कहीं आपके शहर में फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज तो नहीं चल रहा? जरूर पढ़े यह खबर आपके काम की हो सकती है
प्रशांत बख्शी/ मेरठ
मेरठ में पकडा गया फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज, देश की सुरक्षा से हो रहा था खिलवाड़
एसपी क्राइम अनित कुमार के अनुसार बीएसएनएल के अधिकारियों ने पुलिस अफसरों को सूचना दी थी कि बीएसनएल के सिम से फर्जी कॉल केरल में जा रही हैं। संदेह है की कोई फर्जी तरह से नेटवर्क पर काम कर रहा है। जिसकी जांच सर्विलांए एक्सपर्ट को दी गई।मेरठ. मेरठ के गंगानगर में फिर से फर्जी तरह से टेलीफोन एक्सचेंज पकड़ा गया है। इससे पहले मेरठ में साल 2015 में भी गंगानगर में फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज पकड़ा गया था। बीएसएनएल के अधिकारियों की सूचना पर गंगानगर पुलिस और एसओजी ने मिलकर यह कार्रवाई की है। एक आरोपी को पुलिस ने मौके से हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। वहीं एक आरोपी फरार हो गया। आरोपी किराए के मकान में फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे थे।एसपी क्राइम अनित कुमार के अनुसार बीएसएनएल के अधिकारियों ने पुलिस अफसरों को सूचना दी थी कि बीएसनएल के सिम से फर्जी कॉल केरल में जा रही हैं। संदेह है की कोई फर्जी तरह से नेटवर्क पर काम कर रहा है। जिसकी जांच सर्विलांए एक्सपर्ट को दी गई।
पुलिस ने जांच की तो पता चला की जो फर्जी कॉल आ रही हैं वह सिम कार्ड बिहार राज्य से खरीदे गए। पुलिस ने लॉकेशन ट्रेस की तो पता चला की मेरठ के गंगानगर में सिमकार्ड का संचालन किया जा रहा है। मौके से 187 सिमकार्ड, लैपटॉप, इंटरनेट कनेक्शन, सिम बॉक्स, राउटर और अन्य उपकरण बरामद किए हैं।बीएसएनल के डीजीएम राकेश चौधरी ने पूरा मामला एसएसपी प्रभाकर चौधरी को बताया। जिसके बाद गंगानगर थाना क्षेत्र में बक्सर के पास तिलकपुरम में तीसरी मंजिल पर छापा मारा। यहां एसओजी की टीम ने मोहम्मद शमी निवासी मवाना मेरठ को हिरासत में ले लिया। आरोपी ने बताया की फरवरी 2022 से फर्जी एक्सचेंज चलाया गया था। बीएसएनएल के अधिकारी यह जांच कर रहे हैं टेलीकॉम कंपनी को कितना नुकसान पहुंचाया।
शमी मेरठ के मवाना कस्बे का रहने वाला बताया गया है। इससे पहले वह दो साल तक सऊदी में टेलीफोन एक्सचेंज में काम कर चुका है। लॉकडाउन से पहले आया और अपने दोस्त मोहिसन खान के साथ मिलकर मेरठ में फर्जी एक्सचेंज तैयार करने का आइडिया आया।
फर्जी तरह से टेलीफोन एक्सचेंज पकड़े जाने के बाद जांच एजेंसी भी आज आरोपी से पूछताछ करेंगी। बताया जा रहा है की हर माह दस हजार से अधिक कॉल की जाती थी। विदेश से आने वाली आईएसडी कॉल को भी सामान्य कॉल में डायवर्ट किया गया। जो 187 सिम कार्ड मिले हैं। वह अलग अलग आईडी पर हैं।
उनमें 167 बीएसएनल और अन्य एयरटेल कंपनी के हैं। सभी प्राथमिक जांच में बिहार से खरीदने जाने बताए गए हैं। पुलिस मुख्य आरोपी मोहसिन की तलाश कर रही है, जो आईटी का एक्सपर्ट बताया गया है। अधिकांश कॉल खाड़ी देशों से आने वाली मिली हैं। वहीं जो कॉल गई हैं वह यूपी,बिहार, पंजाब और दूसरे राज्यों में होनी बताई गईं हैं।