल रहा है। इसीलिए कंपनी यहां वापसी की इच्छुक है। लेकिन राज्य के उद्योग विभाग के अधिकारियों ने उसकी वापसी पर हाथ जोड़ लिया है। उनका मानना है कि वह यहां न आए तो ठीक है। उसके आने से राज्य के राजस्व को काफी नुकसान होगा।
दूसरी तरफ केंद्र की मोदी सरकार ने भी अपना रुख बदला है। वित्त विभाग ने कंपनी पर कर्ज को लेकर रिपोर्ट मांगी है, जिसके चलते कंपनी सकते में है। दरअसल, उक्त कंपनी समूह पर कर्ज बढ़ता जा रहा है, जिसे चुकाने का कंपनी पर दबाव है।