श्रीलंका में गंभीर आर्थिक संकट के बीच कोलंबो में सड़क पर उतरे लोग, विपक्ष ने राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग पर किए हस्ताक्षर
कोलंबो: गंभीर आर्थिक समस्या का सामना कर रहे श्रीलंका में हालात काबू से बाहर होते दिख रहे हैं। गुरुवार को भारी तादाद में लोगों ने सरकार के विरोध में राजधानी कोलंबो में प्रदर्शन किया। सभी लगातार बढ़ रही खाने की कीमतों, ईंधन की कमी और विकराल होते बिजली संकट को लेकर सड़कों पर उतरे थे।
महंगाई के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन
सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे श्रीलंका में लोगों ने आर्थिक समस्या से निपटने में असफल रहे राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और प्रधान मंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे की मांग की है। साथ ही प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे की सरकार पर भ्रष्टाचार और कुशासन का आरोप भी लगाया है। श्रीलंका की मार्क्सवादी पार्टी, जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) अगले सप्ताह जनता का समर्थन करने और राजपक्षे सरकार को सत्ता से हटाने के लिए एक विशाल मार्च निकालने जा रही है।
विपक्ष की सरकार को घेरने की तैयारी
बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, जेवीपी के महासचिव, तिलविन सिल्वा ने कहा कि यह सार्वजनिक मार्च देश के इतिहास में सबसे बड़ा होगा। यह मार्च 17, 18 और 19 अप्रैल को आयोजित किया जाएगा। सिल्वा ने आगे कहा कि रैली 17 अप्रैल को सुबह 9 बजे बेरूवाला से शुरू होकर 19 अप्रैल को कोलंबो पहुंचेगी।
जनता से प्रदर्शन को सफल बनाने का आग्रह
जेवीपी महासचिव ने लोगों से प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए उनका साथ देने का आग्रह किया है। अपने एक बयान में सिल्वा ने कहा कि हमें एक जनशक्ति बनाने की जरूरत है जो इसे एक संघर्ष में बदल देगी, तब सरकार लोगों की मांगों को नजरअंदाज नहीं कर पाएगी। हमें एक जनशक्ति बनानी है जो भ्रष्ट सरकार को खदेड़ देगी, और एक ऐसी जनता की सरकार बनाएगी जो भ्रष्ट लोगों को सजा दे।
राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग पर हस्ताक्षर
वहीं, विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव और सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक एसजेबी के सांसदों की मौजूदगी में कोलंबो में विपक्ष के नेता के कार्यालय में महाभियोग पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
महामारी की शुरूआत से बिगड़ी स्थिति
गौरतलब है कि श्रीलंका आजादी के बाद से अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। जिसमें भोजन और ईंधन की कमी, बढ़ती कीमतों और बिजली कटौती ने बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित किया है। कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट दर्ज की गई है।