परखा जाएगा भारतीयों के खून पर कोरोना का असर, रक्त पर दिखे दुष्प्रभाव से चिकित्सा विज्ञानी सतर्क
शोध में यह बात पहले ही सामने आ चुकी है कि कोरोना वायरस का घातक हमला श्वसन और पाचन तंत्र पर होता है, लेकिन रक्त पर भी उसके असर ने चिकित्सकों को चौंकाया है। चीन में हुए शोध में भर्ती मरीजों के रक्त में भी उसकी चाल पाई गई है। खून की श्वेत और रक्त कणिका तथा प्लेटलेट्स में भी इसका प्रभाव दिखा है। भारतीयों के खून में वायरस क्या खेल कर रहा है, इसको लेकर चिकित्सा विज्ञानी सतर्क हो गए हैं।
लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक व वरिष्ठ हिमेटोलॉजिस्ट डॉ. एके त्रिपाठी के मुताबिक, कोरोना वायरस शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर रहा है। खासकर, रक्त अवयव व रक्त कणिकाओं में भी दुष्प्रभाव छोड़ रहा है। इसी मुश्किल का हल ढूंढने के लिए संस्थान जल्द ही शोध प्रारंभ करने जा रहा है।
1099 मरीजों का अध्ययन चीन के डॉ. गुआन ने भर्ती संक्रमित मरीजों पर शोध किया। उन्होंने 30 अस्पतालों के 1099 मरीजों की रिपोर्ट का अध्ययन किया। इसमें वायरस ने शरीर की श्वेत रक्त कणिका (डब्ल्यूबीसी), प्लेटलेट्स, लाल रक्त कणिका (आरबीसी) में बदलाव मिला। खासकर, वायरस से लडऩे में मददगार डब्ल्यूबीसी के लिंफोसाइट मरीजों में काफी कम पाए गए।
खून में वायरस का खेल मरीजों के लिए जानलेवा बन सकता है। चूंकि, कोरोना पर दुनियाभर में चल रहे शोध सभी देशों के वैज्ञानिक साझा कर रहे हैैं। चौंकाने वाली यह स्टडी सामने आने के बाद हमारे शोधकर्ताओं ने भी तय किया कि भारतीयों के खून में वायरस कितना दुष्प्रभाव छोड़ रहा है, इस पर अध्ययन करेंगे। लोहिया संस्थान में हिमेटोलॉजी, मेडिसिन, बाल रोग विभाग के डॉक्टरों ने प्रोजेक्ट बनाकर जमा कर दिया है। एथिक्स कमेटी से अप्रूवल मिलते ही संस्थान के कोविड-हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों में कोरोना से रक्त में परिवर्तन पर शोध किया जाएगा।