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कोविड काल में बंद हुईं ३ महत्वपूर्ण ट्रेनों को चलाने की मांग
• देश भर में अब भी ५०० से अधिक ट्रेनें कोविड काल से पड़ी हैं बंद
मुंबई
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मुंबई दौरे पर हैं। मोदी जी आज मध्य रेलवे के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से साई नगर शिर्डी और सोलापुर के लिए दो विशेष ‘वंदे भारत’ ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे। ‘प्रधानमंत्री जी, बेशक ‘वंदे भारत’ ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर चलाओ, परंतु गरीबों की ट्रेनों को तो मत रोको’ ऐसी गुहार मुंबईकरों ने पीएम मोदी से लगाई है। मुंबईकरों ने कोविड काल में बंद पड़ी तीन महत्वपूर्ण ट्रेनों को चलाने की मांग की है। यात्रियों का कहना है कि प्रधानमंत्री जी बेशक ‘वंदे भारत’ ट्रेन को हरी झंडी दिखाएं लेकिन उन्हें इस बात पर भी गौर करना चाहिए कि कोरोना महामारी के दौरान बंद पड़ी ऐसी ५०० से अधिक लंबी दूरी की ट्रेनें हैं, जो गरीब आम जनता के लिए चलाई जाती थीं, परंतु अब तक इन ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं हो पाया है। इन्हीं में से मध्य रेलवे के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से कोल्हापुर जानेवाली ११०२९ कोयना एक्सप्रेस, पश्चिम रेलवे के मुंबई सेंट्रल से चलनेवाली १९०२३ फिरोजपुर जनता एक्सप्रेस सहित दादर से चलनेवाली दक्षिण भारत की २२६२९ दादर तिरुनेलवेली एक्सप्रेस तीन महत्वपूर्ण ट्रेनें हैं, जिन्हें कोरोना महामारी के दौरान बंद तो कर दिया गया था लेकिन इन्हें अब तक आम जनता के लिए शुरू नहीं किया गया है।
बता दें कि पश्चिम रेलवे के मुंबई सेंट्रल से चलनेवाली फिरोजपुर जनता एक्सप्रेस उत्तर हिंदुस्थान के लिए चलनेवाली विशेष ट्रेन है। इस ट्रेन को गरीबों की ट्रेन कहा जाता है। इस ट्रेन में गरीबों के लिए किफायती किराया होने के कारण ये ट्रेन इस रूट की सबसे हिट ट्रेन है।
नागरिक राधे श्याम चौधरी ने बताया कि फिरोजपुर जनता एक्सप्रेस ट्रेन को शुरू करने के लिए यात्रियों की लंबे समय से मांग चल रही है। कई बार यात्री संगठनों ने रेलवे के संबंधित विभाग को इसे शुरू करने के लिए ज्ञापन भी दिया है, परंतु गरीबों की इस ट्रेन को शुरू करने को लेकर रेलवे कोई उचित निर्णय नहीं ले पा रही है। धारावी निवासी शेखर दत्त ने बताया कि कोविड के दौरान हमारी दक्षिण हिंदुस्थान की ओर जानेवाली ट्रेन को बंद कर दिया गया लेकिन इसको अभी तक चालू नहीं किया गया है। गांव जाने के लिए कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहा है। इसकी एक वजह हमारे रूट पर जानेवाली ट्रेनों का बंद होना है। दक्षिण मुंबई के पेडर रोड निवासी चंद्रकांत बामने ने बताया कि कोयना एक्सप्रेस मध्य महाराष्ट्र के लिए चलाई जानेवाली गरीबों की ट्रेन है। कोविड में इस ट्रेन को बंद कर दिया गया लेकिन अभी तक इसे चालू नहीं किया गया है। मोदी जी, ‘वंदे भारत’ जैसी महंगी ट्रेन चला रहे हैं, इस पर हमें कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन हमारी बंद पड़ी ट्रेनों को भी चलाने पर उन्हें ध्यान देना चाहिए।
रेलवे अप डाउनर्स प्रोग्रेसिव वेलफेयर एसोसिएशन के संभागीय अध्यक्ष पंकज सोनी ने बताया कि १९०२३/२४ फिरोजपुर जनता जैसी गरीबों की ये ट्रेन मुंबई सेंट्रल से फिरोजपुर के बीच चलती है। कोरोना काल के बाद तीन साल से ये बंद है। इसके अभाव में दक्षिण गुजरात, मध्य हिंदुस्थान, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, और पंजाब राज्य के औद्योगिक शहरों, मुंबई के इंडस्ट्रियल एरिया में काम करनेवाले हजारों प्रोफेशनल्स व मजदूरों को यात्रा करने में परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। वहीं इस ट्रेन के न शुरू होने से मध्य प्रदेश, राजस्थान, यूपी के कपड़ा व्यापारियों, छात्रों व रोगियों को गुजरात आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने इस ट्रेन को फिर से शुरू करने की मांग रेलवे बोर्ड से की है। लेकिन अब तक इसे शुरू नहीं किया गया है।
रेल एक्टिविस्ट राजीव सिंघल ने बताया कि कोई भी सरकार आम जनता के हित की नहीं सोच रही है। मोदी जी ‘वंदे भारत’ जैसी लग्जरी ट्रेन को शुरू कर रहे हैं। कोई बात नहीं, रेल यात्रियों को इस तरह की विशेष सुविधा भी देना जरूरी है लेकिन उन्हें आम गरीब जनता की सुविधाओं पर भी ध्यान देने की जरूरत है। कोरोना महामारी के दौरान कोयना एक्सप्रेस, फिरोजपुर जनता एक्सप्रेस सहित दक्षिण हिंदुस्थान की ओर जानेवाली ऐसी कई ट्रेन हैं, जिन्हें बंद कर दिया गया है। इन्हें शुरू करने के साथ ही सभी स्लीपर और जनरल डिब्बोंवाली ट्रेनों को तत्काल शुरू करने की जरूरत है। इन ट्रेनों के न शुरू होने से रोजाना लाखों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बंद हुई इन ट्रेनों के न शुरू होने से यात्रियों को कन्फर्म टिकट नहीं मिल पा रहा है। ट्रेनों में जितनी सीटें हैं, उससे ज्यादा यात्री वेटिंग में टिकट निकालकर जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
• कोरोना महामारी के दौरान रेलवे ने लगभग ७०० से अधिक ट्रेनों को बंद कर दिया था। महामारी का प्रभाव कम होते ही रेलवे ने करीब ५०० से अधिक रेग्युलर ट्रेनों को साइड लाइन कर दिया। इतना ही नहीं, रेलवे ने करीब १० हजार स्टेशनों का हॉल्ट भी रेल नेटवर्क से हटा दिया। इसके पीछे की वजह रेलवे का नया टाइम टेबल है, जिसे जीरो-बेस्ड टाइम टेबल भी कहा जाता है।
• नए टाइम टेबल के जरिए १५ फीसदी फ्रेट ट्रेनों के लिए जगह बनाई गई, जिससे वे विशेष कॉरिडोर पर तेज स्पीड से चल सकें। इसके अलावा पूरे रेल नेटवर्क में ट्रेनों के कम होने से पैसेंजर ट्रेनों की रफ्तार भी १० फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद जताई गई है, परंतु स्पीड के चक्कर में आम जनता के सफर की स्पीड उनकी अपनी ट्रेनों के बंद होने से कम हो गई है।