नई दिल्ली। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में लगातार गिरावट हो रही है। इन दिनों अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 80 के करीब पहुंच गया है। लेकिन रुपया अकेली करेंसी नहीं है, जिसका मूल्य डॉलर के मुकाबले कम हो रहा है। दरअसल, इन दिनों दुनिया की सभी प्रमुख मुद्राएं डॉलर के मुकाबले खस्ताहाल हैं। अगर वैश्विक मुद्रा बाजार के आंकड़ों की पड़ताल करें तो पता चलता है कि ग्रीनबैक के मुकाबले अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपया कहीं बेहतर स्थिति में है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर उपजे नए भू-राजनीतिक तनावों के बीच उभरते बाजारों की मुद्राएं, डॉलर के मुकाबले लगातार गिर रही हैं। मंदी की आशंका के बीच जीडीपी की चिंता, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और बढ़ती महंगाई के चलते दुनिया भर में केंद्रीय बैंकों द्वारा सख्त मौद्रिक नीतियां लागू करने के कारण असुरक्षा का जो माहौल बना है, उसमें डॉलर की लिवाली तेज हो गई है और उसकी मांग दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। उदारीकरण के बाद दुनिया एक ग्लोबल विलेज की तरह हो गई है, ऐसे में विश्व-व्यवस्था में होने वाली किसी भी हलचल का प्रभाव रुपये सहित अन्य उभरती हुई मुद्राओं पर पड़ना लाजमी है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने अपनी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (Financial Stability Report) में कहा है कि रुपये की स्थिति दूसरी करेंसीज की तुलना में अपेक्षाकृत बेहतर है। फरवरी के अंत में यूक्रेन में युद्ध छिड़ने के बाद से आरबीआइ ने रुपये की कीमत को गिरने से रोकने के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार को खोल दिया है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर, माइकल डी पात्रा पहले ही कह चुके हैं कि केंद्रीय बैंक रुपये के मूल्य में किसी भी अप्रत्याशित गिरावट को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।
डॉलर के मुकाबले किसकी क्या है स्थिति
डॉलर के मुकाबले दुनिया की कुछ प्रमुख करेंसीज की बात करें तो यूरो हो या युआन, लीरा हो या ब्रिटिश पाउंड, सबका हाल, बेहाल ही नजर आता है।
टर्किश लीरा
तुर्की की मुद्रा लीरा (Turkish lira) की बात करें तो डॉलर के मुकाबले लीरा में लगातार गिरावट हो रही है। गुरुवार, 14 जुलाई को दिसंबर 2021 के बाद पहली बार लीरा का मूल्य 17.5 प्रति डॉलर तक गिर गया। जुलाई 2021 में एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लीरा की कीमत 8 के आसपास थी, जो एक साल बाद 16 से ऊपर बनी हुई है।
यूरो
डॉलर के मुकाबले सम-मूल्य पर खड़ी होने वाली यूरोपीय देशों की मुद्रा यूरो (Euro) की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है। इस माह डॉलर के मुकाबले यूरो में दो बार जबरदस्त गिरावट देखी गई है। बुधवार, 13 जुलाई को डॉलर के मुकाबले यूरो समानता से स्तर से नीचे आ गया। लगभग दो दशकों में यह पहली बार था, जब यूरो में इतनी गिरावट देखी गई। जुलाई 2021 में एक डॉलर 0.84 यूरो के बराबर था। जबकि जुलाई 2022 में यह लगातार 0.95 यूरो से ऊपर बना हुआ है।
ब्रिटिश पाउंड
15 जुलाई 2021 को एक ब्रिटिश पाउंड (British Pound) की कीमत 1.38 यूएस डॉलर थी जो जुलाई 2022 में घटकर 1.17 यूएस डॉलर रह गई है। मार्च 2020 के बाद पाउंड का यह सबसे न्यूनतम स्तर है। बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा बार-बार ब्याज दरें बढ़ाने के बावजूद 2022 में स्टर्लिंग में तेजी से गिरावट आई है।
चीनी युआन
15 जुलाई 2021 को एक अमेरिकी डॉलर 6.46 युआन (Renminbi) के बराबर था, जो 15 जुलाई 2022 को 6.79 युआन हो गया। इससे पहले 10 मई 2022 को चीनी युआन में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले बड़ी गिरावट देखने को मिली थी और यह 6.7134 पर पहुंच गया था। जीरो कोविड पॉलिसी के चलते सख्त लॉकडाउन और रियल एस्टेट बाजार में आई मंदी से चीन में आर्थिक विकास की दर बुरी तरह प्रभावित हुई है, ऐसे में युआन के दबाव में बने रहने की आशंका जताई जा रही है।
जापानी येन
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले जापानी येन (Japanese Yen) भी लगातार कमजोर हो रहा है। 22 जून 2022 को येन 24 साल के रिकॉर्ड निचले स्तर 136.45 प्रति डॉलर तक गिर गया। 2022 में ग्रीनबैक के मुकाबले येन की कीमत में 18 फीसद से अधिक की गिरावट हो चुकी है। 15 जुलाई 2022 एक डॉलर 138.80 येन पर था, जबकि एक साल पहले इसी दिन यह 109.98 युआन पर था।
कनाडियन डॉलर
पिछले एक साल से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 1.28 के इर्द-गिर्द घूमने वाला कनाडियन डॉलर (Canadian Dollar) भी 14 जून 2022 के बाद से लगातार हिचकोले खा रहा है। फिलहाल, एक अमेरिकी डॉलर के बदले इसके कीमत 1.32 तक गिर गई है।