राजौरी। जिले के कोटरंका में मंगलवार देर रात हुए एक संदिग्ध धमाके में झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले दंपती बुरी तरह घायल हो गए। दोनों को उप जिला अस्पताल राजौरी के मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पुलिस व सेना के जवानों ने पूरे क्षेत्र को घेर कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि धमाका किस चीज से हुआ, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि यह देसी बम या ग्रेनेड हमला हो सकता है, फिलहाल पुलिस जांच में जुट गई है। बता दें कि एक माह पहले भी कोटरंका में थाने के बाहर दो धमाके हुए थे। उन्हें टाइमर आइइडी धमाके बताया गया था।
जानकारी के अनुसार, कोटरंका के जगलानू गांव में एक झुग्गी बस्ती के बाहर जोरदार धमाका हुआ, जिसकी आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई। इस धमाके की चपेट में आने से विनोद कुमार (23) और उनकी पत्नी क्रांति देवी (20) निवासी एटा, उत्तर प्रदेश गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों क्षेत्र में श्रमिक का काम करते हैं। धमाके के बाद मौके पर पहुंची पुलिस व स्थानीय लोगों को घायलों को उपजिला अस्पताल कोटरांका में पहुंचाया। जहां पर दोनों को प्राथमिक उपचार के बाद राजौरी के मेडिकल कालेज अस्पताल रेफर कर दिया गया। इस संबंध में राजौरी के एसएसपी मुहम्मद असलम ने कहा कि धमाके में घायल पति-पत्नी की हालत खतरे से बाहर है। धमाका किस तरह का था, इसकी जांच की जा रही है।
देसी बम या दागा गया ग्रेनेड :
धमाके के ठीक बाद मौके पर पहुंचे सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र में हल्की बारिश हो रही थी और झुग्गी में रहने वाले लोग सोने चले गए थे। इसी दौरान किसी ने देसी बम या फिर ग्रेनेड से हमला कर दिया। जिस तरह से घायलों को जख्म हुए हैं, उससे यह बात साफ हो रही है कि यह देसी बम या ग्रेनेड हो सकता है, हालांकि इसकी जांच की जा रही है।
क्षेत्र में फिर से पहले के हालात पैदा करने की साजिश :
कोटरंका में कुछ वर्ष पहले तक आतंक की तूती बोलती थी। शाम को पांच बजे सभी बाजार बंद हो जाते थे और लोग अपने घरों में कैद हो जाते थे, लेकिन अब कुछ हालात ठीक हुए तो क्षेत्र में फिर से शांति का माहौल कायम हुआ, लेकिन अब फिर से आतंकी संगठन क्षेत्र में पहले जैसे हालात पैदा करने की फिराक में जुटे हुए हैं।
एक पहले हुए दो धमाकों का भी अभी नहीं मिला है सुराग :
कोटरंका बाजार में थाने के बाहर भी लगभग एक माह पहले दो धमाके हुए थे, इन धमाकों में किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ था, लेकिन अभी तक यह मामला हल नहीं हो पाया है कि धमाकों के पीछे किसका हाथ था। इन धमाकों की राज्य जांच एजेंसी के साथ राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने भी जांच की थी।