Friday, November 22, 2024

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सुप्रीम कोर्ट जाएगी … ‘आरे बचाओ’ की लड़ाई!

SG

भविष्य में ४ लाख वृक्षों को होगा नुकसान
• ७६ पक्षियों और सैकड़ों जीव- जंतुओं को खतरा
 मुंबई
मेट्रो कारशेड निर्माण के लिए आरे में सैकड़ों वृक्षों की बलि ली जा रही हैं, इन्हें बचाने की लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट जाएगी। पर्यावरण संरक्षण में मनपा और राज्य सरकार से लड़ रही सामाजिक संस्थाओं ने हाईकोर्ट के सुझाव के बाद यह पैâसला लिया है। हाल ही में हाईकोर्ट ने आरे में मेट्रो कारशेड निर्माण के दौरान अतिरिक्त १७७ पेड़ काटने के मनपा के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी। दायर याचिका में याचिकाकर्ता संस्था को यह सुझाव दिया गया है कि वह इस मामले में अधिक व्याख्या के लिए सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें मनपा के आदेश के खिलाफ रोक लगाने की मांग की गई थी। इसके बाद पर्यावरण संरक्षण के लिए लड़ रही संस्थाओं के पास सुप्रीम कोर्ट जाने के आलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है। पर्यावरण जानकारों का मानना है कि भविष्य में यहां चार लाख वृक्षों को नुकसान पहुंचेगा और सैकड़ों जीव -जंतुओं का जीवन खतरे में होगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मनपा को ८४ पेड़ काटने का आदेश एक वर्ष पहले दिया था, लेकिन मनपा वृक्ष प्राधिकरण ने तमाम कारणों का हवाला देते हुए १७७ वृक्ष काटने का आदेश जारी किया, जिसे लेकर उक्त संस्था ने मुंबई हाईकोर्ट में इस मामले के आदेश को चुनौती दी थी। याचिका में दावा किया गया था कि मनपा के वृक्ष प्राधिकरण का यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कारशेड निर्माण के लिए मात्र ८४ वृक्ष ही काटने की अनुमति दी थी। यह जानकारी पर्यावरण संस्था के पदाधिकारी जोरू बथेना ने दी। वनशक्ति एनजीओ के स्टालिन दयानंद का आरोप है कि इससे पहले भी बिना मंजूरी करीब २५० पेड़ काटे गए थे। जबकि स्थानीय लोगों ने कड़ा विरोध किया था, उसके बावजूद काटे गए थे।

जंगल को बचाने की मुहिम
आरे में मेट्रो कारशेड का निर्माण किया जा रहा है। मेट्रो लाइन-३ और एक अन्य के लिए यहां कारशेड बनाया जा रहा है। जिसके लिए २५ एकड़ भूखंड को साफ किया जा रहा है, इसके लिए अब तक लगभग ३ हजार पेड़ काटे गए हैं। अब भी कई हजार पेड़ काटने की योजना है। चूंकि आरे मुंबई जैसे विशाल शहर को ऑक्सीजन देने का काम करता है। एकमात्र ऑक्सीजन देने वाला ये शहर का बड़ा जंगल है। इसलिए इसके बचाव में कई सामाजिक संस्थाएं, राजनितिक पार्टियां और बॉलीवुड की तमाम हस्तियां डटकर खड़ी हो गई हैं तथा आरे में मेट्रो कारशेड बनाने का विरोध कर रही हैं। सितंबर २०१९ में सोशल मीडिया पर आरे कंजर्वेशन ग्रुप के ‘सेव आरे मुहिम’ का गायिका आशा भोसले, रवीना टंडन, दीया मिर्जा, श्रद्धा कपूर, ईशान खट्टर, आलिया भट्ट, रणबीर कपूर सहित अन्य हस्तियों ने समर्थन किया था।

वन्य जीवन नष्ट करने की योजना!
पर्यावरण संगठनों का आरोप है कि आरे में कारशेड निर्माण से हजारों की संख्या में पेड़ों को ही नहीं, बल्कि सैकड़ों की संख्या में जीव-जंतुओं को भी भारी नुकसान होगा। सूत्रों के अनुसार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से चार लाख पेड़ों पर खतरा बढ़ेगा। आरे के जंगल में ७६ प्रजाति के पक्षी हैं। तितलियों की ८० प्रजातियों, १६ स्तनधारी प्राणियों, तेंदुआ और ३८ सरीसृप की प्रजातियों के लिए भी खतरा निर्माण होगा।

शिवसेना ने किया है विरोध
पर्यावरण संरक्षण से जुड़े संगठनों सहित शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी जैसे राजनीतिक दलों का कहना है कि मेट्रो कारशेड का निर्माण आरे कॉलोनी के जंगल में करने के बदले कांजुरमार्ग में सरकारी जमीन पर किया जाए। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान कारशेड निर्माण के लिए कांजुरमार्ग का चयन भी किया गया था लेकिन राज्य में ‘मिंधे’ सरकार आने के बाद उस पैâसले को पलट दिया गया और कारशेड निर्माण के लिए पुन: आरे का चयन किया गया। आरे में कारशेड के निर्माण को लेकर शिवसेना ने कड़ा विरोध किया है।